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'15 अगस्त पर तिरंगा नहीं, सिख झंडा फहराएं', अकाली सांसद के बयान से पंजाब में बवाल

शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के प्रमुख सिमरनजीत सिंह मान को खालिस्तानियों का समर्थक माना जाता है. उनके बयान की सभी पार्टियों ने कड़ी निंदा की है.

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सिमरनजीत सिंह मान और निशान साहिब. (फोटो: ट्विटर)

शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के प्रमुख सिमरनजीत सिंह मान ने केंद्र के 'हर घर तिरंगा' अभियान का बहिष्कार करने की मांग की है. लेकिन ऐसा करते हुए उन्होंने ऐसी बात बोल दी जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है. सिमरनजीत सिंह मान ने कह दिया कि आगामी 14-15 अगस्त, यानी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सिख समुदाय निशान साहिब (सिखों का धार्मिक प्रतीक) फहराए.

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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक मान ने कहा, 

'मैं आप सभी से निवेदन करता हूं कि 14-15 अगस्त को अपने घर और कार्यालयों पर निशान साहिब का झंडा फहराएं. दीप सिद्धू, जो अब हमारे बीच नहीं रहे, ने कहा था कि सिख स्वतंत्र हैं और यह एक अलग समुदाय है.'

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सिमरनजीत सिंह को अलगाववादी नेता भी कहा जाता है. अपने बयान में उन्होंने भारतीय सेना को 'दुश्मनों की सेना' तक करार दिया है. उन्होंने कहा, 

'जरनैल सिंह भिंडरावाले (खालिस्तानी आतंकी) दुश्मनों की सेना से लड़ते हुए आजाद हुए थे.'

सिमरनजीत पंजाब के संगरूर सीट से लोकसभा सांसद हैं. भगवंत मान के मुख्यमंत्री बनने के बाद ये सीट खाली हुई थी, जिसके बाद उपचुनाव में शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के प्रमुख को जीत हासिल हुई थी.

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सिमरनजीत के अलावा प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस से जुड़े आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नून ने भी एक वीडियो जारी कर भड़काऊ भाषण दिया है. उन्होंने भी कहा कि स्वतंत्रता दिवस के दिन पंजाब के लोग खालिस्तानी झंडा फहराएं और तिरंगे को जलाया जाए.

हालांकि अब सिमरजीत सिंह मान के बयान को चौतरफा विरोध हो रहा है और इसे देशविरोधी करार दिया गया है. आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रवक्ता मालविंदर सिंह कांग ने मान के बयान की निंदा की और कहा कि तिरंगे का बहिष्कार करने का आह्वान करना व्यक्ति के असली चरित्र को दर्शाता है. उन्होंने कहा, 

'जिन्होंने भारत के संविधान की शपथ ली हो और किराये भत्ता का लाभ उठाता हो, ये उसकी असली तस्वीर है. ऐसे लोगों को महत्व नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि हजारों पंजाबियों ने अपनी जान गंवाई है. हमारे दिल में हमेशा तिरंगे के लिए गहरा सम्मान है.'

वहीं शिरोमणि अकाली दल के नेता डॉ. दलजीत चीमा ने कहा कि भारत का झंडा हर किसी का है और पंजाब की जनता को इस पर गर्व है. चीमा ने कहा, 

'तिरंगा हर किसी का है और पंजाब के लोगों को तिरंगे पर गर्व है क्योंकि ज्यादातर कुर्बानियां पंजाब के लोगों ने दी हैं. ज्यादातर शहीद सिख परिवार के थे.'

बीजेपी ने भी मान के बयान का विरोध किया है. पार्टी के नेता विनीत जोशी ने गुरपतवंत सिंह पन्नून पर निशाना साधा और कहा कि लोगों ने खालिस्तान को खारिज किया था और उन्हें शांति का महत्व पता है. जोशी ने कहा, 

'गुरपतवंत सिंह पन्नून आईएसआई के इशारे पर नाच रहा है और देश का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहा है. हालांकि उसके अधिकतर आह्वान फेल हुए हैं. सरकार को उसे भारत लाने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि वह कई मामलों में वांछित है.'

इससे पहले सिमरनजीत सिंह मान ने सात अगस्त को ट्वीट कर कहा था कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर सबसे अच्छा ये होगा कि झंडे फहराने की जगह लद्दाख को चीन से मुक्त कराया जाए. उन्होंने कहा था कि इसके अलावा गरीबों को भोजन और घर मुहैया कराया जाए.

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