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गौ-रक्षा कानून के खिलाफ पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दर्ज, सरकार को नोटिस

याचिका में कहा गया है कि गौ-रक्षा कानून की कुछ धाराएं आम लोगों को पुलिस जैसी शक्तियां देती हैं, जिससे हिंसा और अधिकारों का उल्लंघन बढ़ा है.

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हरियाणा के गौ-रक्षा कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में हरियाणा के गौ-रक्षा कानून के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर हुई है. याचिका में गौ-रक्षा कानून की कुछ धाराओं पर असंवैधानिक होने का आरोप लगाया गया है. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को एक नोटिस भेजा है जिसमें सरकार से गौ-रक्षा के नाम पर हो रहे हिंसा पर जवाब मांगा गया है.

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PIL किसने फ़ाइल की?

सितम्बर 2025 में नेशनल फेडरेशन ऑफ़ विमेन नाम के एक संगठन ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की. इसमें कहा गया कि इन घटनाओं का जड़ हरियाणा सरकार की ओर से साल 2015 में लागू किया गया गौ-रक्षा कानून- हरियाणा गौ संरक्षण एवं गौ संवर्धन एक्ट है. क्योंकि अगर इस कानून को पढ़ा जाए, तो समझ आएगा कि ये कानून लोगों को ये ताक़त देता है कि वो ‘काउ-विजिलान्ट्स’ बन जाएं. खुद को गौ-रक्षक बोल कर ब‍िना किसी उत्तरदायित्व के, सिर्फ शक के आधार पर लोगों के खिलाफ एक्शन ले लें.

विवादित धाराएं

हरियाणा के गौ-रक्षा कानून की दो धाराएं, धारा 16 और 17. 
धारा 16 में ये लिखा गया है कि,
‘कोई पुलिस अधिकारी (सब-इंस्पेक्टर या उससे ऊपर) या कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसे सरकार ने चुना हो, यह देखने के लिए कि कानून का पालन हुआ या नहीं-
(a) किसी भी वाहन में प्रवेश, रोक और तलाशी ले सकता है जो गायों के निर्यात के लिए इस्तेमाल हो रहा हो या होने वाला हो.
(b) ऐसी गाय और वाहन ज़ब्त कर सकता है जिस पर उसे कानून तोड़ने का शक हो, और गाय को अदालत में पेश करने व सुरक्षित रखने की ज़िम्मेदारी ले सकता है.
(c) किसी भी जगह की तलाशी ले सकता है जो गायों की कटाई के लिए इस्तेमाल हो रही हो या होनी हो, और उससे जुड़े दस्तावेज़ जब्त कर सकता है.

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धारा 17 में कहा गया है कि,
अगर इस कानून के तहत कोई अपराध हुआ है, तो उसमें इस्तेमाल वाहन को पुलिस अधिकारी (सब-इंस्पेक्टर या उससे ऊपर) या कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसे सरकार ने चुना हो- वाहन ज़ब्त कर सकता है.

याचिका के अनुसार, इन दो धाराओं के साथ दो दिक्कतें हैं. 
पहला, धारा 16 में लिखा ‘कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसे सरकार ने चुना हो.’ इन शब्दों के इतर हरियाणा सरकार ने किसी भी तरह का निर्देश नहीं दिया है, कोई मापदंड नहीं बनाया है जिससे सरकार द्वारा चुना गया गौ-रक्षक और खुद को गौ-रक्षक बताने वाले शख्स में फर्क किया जा सके और दिक्कत यहीं आती हैं. 
दूसरा, दोनों धाराओं में पुलिस और संरक्षकों को जिस तरह की ताक़त दे दी गयी है- उनका दायरा बहुत फैला हुआ है. संरक्षक किसी की भी तलाशी किसी भी वक़्त ले सकते हैं- ये संविधान के निजता के मौलिक अधिकार का भी उल्लंघन है.

याचिका में कहा गया है कि तलाशी लेना, घर में घुसना, जांच करना या सामान ज़ब्त करना. इसके लिए कोई ज़रूरी योग्यता या नियम तय नहीं किए गए हैं. जिसकी वजह से कोई भी इंसान अपने आप को गौ-रक्षक बोल कर शक के आधार पर गलत कदम उठा लेते हैं. याचिका में कहा गया है कि इस तरह के बड़े पुलिस अधिकार निजी लोगों को देना गलत, ‘आर्बिटर्री’ यानी मनमाना और संविधान के खिलाफ है.

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कथित गौ-रक्षा वाले मामले 

कोर्ट में पहुंचे इस PIL का तार जुड़ता है उन सारी गौ-रक्षा वाली घटनाओं से जो कुछ सालों से हरियाणा में अपने चरम पर है.

फरवरी 2023, हरियाणा का जिला भिवानी. एक जले हुए टेम्पू से दो जली हुई लाश बरामद हुई. मुश्किल से पहचान करने के बाद नाम मालूम पड़ता है- जुनैद और नासिर. राजस्थान के रहने वाले इन लोगों को हरियाणा के कथ‍ित गौ-रक्षकों ने शक के आधार पर अगवा किया और उनकी जान ले ली. दोनों के पास से कोई गाय या जानवर नहीं मिला.

साल 2024. हरियाणा के फरीदाबाद में एक गाड़ी हाइवे पर भागी जा रही थी और उसका पीछा कर रही थी एक और गाड़ी. पीछे वाली गाड़ी में बैठा शख्स सामने वाली कार में सवार एक इंसान पर ओपन फायर करता है. गाड़ी धक्के खाकर रुकती है. अंदर से बरामद होती है एक 19 साल के लड़के की लाश. नाम- आर्यन मिश्रा. अपने को गौ रक्षक बताने वाला शख्स, जिसने आर्यन पर गोली चलाई, रिपोर्ट्स के मुताबिक़ उसे तुरंत ये आभास हो गया कि उसने गलती कर दी. क्योंकि आर्यन की गाड़ी से न गौ-मांस मिलता है न किसी भी और जीव का मांस. साथ ही उस गाड़ी में दो महिलाएं भी बैठी मिलीं.

फरवरी 2025, हरियाणा का पलवल. गाय की तस्करी के शक में गौ-रक्षकों ने दो लोगों का अपहरण किया. ये दोनों ट्रक के ड्राइवर और कंडक्टर थे. दोनों को पीटा गया और फिर एक कनाल में फेंक दिया गया. ड्राइवर तो बच गया, लेकिन कंडक्टर संदीप की डूबकर मौत हो गई. उसका शव कुछ दिन बाद मिला. हत्या के आरोप में पुलिस ने पांच गौ-रक्षकों को गिरफ्तार किया है. ये चंद वाकये हैं जो हमने आपको बताए. ऐसी कई और घटनाओं का ज़िक्र आपको कई अलग-अलग न्यूज़ रिपोर्ट्स में मिल जाएगा.

कथित गौ-रक्षा की वजह से हुई हत्याओं के रिपोर्ट्स को देखने के बाद, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने ये निर्णय लिया है कि इस याचिका पर ध्यान देने की जरुरत है. इसीलिए, हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को इस केस में पार्टी बनने को कहा है, उनसे जवाब मांगा है.

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