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अमेठी में संजय गांधी अस्पताल पर सरकारी ताला, कांग्रेस बोली बदले की भावना से कार्रवाई, मामला क्या है?

अमेठी के संजय गांधी अस्पताल को वो ट्रस्ट चलाता है जिसकी अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं. एक महिला की मौत के बाद सरकार ने अस्पताल क्यों बंद कर दिया?

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कांग्रेस ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अस्पताल का ताला खुलवाने की मांग की है | फाइल फोटो: आजतक

अमेठी का संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल. एक महिला की मौत और उसके परिवार के आरोपों के बाद बंद कर दिया गया है. अब इसे लेकर सियासी बवाल शुरू हो गया है. कांग्रेस ने राज्य की भाजपा सरकार पर अस्पताल को "निशाना" बनाकर "राजनीतिक बदला" लेने का आरोप लगाया है. उसका कहना है कि अस्पताल इसलिए बंद किया गया क्योंकि ये उस ट्रस्ट द्वारा संचालित है जिसकी अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं. कांग्रेस ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अस्पताल का ताला खुलवाने की मांग की है.

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कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने सीएम योगी आदित्यनाथ को इसके लिए एक पत्र भी लिखा है. इसमें उन्होंने संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस रद्द किए जाने के आदेश को वापस लेने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि अस्पताल का रजिस्ट्रेशन रद्द करना उचित नहीं है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने पत्र में आगे कहा है कि संजय गांधी अस्पताल में लाखों लोगों का इलाज़ होता है. अस्पताल कम पैसे पर बड़ी स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराता है. ये अस्पताल अमेठी क्षेत्र के स्वास्थ्य सेवाओं की लाइफ लाइन है. ऐसे में उन्हें विश्वास है कि सीएम के निर्देशों से अमेठी की जनता व संजय गांधी अस्पताल के साथ अन्याय नहीं होगा.

अस्पताल पर ताला क्यों लगाया गया?

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक 14 सितंबर की सुबह पेट दर्द की शिकायत के बाद एक 22 साल की महिला को संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन, पित्ताशय की सर्जरी से पहले उसकी हालत खराब होने पर उसे लखनऊ के एक निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया. जहां 16 सितंबर को महिला की मौत हो गई. महिला के परिवार ने आरोप लगाया कि संजय गांधी अस्पताल में एनेस्थीसिया के ओवरडोज के कारण महिला की मौत हुई. इसे लेकर 17 सितंबर को एक FIR दर्ज की गई. पुलिस ने महिला की मौत पर अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सहित चार कर्मचारियों के खिलाफ इलाज के दौरान लापरवाही से मौत होने का मामला दर्ज किया.

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इस मामले का संज्ञान लेते हुए अमेठी के जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने भी जांच के आदेश दिए और अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया. 18 सितंबर को जिला स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि पहली नजर में इलाज के दौरान लापरवाही के सबूत मिले हैं और इसलिए अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है.

आदेश के अगले दिन यानी 19 सितंबर को यूपी के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि शुरूआती जांच में पाई गई कमियों के आधार पर अस्पताल प्रशासन को क्लिनिकल एक्ट के तहत स्पष्टीकरण मांगने के लिए नोटिस जारी किया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि लापरवाही पाए जाने पर अस्पताल को सील कर दिया जाएगा.

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400 कर्मचारियों पर संकट

उधर, अमेठी के मुंशीगंज में स्थित संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करने के बाद अस्पताल के 400 से अधिक कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. बुधवार (20 सितंबर) को अस्पताल में तैनात कर्मचारियों ने अस्पताल परिसर में प्रदर्शन करने के बाद डीएम को ज्ञापन सौंपा. उन्होंने अस्पताल के लाइसेंस को बहाल करने की मांग की. कर्मचारियों का कहना था कि अगर अस्पताल बंद हो गया तो उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा.

कांग्रेस ने कहा स्मृति ईरानी के इशारे पर हुआ सब

कांग्रेस जिला अध्यक्ष और कांग्रेस के पूर्व एमएलसी दीपक सिंह के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने भी विरोध प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस के पूर्व एमएलसी दीपक सिंह ने कहा कि अस्पताल को बंद करना बिल्कुल ठीक नहीं है. अगर कोई संस्थागत व्यक्ति हो और वह संविधान की शपथ ले तो उसे संविधान के दायरे में रहकर काम करना चाहिए. दीपक सिंह ने सांसद स्मृति ईरानी पर निशाना साधने के साथ स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति कई बार विधायक रहा हो, कानून मंत्री रहा हो, उसे तो अमेठी की सांसद स्मृति ईरानी के इशारे पर ये काम नहीं करना चाहिए.

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