The Lallantop
लल्लनटॉप का चैनलJOINकरें

Indane Gas का संचालक सेना के कैंप की जानकारी पाकिस्तान को देने के आरोप में गिरफ्तार

ये गैस एजेंसी राजस्थान के नरहड़ स्थित सेना के कैंप के सामने ही है.

post-main-image
तस्वीरें- पीटीआई और इंडिया टुडे से साभार.
राजस्थान के झुंझुनू से एक युवक को गिरफ्तार किया गया है. युवक पर जासूसी करने और सेना से जुड़ी सूचनाएं पाकिस्तान भेजने का आरोप है. गिरफ्तार युवक का नाम संदीप कुमार है. वो झुंझुनू में इण्डेन गैस एजेंसी का संचालक बताया गया है. आजतक की खबर के मुताबिक, महानिदेशक पुलिस (इंटेलिजेंस) उमेश मिश्रा ने बताया है कि आरोपी युवक ने राजस्थान के नरहड़ स्थित आर्मी कैंप के फोटोग्राफ्स और कुछ गोपनीय, संवेदनशील जानकारियां जुटाई थीं. उनके मुताबिक, आरोपी लगातार उसे निर्देश दे रहे पाकिस्तानी हैंडलर्स के संपर्क में था. ये साफ नहीं है कि ये हैंडलर्स पाकिस्तानी सेना या वहां की कुख्यात खुफिया एजेंसी ISI के अधिकारी हैं या किसी आतंकी संगठन के सदस्य. वही, संदीप कुमार की बात करें तो उस पर आरोप है कि पैसों के लालच में उसने ये संवेदनशील और गोपनीय जानकारियां पाकिस्तानी हैंडलर्स के साथ साझा कीं. इसी के बाद आरोपी को स्टेट इंटेलिजेंस और मिलिट्री इंटेलिजेंस दक्षिणी कमान ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए 12 सितंबर को हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू की. समाचार एजेंसी एएनआई ने गुरुवार 16 सितंबर को ये जानकारी दी है. जयपुर में संयुक्त पूछताछ केंद्र पर सभी एजेंसियों द्वारा पूछताछ करने पर 30 वर्षीय आरोपी संदीप कुमार ने बताया कि वह झुंझुनू जिले के नरहड़ का ही रहने वाला है. वहां आर्मी कैंप के सामने ही इण्डेन गैस की गैस एजेंसी है, जिसका वो इनचार्ज है. गौरतलब है कि आरोपी की एजेंसी से ही आर्मी कैंप में गैस सप्लाई का काम होता है. खबर के मुताबिक, पूछताछ में आरोपी ने बताया कि जुलाई 2021 में पाकिस्तानी हैंडलिंग अफसर ने उससे संपर्क किया और आर्मी कैंप के फोटोग्राफ्स और कुछ गोपनीय सूचनाएं मांगीं. इसके बदले उसे पैसों का लालच दिया गया. बताया गया है कि आरोपी ने वॉट्सऐप पर अपनी बैंक डिटेल्स भी भेजी थीं. इन सब बातों के मद्देनजर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके खिलाफ ऑफिशल सीक्रेट ऐक्ट (OSA), 1923 के तहत मामला दर्ज किया गया है. क्या है OSA? ये एक एंटी-एस्पियोनाज़ (जासूसी के ख़िलाफ) ऐक्ट है. जासूसी से लेकर राष्ट्र-द्रोह तक की धाराएं इस कानून में रखी गई हैं. 2 अप्रैल 1923 से OSA, 1923 अस्तित्व में है. अगर कोई व्यक्ति राष्ट्रविरोधी नीयत से जासूसी में संलिप्त पाया जाता है और उस पर ऑफिशियल सीक्रेट्स ऐक्ट के तहत केस साबित हो जाता है तो तीन साल से लेकर 14 साल तक की सज़ा हो सकती है.