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कोटा में बच्चों के हॉस्टल के अंदर रखा था बिजली का ट्रांस्फॉर्मर, आग लग गई

कोटा नगर निगम के अग्निशमन अधिकारी ने बताया है कि हॉस्टल के अंदर आग बुझाने के उपकरण मौजूद नहीं थे. और जिस ट्रांस्फॉर्मर से आग लगी वो हॉस्टल के अंदर ही रखा था.

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राजस्थान के कोटा में रविवार, 14 अप्रैल की सुबह एक हॉस्टल में आग लग गई. (तस्वीर-इंडिया टुडे)

राजस्थान के कोटा में 14 अप्रैल की सुबह एक हॉस्टल में आग लग गई. इस घटना में आठ छात्र घायल हो गए. जिस समय आग लगी, हॉस्टल में करीब 60 से 70 स्टूडेंट मौजूद थे. हॉस्टल में आग लगने की सूचना से वहां मौजूद छात्रों में भगदड़ मच गई. वहीं एक छात्र चौथी मंजिल से कूद गया, जिससे उसके पैर में फ्रैक्चर हो गया. घटना की सूचना मिलने पर तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचकर जांच कर रहे है.

ये घटना कोटा के लक्ष्मण विहार स्थित ऑदर्श हॉस्टल में हुई. सुबह 6 बजे ग्राउंड फ्लोर पर रखे ट्रांस्फॉर्मर में शॉर्ट सर्किट से चिंगारी निकली. इसके बाद धीरे-धीरे आग ने विकराल रूप ले लिया. आग तेजी से ऊपर की तरफ फैली. छात्रों ने खिड़की से चादर बांधकर बिल्डिंग से नीचे उतरने की कोशिश की. इस दौरान कई छात्र घायल हो गए.

इंडिया टुडे से जुड़े चेतन गुर्जर की रिपोर्ट के मुताबिक इस पांच मंजिला हॉस्टल के ग्राउंड फ्लोर पर लगे बिजली के ट्रांस्फॉर्मर में शार्ट सर्किट के कारण आग लगी. हालांकि फॉरेंसिक टीम घटना के सही कारण का पता लगाने की कोशिश कर रही है. वहीं कोटा नगर निगम के अग्निशमन अधिकारी राकेश व्यास ने कहा कि हॉस्टल में आग बुझाने के उपकरण मौजूद नहीं थे ना ही बिल्डिंग के पास फायर NOC थी. लेकिन मामले का सबसे चिंताजनक पहलू ये है कि ट्रांस्फॉर्मर छात्रावास के अंदर रखा गया था.

मामले पर पुलिस ने क्या बताया?

कोटा सिटी एसपी अमृता दुहन ने बताया कि इमारत में 75 कमरे थे, जिनमें से 61 पर स्टूडेंट्स रहते थे. उन्होंने बताया कि दमकल की गाड़ियां समय पर मौके पर पहुंच गईं और आग को ऊपरी मंजिलों तक फैलने से पहले ही बुझा दिया गया.

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कुन्हाडी पुलिस स्टेशन के सर्किल इंस्पेक्टर अरविंद भारद्वाज ने कहा कि सभी छात्रों को इमारत से सुरक्षित निकाल लिया गया है. उन्होंने कहा कि छात्रों के माता-पिता से संपर्क किया जा रहा है, जिससे उन्हें आश्वस्त किया जा सके कि उनके बच्चे सुरक्षित है. भारद्वाज ने कहा कि ज्यादातर स्टूडेंट्स बचाए जाने के दौरान अपने मोबाइल फोन नहीं ले जा सके थे, इसलिए छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए एक हेल्पडेस्क भी शुरू की जा रही है. और खाने पीने की व्यवस्था के लिए उन्हें दूसरे हॉस्टल में शिफ्ट किया जा रहा है.

 

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