पीएम मोदी ने कहा कि किसान कानून लागू हुए छह-सात महीने हो चुके हैं, लेकिन अब अचानक कुछ लोग अपना हित साधने के लिए किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर वार कर रहे हैं. (फोटो- PTI)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 दिसंबर, शुक्रवार को मध्यप्रदेश के किसानों को डिजिटल कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये संबोधित कर रहे थे. जाहिर सी बात है कि फोकस में किसान कानून, किसान आंदोलन ही रहा. इस दौरान मोदी ने कृषि कानूनों को लेकर लगाए जा रहे आरोपों पर एक-एक करके जवाब दिया. मोदी ने हाथ जोड़कर किसानों से कहा कि यदि अब भी कुछ किसानों को शंका रह गई हो तो सरकार सिर झुकाकर, हाथ जोड़कर देश हित में उनसे हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार है. आइए जानते हैं प्रधानमंत्री क्या-क्या बोले. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा–
“ये किसान कानून रातों-रात नहीं आए हैं. पिछले 20-22 साल से देश की हर सरकार ने, राज्यों की सरकारों ने, किसान संगठन, कृषि अर्थशास्त्री, कृषि वैज्ञानिक और हमारे यहां के प्रोग्रेसिव किसानों ने इस पर चर्चा की है. इन सुधारों की मांग की गई है. देश के किसानों को तो उन लोगों से जवाब मांगना चाहिए, जो पहले तो अपने घोषणा पत्र में इन सुधारों की वकालत करते थे. लेकिन कभी इन वादों को पूरा नहीं किया.”
मोदी ने कहा कि ये कानून लागू हुए छह-सात महीने हो चुके हैं, लेकिन अब अचानक लोग अपना हित साधने के लिए किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर वार कर रहे हैं.
स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट पर पीएम मोदी ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट का काफी प्रमुखता से ज़िक्र किया. कहा –
“किसानों की बातें करने वाले लोग कितने निर्दयी हैं, इसका सबूत है- स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट. ये लोग कमीशन की सिफारिशों को आठ साल तक दबाकर बैठे रहे. इनकी सरकार को किसान पर ज़्यादा खर्च न करना पड़े, इसलिए रिपोर्ट को दबा दिया. हमारी सरकार ने स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों को बाहर निकाला, इसे लागू किया, किसानों को लागत का डेढ़ गुना MSP हमने दिया.”
किसानों की कर्जमाफी पर मोदी बोले –
“जब दो साल पहले मध्यप्रदेश में चुनाव होने वाले थे तो कर्जमाफी का वादा किया गया था. कहा गया कि सरकार बनने के दस दिन के भीतर सभी किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा. कितने किसानों का कर्ज माफ हुआ? सरकार बनने के बाद बहाने बताए गए.”
MSP और APMC पर
"स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने का काम हमारी ही सरकार ने किया. अगर हमें MSP हटानी होती तो रिपोर्ट लागू ही क्यों करते? लेकिन हमने तो लागू की. हमारी सरकार हर बार बुवाई से पहले MSP की घोषणा करती है. कानून तो छह महीने पहले ही लागू हो चुके थे. कानून बनने के बाद भी MSP की घोषणा पहले की तरह की गई. MSP पर खरीदी भी उन्हीं मंडियों में हुई, जिनमें कानून बनने से पहले होती थी. MSP बंद नहीं होगी."
पीएम ने आंकड़े देकर बताए कि पिछली सरकार में कितनी एमएसपी दी गई और अब कितनी दी जा रही है. मोदी ने APMC मंडियों के बारे में कहा कि नए कानून के बाद एक भी मंडी बंद नहीं हुई है. फिर क्यों ये झूठ फैलाया जा रहा है? सच्चाई तो ये है कि हमारी सरकार APMC को आधुनिक बनाने पर, उनके कंप्यूटरीकरण पर 500 करोड़ रुपए से ज़्यादा खर्च कर रही है. विपक्ष पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि हमारी सरकार बार-बार पूछ रही है कि आपको कानून में किस धारा में क्या दिक्कत है, तो इन राजनीतिक दलों के पास कोई ठोस जवाब नहीं है. जिनकी खुद की राजनीतिक जमीन खिसक गई है, वो किसानों की जमीन चली जाएगी, ये डर दिखाकर अपनी राजनीतिक जमीन खोज रहे हैं. उन्होंने कहा कि इनको तकलीफ इस बात से है कि जो काम हम कहते थे लेकिन कर नहीं पाते थे, वो मोदी ने कैसे किया. मोदी को इसका क्रेडिट कैसे मिलने दें. पीएम ने आगे कहा कि मुझे क्रेडिट मत दो. मैं आपके पुराने घोषणापत्रों को क्रेडिट देता हूं. मैं किसानों को भला चाहता हूं, आप किसानों को भ्रमित करना छोड़ दें.