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ब्रिटेन के किंग चार्ल्स ने अपने भाई प्रिंस एंड्रयू को घर से निकाला, सारे तमगे भी छीन लिए

Buckingham Palace ने बताया कि Prince Andrew को अब Andrew Mountbatten Windsor के नाम से जाना जाएगा. रॉयल लॉज पर उनकी लीज के हिसाब से अब तक उन्हें वहां रहने के लिए कानूनी सुरक्षा मिली हुई थी. अब लीज सरेंडर करने का फॉर्मल नोटिस दे दिया गया है.

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प्रिंस एंड्रू से सारे तमगे ले लिए गए हैं (PHOTO-AFP)

ब्रिटेन के राजा किंग चार्ल्स तृतीय (King Charles) ने अपने भाई प्रिंस एंड्रयू (Prince Andrew) को शाही निवास से निकाल दिया है. इतना ही नहीं, उन्होंने अपने भाई से उनको मिले सारे तमगे छीन लिए हैं. शाही महल बकिंघम पैलस (Buckingham Palace) ने इस मामले पर एक बयान जारी कर कहा 'महामहिम ने आज प्रिंस एंड्रयू की शैली, उपाधियों और सम्मानों को हटाने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है.'

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अब प्रिंस नहीं कहलाएंगे एंड्रयू, लेकिन बच्चों का टाइटल बरकरार

बकिंघम पैलेस ने बताया कि प्रिंस एंड्रयू को अब एंड्रयू माउंटबेटन विंडसर के नाम से जाना जाएगा. रॉयल लॉज पर उनकी लीज के हिसाब से अब तक उन्हें वहां रहने के लिए कानूनी सुरक्षा मिली हुई थी. अब लीज सरेंडर करने का फॉर्मल नोटिस दे दिया गया है. वह किसी दूसरी प्राइवेट जगह पर चले जाएंगे. पैलेस ने आगे कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि उन पर ये सेंसर जरूरी है. इसके बावजूद वह अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार करते रहते हैं. 

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक एंड्रयू की बेटियां, प्रिंसेस यूजिनी और प्रिंसेस बीट्रिस के पास ‘प्रिंसेस’ का टाइटल बरकरार रहेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि वे एक राजा के बेटे की बेटियां हैं. एंड्रयू के साथ-साथ उनकी पूर्व पत्नी, सारा फर्ग्यूसन को भी रॉयल लॉज से जाना होगा. उनका और एंड्रयू का 1996 में तलाक हो गया था, फिर भी वह अपने पूर्व पति के साथ रॉयल लॉज में ही रह रही थीं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एंड्रयू ने अपने टाइटल हटाने के राजा के फैसले पर कोई आपत्ति नहीं जताई है.

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एपस्टीन फाइल्स की वजह से एंड्रयू पर गिरी गाज

एंड्रयू से ब्रिटेन की दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय और प्रिंस फिलिप के बेटे हैं. उनकी उम्र 65 साल है. उन पर ये कार्रवाई होने की मुख्य वजह उनका अमेरिकी 'यौन अपराधी' जेफरी एपस्टीन से संबंध. इस मामले को लेकर बीते कुछ समय से किंग चार्ल्स तृतीय पर एंड्रयू को शाही लॉज से निकालने के लिए दबाव बढ़ रहा रहा था. अक्टूबर की शुरुआत में ही प्रिंस एंड्रयू ने अपना 'ड्यूक ऑफ यॉर्क' का तमगा सरेंडर कर दिया था. एपस्टीन मामले में एंड्रयू का नाम आने के बाद से ब्रिटेन के शाही घराने को काफी विरोध का सामना करना पड़ रहा था. 27 अक्टूबर को किंग चार्ल्स को लोगों ने घेर कर एंड्रयू-एपस्टीन के संबंधों पर विरोध व्यक्त किया था. इसके बाद से ही शाही घराने पर दबाव बढ़ रहा था कि वो एंड्रयू के खिलाफ एक्शन लें.

जेफरी एपस्टीन से जुड़ा विवाद क्या है?

जेफरी एपस्टीन एक अमेरिकी बिजनेस मैन था. जिस पर साल 2019 में यौन तस्करी और नाबालिग लड़कियों के शोषण के गंभीर आरोप लगे थे. इस मामले की परतें तब खुलीं, जब वर्जीनिया गिफ्रे नाम की महिला ने सामने आकर कई खुलासे किए. ग्रिफे ने बताया कि एपस्टीन और उसकी सहयोगी घिसलीन मैक्सवेल ने उन्हें 1999 से 2002 के बीच कई लोगों के पास भेजा था. इनमें ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रयू और फ्रांस के मॉडलिंग एजेंट जीन-ल्यूक ब्रनेल शामिल थे.

एपस्टीन को साल 2019 में गिरफ्तार किया गया था. जेल में ही उसकी मौत हो गई थी. जिसे आधिकारिक तौर पर आत्महत्या बताया गया. एपस्टीन पर 2002 से 2005 के बीच न्यूयॉर्क और फ्लोरिडा स्थित अपने घरों में कई नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण का आरोप लगा था.

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साल 2025 में एपस्टीन से जुड़ी कुछ फाइल्स सार्वजनिक की गईं. इनमें कई अहम जानकारी और उसके हाई-प्रोफाइल संपर्कों का जिक्र था. जेफरी एपस्टीन को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का करीबी दोस्त माना जाता था. हालांकि जितनी फाइलें सार्वजनिक हुई थीं, उनमें डॉनल्ड ट्रंप का नाम नहीं था. लेकिन ट्रंप और एपस्टीन के कथित संबंधों को लेकर लंबे समय से जांच की मांग उठती रही  है. 

वीडियो: महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार में ब्रिटेन ने किसको न बुलाकर बवाल खड़ा किया?

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