स्कारलेट. 15 साल की बच्ची. अपने परिवार के साथ गोवा आई. 2008 में. गोवा में रहना उसको अच्छा लगा. अपनी मां से कहा कि उसे कुछ दिन और गोवा में रहना है. बहुत ज़िद के बाद मां ने उसे गोवा में उसके दोस्तों के साथ छोड़ दिया और परिवार के बाक़ी सदस्यों के साथ कर्नाटक चली गयी.

15 साल की बच्ची स्कारलेट कीलिंग
एक दिन स्कारलेट कीलिंग की लाश समुद्र के किनारे बीच पर मिली. लाश पर सुईयों के निशान थे. हाथ-पैर पर कटे के निशान थे. गोवा पुलिस पर मामले को छिपाने के आरोप लगे. मामले को अलग दिशा देने के भी. लेकिन स्कारलेट चूंकि ब्रिटेन की निवासिनी थी, और उनकी मां ने ये मामला उठाया था, तो धीरे-धीरे पूरे मामले को ब्रिटिश मीडिया में जगह मिली.
खूब बवाल हुआ तो भारत में मामले की जांच शुरू हुई. चूंकि स्कारलेट 15 साल की ही थीं, तो इस मामले को चाइल्ड कोर्ट में सुना गया. बहुत दिनों तक सुनवाई हुई. जांच हुई. जांच में स्कारलेट की डायरी सामने आई. इस डायरी में स्कारलेट ने अपने जीवन के बारे में बहुत सारी बातें लिखी थीं. ड्रग्स लेने और पहली बार सेक्स करने जैसी बातें थीं. फिर स्कारलेट ने बताया कि कैसे कुछ लोग उसका लगातार बलात्कार कर रहे हैं. और उसका दम घुट रहा था.
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पुलिस की जांच बढ़ती जा रही थी. लोगों से बात की गयी. गवाह सामने आये. लोगों ने बताया कि कैसे कुछ लोग स्कारलेट को कुछ खिलाते-पिलाते देखे गए, कैसे कुछ पुरुष स्कारलेट के ऊपर पार्क में लेटे देखे गए. पोस्टमोर्टम रिपोर्ट में स्कारलेट के शरीर में LSD, कोकीन, और एक्सटेसी जैसे भारीभरकम नशीले पदार्थ पाए गए थे. उसके शरीर पर 50 से ज्यादा कटने के निशान मिले थे.
सभी चीज़ों को जोड़कर पुलिस ने अपनी थ्योरी बनाई. और दो लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. सैमसन डिसूज़ा और प्लासिडो कार्वाल्हो.

सैमसन डिसूज़ा और प्लासिडो कार्वाल्हो
गोवा में चिल्ड्रेन कोर्ट ने पिछले साल इस मामले में फैसला सुनाया था. कोर्ट ने सैमसन डिसूज़ा और प्लासिडो कार्वाल्हो को आरोपों से बरी कर दिया. स्कारलेट की मां फिओना ने कोर्ट के इस फैसले पर अचरज जताया था.
मीडिया से बात करते हुए फिओना ने कहा था,
"मुझे आश्चर्य होता है कि अदालत ने सभी को आरोपों से बरी कर दिया है. कोर्ट को यह भी नहीं लगा कि उन्होंने मेरी बेटी के सम्मान के साथ खिलवाड़ किया था."

स्कारलेट की मां फिओना मैकयान
फिओना ने न्याय प्रक्रिया और सीबीआई पर भी सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था,
"मुझे न्यायप्रक्रिया में बिलकुल भरोसा नहीं है कि मुझे अब न्याय मिलेगा. मुझे सीबीआई पर थोड़ा भरोसा था लेकिन ये केस उन लोगों के हाथ के बाहर का है."चाइल्ड कोर्ट में तो मामला ख़त्म हो गया. लेकिन मामला गया बॉम्बे हाईकोर्ट में गया. कोर्ट में सुनवाई हुई और कोर्ट ने सैमसन डिसूज़ा को दोषी ठहराया है, जबकि प्लासिडो कार्वाल्हो को बरी कर दिया.
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