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सपना ने बिना कुछ किए भाजपा-कांग्रेस समर्थकों को पूरी तरह एक्सपोज़ कर दिया

जो हाल दिल का उधर हो रहा है, वही हाल दिल का इधर हो रहा है.

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सपना चौधरी को सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल किया जा रहा है.
सपना चौधरी. हरियाणा की मशहूर डांसर. पिछले तीन-चार दिनों से खूब चर्चा में हैं, लेकिन अपने डांस की वजह से नहीं, सियासत की वजह से. और इसकी शुरुआत हुई सपना के कांग्रेस में जाने की अटकलों से. वक्त सोशल मीडिया का है, तो सोशल मीडिया पर खबर आई कि सपना चौधरी कांग्रेस में शामिल हो गई हैं और वो मथुरा से बीजेपी की उम्मीदवार हेमा मालिनी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी. अभी इस खबर पर सपना चौधरी या कांग्रेस कुछ रिऐक्शन देती, उससे पहले सोशल मीडिया पर रिऐक्शन आने शुरू हो गए. और ये सब हुआ इस वजह से, क्योंकि सपना चौधरी की कांग्रेस में शामिल होने की खबरनुमा अफवाह फैल गई. और रिऐक्शन ऐसे-ऐसे आए कि उन्हें देखकर-पढ़कर शर्म भी पानी-पानी हो जाए. देखिए क्या लिखा जा रहा था सोशल मीडिया पर.
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सपना के खिलाफ खूब अनाप-शनाप लिखा गया सोशल मीडिया पर.

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सपना पर भद्दे कमेंट करने वाले लोगों ने इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी तक को नहीं छोडा.

ये तो बस दो उदाहरण भर हैं. सोशल मीडिया पर जाइए तो ऐसी हजारों पोस्ट मिल जाएंगी. लेकिन बात यही खत्म नहीं होती. क्योंकि सोशल मीडिया पर बैठे एक तरफ के ट्रोल्स सपना चौधरी को निशाना बना रहे थे, तो दूसरी तरफ के ट्रोल्स के निशाने पर आ गईं फिल्म एक्ट्रेस और मथुरा से सांसद हेमा मालिनी के साथ ही केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी. दोनों के खिलाफ भद्दे कमेंट शुरू हो गए. देखिए लोगों ने कैसे अपनी भड़ास निकाली है.
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सपना चौधरी का बचाव करने वालों ने भी वही ओछी हरकतें कीं और स्मृति ईरानी-हेमा मालिनी पर भद्दे-भद्दे कमेंट करने लगे.

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ऊपर वाले स्क्रीन शॉट कांग्रेस के विरोधी हैं और नीचे वाले स्क्रीन शॉट बीजेपी के विरोधी. दोनों में क्या अंतर है? अगर मिल जाए, तो हमें भी बता दीजिएगा. क्योंकि हमें अंतर पता नहीं चल पा रहा है. समानता इतनी है कि दोनों ही पक्षों के लोगों के निशाने पर महिलाएं हैं. एक के निशाने पर सपना चौधरी हैं तो दूसरे पक्ष के निशाने पर स्मृति और हेमा मालिनी. सोशल मीडिया पर बैठे ट्रोल्स को ये गवारा नहीं है कि हरियाणा की एक मशहूर डांसर या फिर एक फिल्म ऐक्ट्रेस या फिर एक टीवी ऐक्ट्रेस सियासत करे, उन्हें गवारा नहीं है कि एक महिला चुनाव में उतरे,  उन्हें गवारा नहीं है कि एक महिला इतनी ताकतवर हो जाए कि वो संसद भवन तक पहुंच जाए. ये खेल बीजेपी और कांग्रेस की सियासत का नहीं, महिला के सियासत में उतरने का है और यही वजह है कि सोशल मीडिया के ट्रोल्स चाहे बीजेपी समर्थक हों या फिर कांग्रेस समर्थक, उनकी भाषा एक सी है.


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