बाल सफेद हो चुके हैं. उम्र के कॉलम में 67 साल दर्ज हैं. बच्चों को ड्रॉइंग सिखाने वाले टीचर चंद्रकांत दामोदार कुलकर्णी स्कूल से रिटायर हो चुके हैं. क्लीन इंडिया कैंपेन इतना भाया कि अपनी 16 हजार पेंशन में से हर महीने 5 हजार रुपये देने का फैसला किया. लेकिन इस फैसले के बीच कुछ पेच रहे. सुखद रहा तो ये कि देश के पीएम ने कुलकर्णी से मुलाकात कर हाथ जोड़ शुक्रिया कहा. चंद्रकांत हर महीने पीएमओ में क्लीन इंडिया कैंपेन को लेकर चेक भेजते थे. पीएमओ की तरफ से जवाब आया कि पीएम मोदी को अच्छा नहीं लगता कि पेंशन पाने वाले शख्स से मदद ली जाए. कुलकर्णी ने पीएमओ से कहा, 'मेरे परिवार में सब अपने पैरों पर खड़े हैं. मेरे पर कोई निर्भर नहीं है. मैं चाहता हूं कि मेरी डोनेशन स्वीकार की जाए.' पीएमओ ने जब ये बात और अपील सुनी, तो उनने खोजी एक तरकीब. कहा- ये डोनेशन आप पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर नहीं, स्वच्छ भारत अभियान फंड को भेजिए. इसके बाद कुलकर्णी ने जो काम किया, वो मन में
'ओह तेरी की' भाव पैदा करता है.
कुलकर्णी ने सितंबर 2015 की तारीख से पहला चेक काटते हुए कुल 52 चेक काटे. एक महीने का एक चेक. 52 इसलिए, क्योंकि पीएम नरेंद्र मोदी के पांच साल के कार्यकाल को भी अभी 52 महीने बाकी हैं. ये 52 चेक करीब 2 लाख 60 हजार रुपये के हैं. यानी कुलकर्णी ने अपनी पेंशन से क्लीन इंडिया कैंपेन के लिए 2 लाख 60 हजार रुपये दिए. हर महीने का 5 हजार.
लेने वाले तो कई मिले, देने के लिए इत्ती ज़द्दोजहद करने वाले कुलकर्णी इस लिस्ट में अलग ही नजर आए. शनिवार को कुलकर्णी के घर एक फोन बजता है. दूसरी तरफ से आवाज आती है,
'पीएम नरेंद्र मोदी चंद्रकांत दामोदार कुलकर्णी से मिलना चाहते हैं.'
'मुझे मोदी पर बहुत यकीन है. देश में 73 फीसदी लोगों के पास शौचालय नहीं है. इस बात को जानकर मुझे बहुत दुख हुआ. इसलिए मैंने पेंशन के पैसे इस कैंपेन में देने का फैसला किया. पीएम मोदी ने जब फोन किया, तो ये बहुत खुशी की बात रही. पीएम मोदी से मिलना, बड़े भाई से मिलने जैसा है.'
चंद्रकांत दामोदर कुलकर्णी और उनका परिवार पुणे के बैडमिंटन हॉल पहुंचता है. पीएम मोदी को वहां स्मार्ट सिटी से रिलेटेड एक प्रोग्राम में हिस्सा लेना था. प्रोग्राम से ठीक पहले एक कमरे में पीएम नरेंद्र मोदी चंद्रकांत दामोदार कुलकर्णी से मिलते हैं. दोनों लोग हाथ जोड़कर एक दूसरे को सलाम करते हैं. पीएम मोदी ने कुलकर्णी के काम को सराहा. पीएम मोदी ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी. बता दें कि कुलकर्णी को हर महीने पेंशन के 16 हजार रुपये मिलते हैं. 5 हजार गए स्वच्छ भारत के लिए. बचे 11 हजार. कुलकर्णी कहते हैं,
कान ऐठना न छोड़ेंगे मोदी
इस मुलाकात के दौरान कुलकर्णी का नाती भी आया था. 5वीं क्लास में पढ़ने वाला आदि. मोदी ने आदि से पूछा कि क्या वो अपने दादू की मदद करेगा. आदि ने मुंडी न में हिला दी. मोदी ने फौरन आदि के कान ऐंठ दिए और कहा- अपने दादू को चॉकलेट देना.