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भारतीयों को यूक्रेन से निकालने के लिए दूतावास ने एक और बड़ी जानकारी दी

राजधानी कीव में वीकेंड कर्फ्यू हटा लिया गया है.

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यूक्रेन से भारत वापस लौटने वाले छात्र (तस्वीर- S Jaishankar/Twitter)
यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने सोमवार, 28 फरवरी को एक और एडवाइजरी जारी की. इसमें वहां फंसे भारतीय नागरिकों को बताया गया कि राजधानी कीव में वीकेंड कर्फ्यू हटा लिया गया है. दूतावास ने सभी छात्रों को पश्चिमी हिस्सों में जाने के लिए रेलवे स्टेशन की तरफ जाने की सलाह दी है. साथ ही कहा कि लोगों को निकालने के लिए यूक्रेन रेलवे स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था कर रहा है. भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी में लिखा है,
"हम सभी भारतीय नागरिकों/छात्रों से शांत और एकजुट रहने की अपील करते हैं. रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ जमा हो सकती है, इसलिए सलाह दी जाती है कि सभी छात्र धैर्य बनाकर रखें और रेलवे स्टेशन पर किसी तरह उग्र व्यवहार ना दिखाएं. क्योंकि ट्रेनों के पहुंचने में देरी हो सकती है, यहां तक कि अंतिम समय में रद्द भी हो सकती है और लंबी लाइनें लग सकती हैं. भारतीय छात्रों से अनुरोध है कि वे अपना पासपोर्ट, पर्याप्त कैश, खाने के सामान, ठंड के कपड़े और सिर्फ जरूरी सामान ही लेकर चलें ताकि सफर आसान हो."
दूतावास ने भारतीयों को निकालने में मदद के लिए यूक्रेन के लोगों की भी प्रशंसा की है. भारतीय नागरिकों को संबोधित इस बयान के मुताबिक,
"यूक्रेन के नागरिक और प्रशासन, दोनों ने इस संकट के समय में भारतीय नागरिकों को बाहर निकालने में बेहतरीन तरीके से मदद की है. आप सभी से अनुरोध है कि इन भावनाओं का सम्मान करें."

1,400 नागरिक वापस आए

भारत सरकार यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए 'ऑपरेशन गंगा' अभियान चला रही है. इसके तहत अब तक 6 फ्लाइट के जरिए 1,400 से ज्यादा भारतीय नागरिकों को लाया चुका है. अभियान के तहत विदेश राज्य मंत्री डॉ राजकुमार रंजन सिंह ने सोमवार को जानकारी दी कि जैपोरिजिया से उजगोरोड तक बड़ी संख्या ट्रेन से लिफ्ट किया जा रहा है. उजगोरोड यूक्रेन की पश्चिमी सीमा पर स्थित है, जो स्लोवाकिया से सटा हुआ है. मंत्री ने बताया,
"आज करीब 1,200 भारतीय विदेश मंत्रालय के ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन से निकाले जाएंगे."
विदेश मंत्रालय ने बताया कि इनमें से चार फ्लाइट बुकारेस्ट (रोमानिया) और दो फ्लाइट बुडापेस्ट (हंगरी) से भारतीयों को लेकर आई हैं. मंत्रालय ने ये भी कहा कि विदेश मंत्रालय की एडवाइजरी जारी होने के बाद से करीब 8,000 भारतीय नागरिक यूक्रेन छोड़ चुके हैं. सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा,
"हम सभी भारतीय नागरिकों और छात्रों से अनुरोध करते हैं कि वे पश्चिमी यूक्रेन की तरफ जाएं. सीधे बॉर्डर की तरफ न पहुंचें. बॉर्डर पर बहुत भीड़ है, इसलिए इसमें समय लगेगा. हम अनुरोध करते हैं आप नजदीक के शहर में जाएं. वहां पर रुकें, हमारी टीमें वहां आपकी मदद करेंगी. पैनिक ना हों, हमारे पास पर्याप्त फ्लाइट हैं."
बागची ने कहा कि अगर यूक्रेन से भारतीयों को वापस लाने के लिए जरूरत पड़ी, तो भारतीय वायुसेना की भी मदद ली जाएगी. इससे पहले आज केंद्र सरकार ने भारतीयों को वापस लाने के लिए चार मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजने का फैसला लिया. इन मंत्रियों को भारत का 'विशेष दूत' बनाकर भेजा जाएगा. इसके तहत केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी हंगरी जाएंगे. वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया और मोलदोवा के जरिए आने वाले भारतीयों का प्रबंधन देखेंगे. किरेन रिजिजू स्लोवाकिया और जनरल वीके सिंह पोलैंड जाएंगे.

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