विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक किस्सा सुनाया है. उन्होंने बताया कि 1984 में जब खालिस्तान समर्थकों ने प्लेन हाईजैक किया था तो सरकार की तरफ से बातचीत करने वाले दल में उन्हें भी शामिल किया गया था. पर तभी ये पता चला कि जिस प्लेन को हाईजैक किया गया है उसमें उनके पिता के. सुब्रमण्यम भी सवार थे. एस जयशंकर बताते हैं कि वो सरकार का भी हिस्सा थे जिस पर बंदियों के परिवारों का दबाव था. साथ ही उन परिवारों का भी हिस्सा थे जो सरकार पर दबाव बना रहे थे.
"हम प्लेन हाईजैकिंग से निपट रहे थे, पता चला मेरे पिता उसी में थे", एस जयशंकर ने सुनाया दिलचस्प किस्सा
EAM S Jaishankar से अनुभव सिन्हा की नई सीरीज़ 'IC 814: कांधार हाईजैक' पर सवाल पूछा गया. इस दौरान उन्होंने अपना किस्सा सुनाया.


जयशंकर जेनेवा में भारतीय लोगों के एक कार्यक्रम में बातचीत कर रहे थे. इस दौरान उनसे निर्देशक अनुभव सिन्हा की नई सीरीज़ ‘IC 814: कांधार हाईजैक’ पर सवाल पूछा गया. इस पर जयशंकर ने कहा कि उन्होंने अभी तक सीरीज़ नहीं देखी है, इसलिए वो कोई टिप्पणी करना नहीं चाहेंगे. इसके बाद जयशंकर ने 1984 प्लेन हाईजैक का किस्सा सुनाया.
"1984 में विमान अपहरण हुआ था. सरकार में मैं नया अधिकारी था. मैं उस टीम का हिस्सा था जो इस मामले से निपट रही थी. मैंने अपनी मां को फोन करके बताया, मैं घर नहीं आ सकता, हाईजैक हुआ है. और फिर मुझे पता चला कि मेरे पिता भी उस फ्लाइट में थे. यह एक लंबी कहानी है. लेकिन अच्छी बात ये रही कि किसी की जान नहीं गई."
जयशंकर एक IFS अधिकारी थे. बाद में नरेंद्र मोदी ने उन्हें अपनी कैबिनेट में शामिल किया और विदेश मंत्री बनाया. उनके पिता के सुब्रह्मण्यम एक IAS अधिकारी थे. वो स्ट्रैटेजिक मामलों के प्रतिष्ठित एक्सपर्ट माने जाते थे. हाईजैक प्लेन में उनके पिता भी बैठे थे, इसे लेकर जयशंकर ने आगे कहा,
"और यह दिलचस्प था क्योंकि एक तरफ, मैं उस टीम का हिस्सा था जो अपहरण पर काम कर रही थी. दूसरी तरफ, मैं उन परिवार के सदस्यों का हिस्सा था जो अपहरण के लिए सरकार पर दबाव डाल रहे थे. इसलिए वास्तव में, मेरे पास दोनों तरफ को नज़दीक से देखने का अनुभव मिला."
5 जुलाई 1984 को इंडियन एयरलाइंस के विमान को पठानकोट से अपहरण कर दुबई ले जाया गया था. इस हाईजैक में 36 घंटे से ज़्यादा समय के बाद 12 खालिस्तान समर्थक अपहरणकर्ताओं ने आत्मसमर्पण कर दिया था. इस घटना में किसी भी यात्री या फ्लाइट के क्रू मेंबर्स को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया था. 68 यात्रियों और छह क्रू मेंबर्स बिना किसी नुकसान के रिहा कर दिए गए थे.
जयशंकर ने IC 814 पर सीधे तौर पर तो टिप्पणी नहीं की लेकिन उन्होंने कहा कि फ़िल्म वाले कई बार सरकार को अच्छा नहीं दिखाते हैं. उन्होंने कहा कि हीरो को अच्छा दिखाते है. अगर ऐसा नहीं होगा फिर कोई भी फ़िल्म नहीं देखेगा. उन्होंने कहा कि इस बात को स्वीकार करना चाहिए.
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