छत्तीसगढ़ के एक पुलिस वाले का ट्रांसफर हुआ. नक्सली इलाके से निकलकर बेहतर जगह पोस्टिंग मिली तो खुशी का अलग लेवल था. आखिरी दिन पर फेयरवेल का इंतजाम हुआ (Chhattisgarh Inspector Farewell Video). फूलों से सजी गाड़ी के सनरूफ से इंस्पेक्टर साहब चश्मा वश्मा लगाकर निकले. साथ में बैंड बाजे वाला जुलूस था. साथी पुलिसकर्मी भी बाय बाय करने दूर तक गए. कुछ ही दिन बाद खबर आई कि इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है.
ट्रांसफर से खुश दरोगा ने जुलूस निकाला, सनरूफ वाली गाड़ी में घूमे, फिर कांड हो गया!
चश्मा लगा, वर्दी पहन सनरूफ से सिर निकाले घूम रहे थे दरोगा...

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, टाउन इंस्पेक्टर सुरेंद्र स्वर्णकर, राजनंदगांव जिले के डोंगरगढ़ में पोस्टेड थे. हाल ही में उन्हें बिलासपुर में ट्रांसफर की खबर मिली. उनके फेयरवेल में बकायदा जुलूस निकाला गया. रोड शो हुआ. वायरल हुए वीडियो में दिख रहा है कि फूलों, ढोल-नगाड़ों और नाचते हुए लोगों के बीच एक गाड़ी है. उसकी सनरूफ पर इंस्पेक्टर साहब खड़े हैं. यूनिफॉर्म में. बढ़िया चश्मा लगाकर.
मंगलवार, 11 अप्रैल को सुरेंद्र की बिलासपुर में ज्वॉइनिंग थी. मगर उससे पहले खेल हो गया. इसी दिन वायरल वीडियो पर एक्शन लेते हुए बिलासपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक B N मीणा ने सुरेंद्र स्वर्णकर को निलंबित कर दिया. ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने और जुलूस निकालने के आरोप में.
खबर है कि जुलूस के चलते कुछ घंटों के लिए यातायात में रुकावट आई. इसके अलावा चलती गाड़ी में सनरूफ से झांकना ट्रैफिक नियमों के खिलाफ है. इसे अनुशासनहीनता करार देते हुए सुरेंद्र स्वर्णकर को "अनुचित आचरण" के लिए सस्पेंड कर दिया गया है.
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रिपोर्ट के मुताबिक, डोंगरगढ़ में 11 महीने की पोस्टिंग से पहले स्वर्णकर बिलासपुर में ही पोस्टेड थे. वहां कोरोना लॉकडाउन के दौरान एक पेट्रोल पंप कर्मी और एक छात्र की बेरहमी से पिटाई करने के मामले में भी वो विवादों में आए थे. और अब ये बड़ा कांड हो गया है.
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