The Lallantop

सचिन के सबसे बड़े फैन को अब स्टेडियम में घुसने भी नहीं दिया जा रहा

शरीर पर तिरंगा, एक हाथ में झंडा और दूसरे में शंख. ये सुधीर हैं, जिन्हें हर क्रिकेट-प्रेमी पहचानता है.

Advertisement
post-main-image
फोटो - thelallantop
उस शख्स के बारे में पहली बार तब ठीक से देखा-सुना था, जब पता चला था कि सचिन तेंदुलकर ने उसे मिलने के लिए अपने घर बुलाया है और वेस्ट इंडीज वर्ल्ड कप देखने वो सचिन के खर्चे पर जाएगा.
जब भी हम देश में हो रहे किसी मैच को देखते हैं, उस आदमी पर कैमरा बार-बार घूमता है. टीम इंडिया और सचिन तेंदुलकर का जबरा फैन. पूरा शरीर तिरंगे में पुता हुआ. एक हाथ में झंडा और एक हाथ में शंख लिए हुए. पीठ पर तेंदुलकर और 10 नंबर लिखा रहता है. अब उसके सीने पर 'मिस यू तेंदुलकर' लिखा होता है. उस शख्स का नाम है सुधीर कुमार चौधरी. उसे सुधीर गौतम के नाम से भी जाना जाता है. वो शख्स, जिसके बारे में कहा जा सकता है कि फैन हो तो सुधीर जैसा हो वरना ना हो.
लेकिन, इंडिया-इंग्लैंड के बीच हो रहे तीसरे टेस्ट मैच में उसे पंजाब के आईएस बिंद्रा स्टेडियम में जाने से रोक दिया गया. वजह, उसके शरीर पर लगा पेंट. कहा गया कि इस तरह शरीर पर तिरंगे का पेंट लगाना तिरंगे का अपमान है. कौन है सुधीर sudhir
सुधीर गौतम

इंडिया का कोई भी मैच देश के किसी भी कोने में हो, सुधीर 2003 से हर मैच देखने जरूर पहुंचते हैं. सुधीर की दीवानगी का आलम ये है कि वो सिर्फ मैच ही नहीं, प्रैक्टिस सेशन भी देखने पहुंचते हैं.
सुधीर ख़बरों में तब आए थे, जब 28 अक्टूबर, 2003 को इंडिया-ऑस्ट्रेलिया के एक मैच में सचिन को देखने वो मुज़फ्फरपुर से मुंबई 21 दिनों तक साइकिल चलाकर पहुंचे थे.
2011 का वर्ल्ड कप जीतने पर सचिन ने खुद उन्हें बुलाया और ड्रेसिंग रूम में उनके साथ जीत का जश्न मनाया. तेंदुलकर ने सुधीर को ज़हीर खान के हाथों वर्ल्ड कप की ट्रॉफी भी पकड़ने को दी थी. उन्होंने ट्रॉफी पकड़कर सचिन के साथ फोटो खिंचवाई.
sudhir 2
फोटो साभार- One India

2009 में सचिन से हाथ मिलाने के चक्कर में एक पुलिसवाले से उनकी झड़प भी हुई थी. बाद में सचिन ने आकर बीच-बचाव किया और कहा कि वो सुधीर को जानते हैं. पुलिसवाले ने भी सुधीर से माफ़ी मांग ली. तब से सुधीर हर मैच देखने आते हैं और खर्च BCCI उठाती है.
सुधीर मुज़फ्फरपुर के रहने वाले हैं. 6 साल की उम्र से सचिन के कर्रे वाले फैन हैं. 14 की उम्र में पढ़ाई-लिखाई छोड़ दी थी. कुछ दिनों तक दूध की एक कंपनी में काम किया, फिर उसे छोड़कर पैशन के पीछे लग गए. अपनी शादी भी टाल दी, ताकि इंडिया का हर मैच देख सकें. उनके मां-बाप नाराज हो गए, तो सुधीर ने खुद को जला डालने की धमकी दे दी. कहा कि अब पूरी जिंदगी वो इसी काम में लगे रहेंगे. उनका जेब-खर्च लोगों की मदद से चलता है.
सुधीर को स्टेडियम में जाने से इसलिए रोका गया, क्योंकि पंजाब क्रिकेट असोसिएशन ने फ्लैग कोड ऑफ़ इंडिया 2002 और Prevention of Insults to the National Honour Act, 1971 का कड़ाई से पालन करने को कहा है. असोसिएशन के सेक्रेटरी ने कहा कि हमसे नियम का पालन करने को कहा गया है. इस बारे में लोकल पुलिस के अफसरों को सूचना दे दी गई है.
सुधीर ने कहा, ''मेरे साथ ऐसा कभी नहीं हुआ. मैंने इंडियन टीम के सिक्यॉरिटी इनचार्ज को इस बारे में बता दिया है. उन्होंने वादा किया है कि वो मामले को देखेंगे.''
सवाल ये है कि सुधीर को जब आज तक शरीर पर तिरंगे का पेंट लगाने की वजह से स्टेडियम में जाने से नहीं रोका गया, हर बार उन्हें देखकर जश्न मनाया गया, तो अब क्यों रोका जा रहा है?

ये स्टोरी निशान्त ने की है.

Advertisement
 

Advertisement
Advertisement
Advertisement