राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने एक कार्यक्रम के लिए हेलिकॉप्टर की मंज़ूरी मांगी था. कथित तौर पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंज़ूरी देने से इनकार कर दिया. फिर गृह मंत्रालय का जवाब आया. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि CM गहलोत की ओर से दिए गए ऐसे किसी आवेदन को अस्वीकार नहीं किया गया है. इस जवाब पर CM गहलोत ने फिर से जवाब दे दिया. पूरी घटना की जानकारी अपने X (ट्विटर) अकांउट पर दे डाली दी.
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मुख्यमंत्री गहलोत ने एक कार्यक्रम के लिए हेलिकॉप्टर मांगा था. कथित तौर पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हेलीकॉप्टर देने से इनकार कर दिया. फिर गृह मंत्रालय का जवाब आया, कि ऐसे किसी आवेदन को अस्वीकार नहीं किया गया है. इस जवाब पर CM गहलोत ने फिर से जवाब दे दिया है.

8 सितंबर को अशोक गहलोत को किसी कार्यक्रम में शरीक होने सीकर जाना था. लेकिन उनका दावा है कि G20 समिट के चलते उनके हेलिकॉप्टर को उदयपुर से सीकर जाने की अनुमति नहीं दी गई. उन्होंने लिखा,
“आज बाबा श्री खींवादास जी महाराज की पुण्यतिथि के कार्यक्रम में सांगलिया पीठ, सीकर जाने का कार्यक्रम था , परन्तु G20 की बैठक के कारण भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने एयरस्पेस में उदयपुर से सीकर हेलिकॉप्टर से जाने की अनुमति नहीं दी, जिसके कारण आज सांगलिया पीठ नहीं पहुंच पा रहा हूं.”
गृह मंत्रालय ने CM गहलोत के इस दावे का खंडन किया. बताया कि G20 समिट के मद्देनज़र एयर स्पेस की पाबंदी सामान्य उड़ानों पर लागू है, लेकिन राज्यपाल और मुख्यमंत्री के विमानों को आने-जाने की पूरी अनुमति है. गृह मंत्रालय की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया गया,
''अशोक गहलोत ने दावा किया कि गृह मंत्रालय ने उनके हेलिकॉप्टर को मंजूरी नहीं दी. लेकिन सीकर जाने सहित अनुमति के लिए मुख्यमंत्री गहलोत की ओर से चार अनुरोध मिले थे. सभी को मंत्रालय ने अनुमति दी है.''
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गृह मंत्रालय के जवाब के बाद अशोक गहलोत ने भी पूरी घटना की जानकारी अपने X अकांउट पर दी. लिखा,
"कल मेरा उदयपुर से जयपुर प्लेन से, जयपुर से सीकर और सीकर से निवाई हेलिकॉप्टर से जाने का कार्यक्रम था. इसके लिए हेलिकॉप्टर को एडवांस में उदयपुर से जयपुर पहुंचना था. मगर ऐसा बताया गया कि जी-20 के प्रोटोकॉल के कारण हेलिकॉप्टर या प्लेन तभी यात्रा कर सकते हैं, जब CM उसमें स्वयं सवार हों.
हेलिकॉप्टर की उड़ान की अनुमति 10.48 AM पर ई-मेल के ज़रिए मांगी गई. मगर 2.50 PM तक अनुमति नहीं मिली. वहां इंतजार कर रही जनता को जानकारी देने के लिए 2.52 PM पर ट्वीट किया. न आ पाने का कारण बताया और सांगलिया पीठ में श्री ओम दास महाराज को भी फोन कर जानकारी दी.
मुख्यमंत्री गहलोत ने ये भी कहा कि गृह मंत्रालय ने गलत तथ्यों की जानकारी देकर जनता में भ्रम फैलाने का असफल प्रयास किया है. अभी तक गृह मंत्रालय ने गहलोत के जवाब का जवाब नहीं दिया है. इस मामले में जो भी अपडेट होगा, दी लल्लनटॉप आप तक पहुंचा देगा.
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