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'3 दिन का बच्चा पैसे मांगकर भर्ती कराया... ' दिल्ली के बेबी केयर सेंटर की आग इन लोगों को 'बड़ा दर्द' दे गई

Delhi Vivek Vihar Baby Care Centre Fire: एक शख्स ने बताया कि उनका तीन दिन का बेटा सेंटर में एडमिट था. आरोप लगाया कि सेंटर ने उन्हें आग की कोई जानकारी नहीं दी और वो न्यूज देखकर अस्पताल पहुंचे. चश्मदीदों ने क्या बताया? कैसे हुआ बिल्डिंग में धमाका? ऑक्सीजन सिलेंडर का क्या कनेक्शन निकला?

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delhi baby care centre fire illegal oxygen cylinder refilling owner booked eyewitness statements
सात नवजात बच्चों की मौत (फोटो- आजतक)
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अरविंद ओझा
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26 मई 2024 (Updated: 26 मई 2024, 12:22 PM IST) कॉमेंट्स
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दिल्ली के विवेक विहार के बेबी केयर सेंटर में आग लगने से सात नवजात बच्चों की मौत हो गई है (Delhi Vivek Vihar Baby Care Centre Fire). अब पता चला है कि सेंटर के नीचे वाले फ्लोर पर कथित तौर पर ऑक्सीजन सिलेंडर की रि-फिलिंग का अवैध काम चलता था. हादसे के वक्त भी वहां भारी मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर मौजूद थे. आग लगने से एक के बाद एक सिलेंडर फटने लगे और लपटें तेजी से फैलती गईं. जानकारी के मुताबिक अस्पताल में रखे कुछ ऑक्सीजन सिलेंडर में भी ब्लास्ट हुआ था. सेंटर के मालिक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है.

आजतक से जुड़े अरविंद ओझा की रिपोर्ट के मुताबिक, शाहदरा के DCP ने बताया कि सेंटर में 12 नवजात बच्चे भर्ती थे. उन सभी को रेस्क्यू कर दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां डॉक्टरों ने छह बच्चों को मृत घोषित कर दिया. फिर एक बच्चे की 26 मई की सुबह को मौत हो गई. सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए GTB अस्पताल भेजा गया है.

अस्पताल के मालिक नवीन चींची के खिलाफ IPC की धारा 336, 304ए और 34 के तहत FIR दर्ज हुई है.

चश्मदीदों ने क्या बताया?

बेबी केयर सेंटर के सामने वाली बिल्डिंग में रहने वाले अश्विनी ने बताया कि 25 मई को देर रात अपनी कार से गुजरते समय उन्होंने सेंटर में धमाके की आवाज सुनी. ब्लास्ट इतना जोरदार था कि उनकी गाड़ी के एयरबैग खुल गए और घर के कांच भी टूट गए. देखा कि बिल्डिंग में आग लग गई है.

बेबी केयर सेंटर के बगल में रहने वाले बृजेश कुमार का दावा है कि बेबी केयर सेंटर की बिल्डिंग में नीचे अवैध ऑक्सीजन सिलेंडर की रि-फिलिंग का काम चल रहा था. उन्होंने कहा कि वो कई बार सेंटर के मालिक और संबंधित विभागों से मामले की शिकायत कर चुके हैं.

अनीता नाम की महिला का 15 दिन का बच्चा सेंटर में भर्ती था. बताया कि उन्हें सेंटर की तरफ से हादसे की कोई जानकारी नहीं दी गई. बोलीं,

डॉक्टर ने आज बच्चे को डिस्चार्ज करने के लिए बोला था. मैं यहां पहुंची तो देखा कि बिल्डिंग में भयंकर आग लगी है. मेरा बच्चा कहां है कुछ पता नहीं चल पा रहा. 

एक शख्स ने बताया कि उनका तीन दिन का बेटा सेंटर में एडमिट था. उन्होंने कहा कि सेंटर ने उन्हें कोई जानकारी नहीं दी और वो न्यूज देखकर अस्पताल पहुंचे. बोले,

पहले बोले फलाना अस्पताल जाओ वहां गया तो पता चला जो बच्चे मर चुके हैं वो GTB अस्पताल में हैं. GTB गया तो वहां अंदर जाने नहीं दे रहे हैं. बच्चे रखने के 10 हजार रुपए फीस लेते थे. किसी तरफ पैसे जुटाए थे. हमें नहीं मालूम था कि यहां अवैध तरीके से ऑक्सीजन सिलेंडर की भराई का काम चलता था.

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने स्वास्थ्य सचिव दीपक कुमार और मुख्य सचिव नरेश कुमार को निर्देश भेजे हैं. लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और लोगों के नाम देने के लिए कहा गया है. साथ ही घायल बच्चों का मुफ्त इलाज और मृतकों-घायलों के परिजनों को जल्द से जल्द मुआवजा देने के निर्देश भी जारी किए गए हैं. 

ये भी पढ़ें- दिल्ली के बेबी केयर सेंटर में लगी आग, झुलसकर 7 नवजात बच्चों की मौत, 5 एडमिट

सौरभ भारद्वाज ने एक पोस्ट में ये भी लिखा- दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.

वीडियो: Ghazipur Landfill Fire: सुलगती आग पर लोग अरविंद केजरीवाल, MCD और BJP पर क्या बोले?

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