symbolic image. Reuters
पंजाब में चुनाव आ रहे हैं, ये तो पता ही होगा. सब पंजाब की जनता को लुभाने के लिए कुछ न कुछ कर रहे हैं. उसी कड़ी में हजारों सिखों को खुश करने के लिए मोदी सरकार ने भी तोहफा दे दिया है. एनआरआई सिखों की 212 फैमिली से बैन हटा दिया गया है. इन्हें 32 साल पहले इंडिया आने से बैन किया गया था. 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार और 1985 में कनिष्क प्लेन को बम से उड़ाने के बाद कांग्रेस सरकार ने इनके इंडिया आने पर रोक लगाई थी. ब्लैकलिस्ट किए गए ज्यादातर एनआरआई सिख अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन के रहने वाले हैं. TOI के मुताबिक गृह मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी की अध्यक्षता में एक कमिटी बनाई गई. उसने ब्लैकलिस्ट का रिव्यू किया. और 324 में से 212 पर से बैन हटा लिया गया. बाकी मामलों में भी जांच की जाएगी और उन्हें भी ब्लैकलिस्ट से हटाया जा सकता है. हालांकि गृह मंत्रालय के स्पीकर ने इस बारे में कोई भी बात करने से इनकार कर दिया.
ऑपरेशन ब्लू स्टार 3 से 6 जून 1984. अमृतसर का स्वर्ण मंदिर. खालिस्तान समर्थकों का कब्जा. उनसे मुक्ति पाने के लिए इंडियन आर्मी ने ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया. दनादन गोलियां चलीं. इंडियन गवर्नमेंट के मुताबिक 83 जवान मारे गए और 249 जख्मी हुए. 493 चरमपंथी या आम लोग मारे गए, 86 घायल हुए और 1592 को गिरफ़्तार किया गया. हालांकि इन आंकड़ों को सही नहीं माना गया.
कनिष्क प्लेन बम धमाका एयर इंडिया कनिष्क की फ्लाइट नंबर 182, जो मांट्रियल से दिल्ली जा रही थी, 23 जून, 1985 को आयरिश फ्लाइंग जोन में आसमान में धमाका हुआ और प्लेन खत्म हो गया. इसमें 329 लोग मारे गए. इसे अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में 1984 की आर्मी कार्रवाई का बदला लेने के लिए इस घटना को अंजाम दिया. इस आतंकवादी हमले के लिए कई सिख आतंकी संगठनों को जांच के दायरे में लाया गया. और कनाडा में कई गिरफ्तारियां हुईं.
इन दोनों मामलों में कांग्रेस सरकार ने आतंकी कनेक्शन होने के चलते कई सिख फैमिली को ब्लैकलिस्ट किया था. 32 साल बाद मोदी सरकार ने इन फैमिली से पाबंदी हटा दी.
शुरू में IB ने किया था विरोध
पीएम नरेंद्र मोदी कनाडा और ब्रिटेन दौरे पर गए थे. तब ही सिख एनआरआई ग्रुप्स ने रोक हटाने की मांग की थी. हालांकि रोक हटाने का इंटेलिजेंस ब्यूरो ने विरोध किया था. पीएमओ ने इस मामले में दखल दिया और एक कमिटी बना दी गई. IB को हर मामले की जांच करने को कहा गया. एक अफसर ने बताया कि ब्लैकलिस्ट में कई नाम मनमाने ढंग से शामिल कर दिए गए थे. कई तो पूरी की पूरी फैमिली ब्लैकलिस्ट थीं. इस ब्लैकलिस्ट को सार्वजानिक नहीं किया गया था. पिछले सालों में जब वीजा नहीं दिया गया, तो सिख एनआरआई ग्रुप्स ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया था.
जो भी हो मोदी सरकार ने एक अहम दांव खेला है, जिससे वो सिखों को अपने पाले में कर सकें. और ऑपरेशन ब्लू स्टार का जिन्न बोतल से बाहर निकल सके. बहरहाल कुछ हो न हो, लेकिन इस फैसले से हजारों सिखों के चेहरे पर मुस्कान जरूर आएगी.
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