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ऑपरेशन सिंदूर के समय ईरान की तरफ भाग गई थी पाकिस्तानी नौसेना? सामने आई सैटेलाइट तस्वीरें

जो सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं, उनसे ये साफ है कि इस पूरे संघर्ष के दौरान पाकिस्तान ने ऑफेंसिव नहीं बल्कि डिफेंसिव रुख रखा. उसने सीमा पर ड्रोन तो भेजे, लेकिन उसे डर था कि कहीं इंडियन नेवी उसे समंदर से न घेर ले. इसलिए पाकिस्तान ने अपनी नेवी के जहाजों को ईरान की तरफ ग्वादर पोर्ट पर रवाना कर दिया था.

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पाकिस्तानी नेवी ने प्रेस ब्रीफिंग में एडिटेड फोटोज दिखाए थे, ये तस्वीरें एक साल पुरानी थीं (PHOTO-India Today)

ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद से ही पाकिस्तान के झूठे दावों का पुलिंदा ध्वस्त होता जा रहा है. एक नई सैटेलाइट (Maxar Satellite Image) इमेजरी आई है जिसमें ये साफ दिख रहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नुकसान के डर से पाकिस्तानी नेवी के जहाज (Pakistan Navy) अपने पोर्ट छोड़कर ईरान की तरफ चले गए थे. दावा है कि उन्हें डर था कि इंडियन नेवी उन पर कभी भी हमला कर सकती है.

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भाग गई थी पाकिस्तानी नेवी?

6 और 7 मई की दरम्यानी रात भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमला किया था. इसके बाद नई दिल्ली से इस्लामाबाद को एक फोन गया. इस फोन कॉल में वहां के DGMO को इस कार्रवाई की पूरी जानकारी दी गई. लेकिन पाकिस्तान को अपनी अवाम को 'एंटी-इंडिया' वाली घुट्टी भी पिलानी थी. इसलिए वो बड़े-बड़े दावे करने लगा. कड़ा जवाब देने की बातें करने लगा. इंटरनेशनल कम्युनिटी को ये जताने लगा कि वो बहुत आक्रामक कार्रवाई करेगा. 

ग्वादर के व्यावसायिक पोर्ट पर खड़े पाकिस्तानी नौसेना के युद्धपोत. (Photo: MAXAR)
10 मई को ग्वादर पोर्ट पर दिखे थे पाकिस्तानी जहाज

लेकिन जो सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं, उनसे ये साफ है कि इस पूरे संघर्ष के दौरान पाकिस्तान ने ऑफेंसिव नहीं बल्कि डिफेंसिव रुख रखा. उसने सीमा पर ड्रोन तो भेजे, लेकिन उसे डर था कि कहीं इंडियन नेवी उसे समंदर से न घेर ले. इसलिए पाकिस्तान ने अपनी नेवी के जहाजों को ईरान की तरफ ग्वादर पोर्ट पर रवाना कर दिया था. अधिकतर जहाजों को ऐसे पोर्ट्स पर भेज दिया गया जो नेवी के लिए इस्तेमाल नहीं किए जाते.

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operation sindoor unseen satellite photo
8 मई को कराची पोर्ट की सैटेलाइट तस्वीर

इंडिया टुडे के ओपन सोर्स इंटेलिजेंस के एनालिसिस के मुताबिक संघर्ष के चरम के दौरान पाकिस्तान ने कराची स्थित अपने नेवल डॉक को लगभग खाली रखा था. अधिकतर जहाज व्यावसायिक टर्मिनल पर भेज दिए गए. ये एक पुराना पैटर्न है जिसे पाकिस्तान नेवी ने 1971 में भी फॉलो किया था. इसका इस्तेमाल जहाजों को मिसाइल हमले से बचाने के लिए किया जाता है. नेवल जहाज वहां के व्यावसायिक जहाजों की आड़ लेते हैं जिससे वो दुश्मन की नजर में न आएं.

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10 मई को ग्वादर पोर्ट पर कई पाकिस्तानी वॉरशिप्स खड़े थे.
पाकिस्तानी फ्रिगेट की ताकत का दावा फुस्स निकला

ऑपरेशन सिंदूर से लगभग 6 महीने पहले पाकिस्तानी सेना ने एक प्रोपेगैंडा वीडियो जारी किया. इस वीडियो में उसने दावा किया कि चीन में बने 'जुल्फिकार क्लास फ्रिगेट' (F-22P) से एक मिसाइल दागी गई थी. पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसने इस फ्रिगेट में स्वदेशी रूप से विकसित शिप लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल जोड़ लिया है. इसकी रेंज भी 350 किलोमीटर बताई गई थी. लेकिन जैसे ही इंडिया ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया, पाकिस्तान अपनी कथित ताकत दिखाने की जगह अपने जहाजों को बचाने में लग गया. उसके युद्धपोत पश्चिम पाकिस्तान के ग्वादर में खड़े थे. ग्वादर बलूचिस्तान में पड़ता है जहां समुद्री मार्ग से ईरान लगभग 100 किलोमीटर दूर है.

ग्वादर का नया इस्तेमाल

जियो-इंटेलिजेंस एक्सपर्ट डेमियन साइमन ने भारत-पाक संघर्ष का बारीकी से अध्ययन करने के बाद बताया है कि पाकिस्तान पर इस बार भारत का दबाव था. भारत किसी भी कीमत पर रुक नहीं रहा था. साथ ही भारत ने अरब महासागर में INS विक्रांत के नेतृत्व में अपने कैरियर बैटल ग्रुप को तैनात किया था. इस तैनाती ने पाकिस्तानी नेवी के सारे दावों को हवा कर दिया.

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ऑपरेशन सिंदूर पर संयुक्त मीडिया ब्रीफिंग के दौरान इंडियन नेवी के वाइस एडमिरल ए एन प्रमोद ने कहा था कि इंडियन नेवी अरब सागर में काफी मजबूत स्थिति में थी. वो पाकिस्तान की जमीन या कराची पर अपने चुने हुए समय पर हमला करने को पूरी तरह से तैयार थी.

वीडियो: पाकिस्तान ने अपनी नेवी के एडिटेड वीडियोज़ दिखाए, ट्रोल होने लगे

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