वहीं गोवा में भी अगले मुख्यमंत्री के रूप में प्रमोद सावंत के नाम पर मुहर लग गई है. सावंत को बीजेपी विधायक दल का नेता चुना गया है. गोवा के लिए बीजेपी के केंद्रीय पर्यवेक्षक नरेंद्र तोमर ने इसकी घोषणा की. प्रमोद सावंत लगातार दूसरी बार राज्य के सीएम बनेंगे. मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद मार्च 2019 में वे राज्य के मुख्यमंत्री बने थे.
चुनाव हार गए थे धामी
पुष्कर सिंह धामी को विधानसभा चुनाव में हार मिली थी. इसके बाद राज्य के अगले सीएम को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे. इस बीच 20 मार्च को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने आवास पर उत्तराखंड के बीजेपी नेताओं के साथ बैठक की थी, जिसमें नई सरकार के गठन को लेकर चर्चा हुई. 21 मार्च को पुष्कर सिंह धामी का नाम सीएम के रूप में सामने आया. उन्हें विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद राजनाथ सिंह ने ट्विटर पर लिखा,"उत्तराखंड में भाजपा विधायक दल की बैठक में पुष्कर धामी को नेता चुने जाने पर मैं हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं. मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा निर्देशन में और धामी जी के नेतृत्व में उत्तराखंड का बहुआयामी और बहुत तेज़ गति से विकास होगा."

पुष्कर सिंह धामी. फोटो- PTI
पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के 13वें मुख्यमंत्री होंगे. वे 23 मार्च को देहरादून के परेड ग्राउंड में शपथ लेंगे. मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद धामी को 6 महीने के भीतर विधानसभा में चुनकर आना होगा. ऐसी स्थिति में किसी विधायक को अपनी सीट से इस्तीफा देना होगा. धामी की हार के बावजूद खटीमा और राज्य के दूसरे हिस्सों में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उन्हें सीएम बनाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था. पिछले साल जुलाई में तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद पुष्कर सिंह धामी को सीएम बनाया गया था. कौन हैं पुष्कर सिंह धामी? कुमाऊं क्षेत्र से आने वाले पुष्कर सिंह धामी का जन्म 16 सितंबर 1975 को पिथौरागढ के टुण्डी गांव में हुआ था. उनके पिता भारतीय सेना में रह चुके हैं. वो अपनी तीन बहनों के अकेले भाई हैं. उन्होंने मानव संसाधन प्रबंधन और औद्योगिक संबंध में पीजी और एलएलबी की शिक्षा पूरी की है.
पुष्कर सिंह धामी उधमसिंह नगर जिले की खटीमा सीट से लगातार दो बार विधायक रह चुके हैं. साल 2012 में पहली बार उन्होंने विधायकी जीती थी. इसके बाद एक बार फिर 2017 में विधायक चुने गए. धामी उत्तराखंड में बीजेपी के युवा मोर्चा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वो साल 2002 से 2008 तक इस पद पर रहे थे. धामी का दावा है कि छह सालों तक प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने जगह-जगह घूमकर युवा बेरोजगारों को संगठित करने का काम किया.
इससे पहले धामी ने साल 1990 से 1999 तक जिले से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) में विभिन्न पदों पर काम किया. वो उत्तराखंड में भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे पर आवाज उठाते रहे हैं. युवाओं के बीच पुष्कर सिंह धामी की अच्छी पकड़ मानी जाता है. राजपूत समुदाय से आने वाले धामी ने लंबे समय तक RSS कार्यकर्ता के रूप में भी काम किया. वे महाराष्ट्र के राज्यपाल और उत्तराखंड के पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी के भी नजदीकी माने जाते हैं.