The Lallantop

अकबर रोड का नाम बदलने वालों ने एक भारी चूक कर दी!

महाराणा प्रताप के मामले में ये गलती बर्दाश्त के काबिल नहीं है.

post-main-image
इस चित्र में गड़बड़ी खोजने वाले को इनाम मिलेगा. उत्तर इसी लेख में है.
ये बहुत सही तरीका है. जब कुछ नया न बना सको तो पुराने का नाम बदल दो. दिल्ली की पुरानी इमारतों और सार्वजनिक जगहों का नाम बदलना जारी है. इंडिया गेट के बगल अकबर रोड है. उसके साथ भी कांड हो गया. किसी ने अकबर रोड के बोर्ड पर महाराणा प्रताप रोड़ का पोस्टर चिपका दिया. कहा जा रहा है कि ये 'किसी' बजरंग दल है.
'नवनिर्मित' महाराणा प्रताप रोड़
'नवनिर्मित' महाराणा प्रताप रोड़

अब इस पोस्टर में ब्लंडर देखो. पोस्टर लगाने वालों ने पक्का आटे वाली लेई से चिपकाया है. इसलिए इत्ती जल्दी छूट गया. लेकिन शर्मनाक है रोड की स्पेलिंग. ड के नीचे बिंदी लगा दी है. इंगलिश को हिंदी में लिखना नहीं आता तो हिंदी में मार्ग लिख सकते थे. लेकिन एक्स्ट्रा बिंदी लगाने की क्या जरूरत थी यार.
रोड़ कौन लिखता है भाई
रोड़ कौन लिखता है भाई

ये भी कहा जा रहा है कि महाराणा प्रताप के प्रति प्रेम उमड़ने की वजह उनकी जयंती होना है. इसके पहले औरंगजेब रोड का नाम बदलकर एपीजे अब्दुल कलाम रोड किया गया था. लेकिन वो नाम दिल्ली म्युनिसिपलटी ने पलटा था. मजे की बात ये है कि 2017 में डलहौजी रोड का नाम बदलकर औरंगजेब के भाई दाराशिकोह के नाम पर रख दिया गया था.


ये भी पढ़ें:
2017 में हल्दीघाटी की लड़ाई जीतने के बाद इस साल महाराणा प्रताप ने सड़क कब्जा ली

सच जान लो : हल्दीघाटी की लड़ाई हल्दीघाटी में हुई ही नहीं थी

वफादार मुसलमान ने बचाई थी महाराणा प्रताप की जान

उस मंदिर का किस्सा जिसे औरंगज़ेब ने बनवाया

पद्मावती एक भुला दी जानी वाली फिल्म ही तो है

रानी पद्मिनी और अलाउद्दीन खिलजी की प्रेम कहानी झूठी है