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राजकोट अग्निकांड: कस्टमर से 'मौत' की शर्त वाले फॉर्म पर साइन लिए गए, हाई कोर्ट ने पूछा परमिशन किसने दी?

Gujarat High Court ने इस हादसे को Man Made Disaster बताया है. Rajkot नगर निगम से मामले पर स्पष्टीकरण मांगा गया है. बताना होगा कि किस प्रावधान के तहत TRP Gaming Zone को संचालन की परमिशन दी गई. शर्तों के फॉर्म को लेकर भी एक बड़ा खुलासा हुआ है.

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राजकोट के गेमिंग जोन में लगी आग में 28 लोगों की मौत (फोटो- आजतक)
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ब्रिजेश दोशी

राजकोट में TRP गेमिंग जोन अग्निकांड मामले में हैरान कर देने वाली जानकारी सामने आई है (Rajkot Game Zone Fire Updates). खबर है कि गेम जोन में खेलने आने वाले लोगों से पहले शर्तों वाले एक फॉर्म पर साइन करवाए जाते थे. उस पर लिखा रहता है कि अगर कस्टमर को कुछ भी हो तो गमिंग जोन जिम्मेदार नहीं होगा. 28 लोगों की जान लेने वाले इस हादसे पर अब गुजरात हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. TRP गेमिंग जोन के मालिक और मैनेजर समेत छह लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में FIR दर्ज की गई है. 

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हाई कोर्ट ने क्या कहा? 

हाई कोर्ट में जस्टिस बीरेन वैष्णव और जस्टिस देवेन देसाई की स्पेशल बेंच ने 26 मई को हुए हादसे को मानव निर्मित आपदा बताया. कोर्ट ने कहा है कि गेमिंग जोन को बनाने और मैनेज करने के लिए नियमित और उचित नियमों का पालन नहीं किया गया. अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट नगर निगम से मामले पर स्पष्टीकरण मांगा गया है. उन्हें बताना होगा कि किस कानून के प्रावधान के तहत इस गेमिंग जोन को संचालित करने की परमिशन दी गई. मामले में अगली सुनवाई 27 मई को होगी. राज्य सरकार और सभी नगर निगमों को तलब किया गया है.

कहा गया कि सिर्फ राजकोट ही नहीं, बल्कि अहमदाबाद शहर में भी ऐसे कई गेम जोन हैं और जो सार्वजनिक सुरक्षा, खासकर मासूम बच्चों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा पैदा करते हैं.

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शर्तों वाले फॉर्म पर साइन करवाए

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, TRP गेमिंग जोन में खेलने जाने वाले तमाम लोगों से पहले शर्तों वाला एक फॉर्म भरवाया जाता था. उस पर लिखा था,

मैं सभी खतरों और जोखिमों और उनके परिणामस्वरूप होने वाली गंभीर शारीरिक चोट, मौत, संपत्ति की क्षति या हानि की संभावनाओं को स्वतंत्र रूप से स्वीकार करता हूं. मैं स्वेच्छा से मुझे या मेरी किसी भी संपत्ति को होने वाले नुकसान, क्षति और चोट के रिस्क को स्वीकार करता हूं जिसमें मौत भी शामिल है. 

इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि शव इतने जल गए हैं कि उनकी पहचान करना मुश्किल हो गया है. पहचान के लिए उनके DNA सैंपल लिए जा रहे हैं.

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पता चला है कि गेमिंग जोन को फायर विभाग की ओर से NOC भी नहीं मिला था. खबर है कि हादसे के वक्त गेम जोन में जनरेटर के लिए 1500 से 2000 लीटर डीजल और गो कार रेसिंग के लिए 1000 से 1500 लीटर पेट्रोल रखा हुआ था. इसके चलते आग तेजी से फैली और पूरे गेम जोन को चपेट में ले लिया. गेम जोन में जाने और बाहर निकलने के लिए 6 से 7 फीट का एक ही रास्ता था.

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आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक हादसे वाले दिन TRP गेम जोन में 99 रुपये में एंट्री की स्कीम चल रही थी. इसकी वजह से बड़ी संख्या में लोग वहां पहुंच गए. स्थानीय लोगों ने बताया कि छुट्टियों के मौसम में यहां बड़ी संख्या में बच्चे आते हैं. घटना के मद्देनजर राजकोट के पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने बताया कि शहर के सभी गेमिंग क्षेत्रों को परिचालन बंद करने के लिए कहा गया है.

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