The Lallantop

जग्गी वासुदेव ने शिवाजी पर ऐसा क्या कहा जो बवाल हो गया, माफी की मांग होने लगी?

"तुरंत माफी मांगो, नहीं तो..."

Advertisement
post-main-image
जग्गी वासुदेव ने शिवाजी को लेकर एक कहानी सुनाई. (फाइल फोटो)

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने ईशा फाउंडेशन के संस्थाप जग्गी वासुदेव (Sadguru Jaggi Vasudev) से एक वीडियो के संदर्भ में बिना शर्त माफी की मांग की है. पार्टी का आरोप है कि जग्गी वासुदेव ने अपमानजनक और झूठा दावा किया है कि संत रामदास मराठा शासक छत्रपति शिवाजी (Shivaji Ramdas) के गुरु थे और वो रामदास ही थे जिन्होंने शिवाजी को भगवा ध्वज दिया था.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, NCP नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि यह पूरी तरह से झूठ है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है. उन्होंने ये भी कहा कि यह शिवाजी का ही नहीं, बल्कि पूरे महाराष्ट्र का अपमान है. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सद्गुरु जल्द से जल्द बिना शर्त माफी मांगें. आह्वाड ने जग्गी वासुदेव के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की.

जग्गी वासुदेव ने क्या कहा था?

रिपोर्ट्स के अनुसार, जग्गी वासुदेव के जिस वीडियो को लेकर विवाद हो रहा है उसमें वो मराठा राजा के बारे में एक कहानी सुनाते हुए दिखाई दे रहे हैं. वो कहते हैं कि शिवाजी के एक गुरु थे, जिनका नाम रामदास था. वासुदेव ने आगे कहा कि एक दिन शिवाजी अपने महल की बालकनी में खड़े थे, तब उन्होंने अपने गुरु को घर-घर भीख मांगते देखा, फिर सोचा कि आखिर उनके गुरु क्यों सड़कों पर भीख मांग रहे हैं. वो राजा हैं, उनके गुरु सड़कों पर भीख नहीं मांग सकते.

Advertisement

वीडियो में जग्गी वासुदेव आगे कहते हैं कि शिवाजी ने गुरु को चिट्ठी भेजी और अगले दिन रामदास महल आए. इस चिट्ठी में शिवाजी ने लिखा था कि वो अपना पूरा राज्य उनके चरणों में रख रहे हैं. रामदास ने शिवाजी से पूछा कि बाद में वो क्या करने जा रहे थे क्योंकि वो राज्य छोड़ रहे थे. शिवाजी ने कहा वो जो भी करें, शिवाजी बस अपने गुरु के पास रहना चाहते हैं और उनकी सेवा करना चाहते हैं.

जग्गी वासुदेव ने यह भी कहा कि दोनों साथ में भीख मांगने गए थे. वीडियो में उन्होंने आगे कहा कि रामदास ने शिवाजी को नारंगी रंग का कपड़ा दिया और उसे एक बैनर के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए कहा. वासुदेव ने आगे कहा कि शिवाजी ने आगे नारंगी कपड़े का ही इस्तेमाल किया.

इससे पहले भी महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी और संत रामदास को लेकर कई बार विवाद हो चुका है. दक्षिणपंथी विचारधारा के लोग संत रामदास को छत्रपति शिवाजी का गुरु बताते हैं. मराठा संगठन इन दावों का खंडन करते हैं. इन संगठनों का कहना है कि इस बात का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं हैं. 

Advertisement

वीडियो: जग्गी वासुदेव ने यशोदा और कृष्ण के बारे में ऐसा क्या कहा कि बवाल हो गया

Advertisement