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महुआ मोइत्रा विवाद पर बोलने से क्यों बच रहे TMC नेता? INDIA वालों ने भी दूरी बनाई

TMC के पश्चिम बंगाल महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा है कि पार्टी के पास इस मुद्दे पर कहने के लिए कुछ नहीं है.

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महुआ मोइत्रा पर संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोप लगे हैं (फोटो- इंडिया टुडे)

तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) पर लगे आरोपों को लेकर पार्टी के बाकी नेता बयान देने से बचते नजर आ रहे हैं. TMC के पश्चिम बंगाल महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा है कि पार्टी के पास इस मुद्दे पर कहने के लिए कुछ नहीं है. कुणाल के मुताबिक उन्हें लगता है कि ये विवाद जिस व्यक्ति से जुड़ा है, वही उस पर प्रतिक्रिया दें. महुआ पर पैसे लेकर लोकसभा में सवाल पूछने के आरोप लगे हैं. ये मामला लोकसभा की एथिक्स कमेटी के पास जा चुका है.

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समाचार एजेंसी PTI ने इस मुद्दे पर पार्टी के एक सीनियर नेता से बात की. नाम ना बताने की शर्त पर TMC नेता ने कहा कि पार्टी नेतृत्व किसी विवाद में नहीं पड़ना चाहता, इसलिए मामले पर दूरी बनाए रखेगा.

वहीं इस मामले पर BJP नेता राहुल सिन्हा ने कहा कि TMC अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती, TMC को बताना होगा कि वो महुआ मोइत्रा का समर्थन करती है या नहीं.

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कांग्रेस भी कुछ नहीं बोल रही!

21 अक्टूबर को कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वो मामले को स्टडी करने के बाद ही कोई प्रतिक्रिया देंगे. मामले पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी से भी सवाल किया गया. 20 अक्टूबर को कोलकाता में अधीर ने कहा कि उन्हें मामले की ज्यादा जानकारी नहीं है. आगे उन्होंने बोला,

“जो कोई भी उस उद्योगपति (अडानी) से सवाल करता है वो राष्ट्र-विरोधी हो जाता है. उस व्यक्ति से पूछताछ करने को लेकर राहुल गांधी पर भी कार्रवाई की गई. हम सदन में जनता से जुड़े सवाल उठाते हैं. अगर केंद्र के पास जवाब है तो दे वरना ना दे."

बता दें, BJP सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई ने आरोप लगाया था कि मोइत्रा ने संसद में सवाल उठाने के बदले उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत ली. निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि महुआ मोइत्रा ससंद में अडानी समूह के खिलाफ सवाल पूछने के लिए पैसे लेती हैं. लिहाजा उन्हें लोकसभा से सस्पेन्ड कर दिया जाए और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच की जाए. 

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जवाब में महुआ मोइत्रा ने उनके खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया. साथ ही मोइत्रा ने कहा कि BJP सरकार बेसब्री से इंतजार कर रही थी कि किसी तरह अडानी मुद्दे पर उनका मुंह बंद कर दिया जाए.

इस विवाद के बीच 19 अक्टूबर को लोकसभा की एथिक्स कमिटी के पास एक हलफनामा पहुंचा. कथित रूप से ये हलफनामा दर्शन हीरानंदानी ने लिखा है. इसमें आरोप है कि महुआ मोइत्रा को हीरानंदानी महंगे तोहफे दिया करते थे. साथ ही उन्होंने महुआ की यात्राओं और छुट्टियों का खर्च भी उठाया था.

ये भी पढ़ें- महुआ मोइत्रा पर 'पैसे लेकर संसद में सवाल' पूछने के आरोप की पूरी कहानी

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