The Lallantop

कौन है वो सांसद, जिसके नाम का पास लेकर संसद में घुसे दोनों घुसपैठिये?

संसद की दर्शक दीर्घा से कूदकर सांसदों के बीच घुसने वाले दोनों शख़्स किसकी पैरवी से विज़िटर पास लेकर यहां आए थे? आरोप है कि इन्हें विज़िटर पास मिला था मैसूर के भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के रेकमेंडेशन पर.

Advertisement
post-main-image
मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा (बाएं) पर आरोप हैं कि उनके ही रेकमेंडेशन पास पर दोनों शख़्स सदन में आए थे. सिम्हा के रेकमेंशन वाला पास (दाएं)

लोकसभा की सुरक्षा में 13 दिसंबर को बड़ी चूक (Parliament Security Breach) हुई. 2 शख़्स सदन की दर्शक दीर्घा में बैठे थे. वहां से ये दोनों सांसदों के बीच कूद पड़े. धुआं उड़ाने लगे. जैसे-तैसे दोनों को पकड़ा गया. सदन में अफरा-तफरी मच गई और कार्यवाही को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. लेकिन ये दोनों संसद में घुसे कैसे थे? इन्हें विज़िटर पास मिला कैसे था?

Advertisement

मैसूर से बीजेपी के सांसद हैं प्रताप सिम्हा. आरोप लग रहा है कि ये दोनों युवक प्रताप सिम्हा के रेकमेंडेशन वाले विज़िटर पास से ही संसद में दाख़िल हुए थे. बसपा से निष्कासित सांसद दानिश अली ने भी ट्वीट करके प्रताप सिम्हा पर ये गंभीर आरोप लगाए हैं. साथ ही दोनों घुसपैठियों में से एक के विज़िटर पास का फोटो भी ट्वीट किया है, जिसमें प्रताप सिम्हा का नाम भी दिख रहा है. 

Advertisement
कौन हैं प्रताप सिम्हा?

प्रताप सिम्हा कर्नाटक की मैसूर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के 2 बार के सांसद हैं. 2014 में प्रताप सिम्हा ने कांग्रेस के अडागुरू विश्वनाथ को करीब 28 हज़ार वोट से हराया था. फिर 2019 में उन्होंने कांग्रेस के ही CH विजयशंकर को करीब 1 लाख 38 हज़ार वोट के बड़े अंतर से हराया. सांसद बनने से पहले प्रताप सिम्हा पत्रकार थे. 1999 से वो पत्रकारिता कर रहे थे. 2014 में ये पेशा छोड़ा, बीजेपी से टिकट मिला और पहले ही चुनाव में जीतकर संसद पहुंच गए. 46 साल के हैं, हिंदूवादी नेता की छवि है और बीते कुछ समय में कुछ विवादों में भी रहे हैं.

सांसद बनने के एक साल बाद ही यानी 2015 में प्रताप सिम्हा पहली बार सुर्ख़ियों में आए, जब उन्होंने टीपू सुल्तान का जन्मोत्सव समारोह मनाने के लिए कर्नाटक की तत्कालीन कांग्रेस सरकार की काफी आलोचना की थी. कहा था कि टीपू सुल्तान केवल इस्लामवादियों के लिए ही आदर्श हो सकता है और उसका जन्मदिन मनाकर मुख्यमंत्री सिद्दारमैया राज्य में जिहादियों को बढ़ावा दे रहे हैं. सिद्दारमैया के ख़िलाफ़ उन्होंने जमकर प्रदर्शन भी किए थे.

बस अड्डा गिराने की धमकी दी थी 

2022 में प्रताप सिम्हा एक बार फिर विवादों में आए. नवंबर 2022 में उन्होंने कहा,

Advertisement

"मैंने सोशल मीडिया पर एक बस अड्डे की फोटो देखी. इसके ढांचे में एक बड़े और दो छोटे गुंबद हैं. ये ढांचा मस्जिद से प्रेरित होकर बना है. मैंने इंजीनियर्स और स्थानीय अथॉरिटी से कहा है कि वो जल्द से जल्द इस बस अड्डे की इमारत को गिरा दें वरना मैं ख़ुद JCB लेकर जाऊंगा और इसे गिरा दूंगा."

ये बस अड्डा मैसूर की ही कृष्णराजा विधानसभा सीट में आता है. प्रताप की इस टिप्पणी के बाद इस सीट से तत्कालीन बीजेपी सांसद एसए रामदास ने कहा था कि प्रताप का ऐसा कहना दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि बस अड्डे की डिजाइन मैसूर पैलेस से प्रभावित है.

इसके बाद हाल ही में कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद भी प्रताप सिम्हा ने बीजेपी की ही पिछली सरकार पर बड़ा आरोप लगाया था. कहा था कि येदियुरप्पा और बसवराज बोम्मई ने मुख्यमंत्री रहते कांग्रेस के भ्रष्ट नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं की. प्रताप ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस और बीजेपी के बीच ‘सीक्रेट समझौता’ हुआ था. हालांकि बाद में राज्य के अन्य बीजेपी नेताओं और कांग्रेस ने भी उनकी बात का खंडन किया.

वीडियो: कर्नाटक में मुंबई और मैसूर ने कर दिया BJP के लिए खेल

Advertisement