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"जनसंख्या बढ़ाने का काम तो जानवर भी करते हैं" - संघ प्रमुख मोहन भागवत

मोहन भागवत ने कहा - "धर्मांतरण व्यक्ति को अलग-थलग कर देता है"

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मोहन भागवत. (फोटो: पीटीआई)

जनसंख्या वृद्धि पर संयुक्त राष्ट्र की एक हालिया रिपोर्ट के चलते भारत में एक बार फिर इस विषय पर बहस तेज हो गई है. अब संघ ने भी इस पर टिप्पणी की है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कर्नाटक में एक कार्यक्रम में कहा कि सिर्फ खाना और जनसंख्या बढ़ाने का काम तो जानवर भी करते हैं.

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कर्नाटक के कलबुर्गी में स्थित श्री सत्य साईं यूनिवर्सिटी फॉर ह्यूमन एक्सीलेंस के पहले दीक्षांत समारोह में भागवत ने कहा,

‘मनुष्य के पास अगर बुद्धि नहीं होती तो वो पृथ्वी पर सबसे कमजोर प्राणी होता. लेकिन कभी संज्ञानात्मक आवेग मनुष्य के जीवन में आया जिसने उसे सर्वश्रेष्ठ बनाया. मगर केवल खाना-पीना और प्रजा बढ़ाना, ये काम तो पशु भी करते हैं.’

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उन्होंने आगे कहा,

‘जो ताकतवर है वो जीवन जी लेगा, यह जंगल का कानून है. लेकिन मनुष्यों की व्याख्या है कि सबसे योग्य व्यक्ति दूसरों को जीने में मदद करेगा’

मालूम हो कि बीते सोमवार, 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट जारी की. इसमें उन्होंने दावा किया कि जनसंख्या के मामले में 2023 तक भारत चीन को पछाड़ देगा और दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा.

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रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल चीन की आबादी 1.426 अरब और भारत की आबादी 1.412 अरब है. संस्था ने दावा किया कि 2023 में भारत की जनसंख्या बढ़कर 1.429 अरब हो जाएगी, जो कि चीन से ज्यादा होगी. उन्होंने यह भी कहा कि 2050 तक भारत की आबादी बढ़कर 1.668 अरब हो जाएगी, जबकि चीन की आबादी में गिरावट देखी जाएगी और यह घटकर 1.317 अरब हो जाएगी.

हालांकि हालिया राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वे की रिपोर्ट को देखें तो भारत की जनसंख्या वृद्धि दर में - सभी समुदायों और धर्मों को मिलाकर - गिरावट देखी गई है. 

धर्मांतरण को रोकें

कर्नाटक दौरे के दौरान मोहन भागवत ने धर्मांतरण के भी मुद्दे पर बात की. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, चित्रदुर्गा श्रेत्र में स्थित एक दलित मठ श्री शिवशरण मदारा चेन्नैया आश्रम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख ने कहा कि धर्मांतरण को रोकने की कोशिश की जानी चाहिए.

उन्होंने कहा, 

'धर्मांतरण व्यक्ति को अलग-थलग कर देता है और वे अपनी जड़ों से कट जाते हैं. इसलिए हमें धर्मांतरण को रोकने का प्रयास करना चाहिए.'

भागवत ने आगे कहा कि हिंदू समाज के प्रमुख समस्याएं जैसे कि छुआछूत और असमानता मुख्य रूप से लोगों के दिमाग में है. ये चीजें शास्त्रों में नहीं है. उन्होंने कहा कि ये समस्याएं हमारे दिमाग में सदियों से जमी हुई हैं और इसके समाधान में समय लगेगा. 

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