अमेरिका को लुभाने के लिए पाकिस्तान कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहा है. पाकिस्तान आर्मी चीफ फील्ड मार्शल जनरल आसिम मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति को रिझाने के लिए एक और 'पत्ता' फेंका है. इस 'पत्ते' में उन्होंने पाकिस्तान के अनमोल खजाने को ही दांव पर लगा दिया. कुल जमा ये है कि आसिम मुनीर ने ट्रंप की खिदमत में एक स्पेशल डिब्बा पेश किया, जिसमें पाकिस्तान के 'रेयर अर्थ मिनरल्स' थे.
ट्रंप के सामने 'डिब्बा' में क्या लेकर पहुंचे आसिम मुनीर?
Asim Munir Donald Trump: पाकिस्तान लंबे समय से दावा करता आ रहा है कि उसके पास तेल, गैस और मिनरल्स का बड़ा भंडार है, जिनकी खोज नहीं हुई है. Pakistan इस क्षेत्र में America की मदद चाहता है.


पाकिस्तान को कर्ज के जंजाल से बाहर निकालने के लिए आसिम मुनीर ने यह तरकीब निकाली है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले हफ्ते वाइट हाउस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और आर्मी चीफ आसिम मुनीर की अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के साथ मुलाकात हुई.
वाइट हाउस ने इस मीटिंग के कुछ फोटो जारी किए, जिनमें लकड़ी के डिब्बे वाले फोटो ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा. ट्रंप पाकिस्तान के डिब्बे को बेहद गौर से देखते हैं, जैसे उसमें अमेरिका के लिए काफी संभावनाएं हैं. वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी एक साइड में मुस्कराते हुए खड़े हैं.

इस डिब्बे में रंग-बिरंगे पत्थर दिख रहे हैं, जिनमें से कुछ शायद रेयर अर्थ एलिमेंट्स (REE) हैं. दो बड़े पत्थर बास्टेनजाइट और मोनाजाइट की तरह लग रहे हैं, जिनमें आमतौर पर सेरियम, लैंथेनम और नियोडिमियम जैसे REE होते हैं. कुछ छोटे, रंग-बिरंगे कंकड़ जेमस्टोन जैसे लग रहे हैं.
पाकिस्तान लंबे समय से दावा करता आ रहा है कि उसके पास तेल, गैस और मिनरल्स का बड़ा भंडार है, जिनकी खोज नहीं हुई है. पाकिस्तान का दावा है कि बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में इनके भंडार हो सकते हैं. ये डिब्बा पेश करना भी उसी कड़ी में शामिल है, ताकि अमेरिका, पाकिस्तान के खनिज भंडार को खोजने और निकालने में दिलचस्पी दिखाए.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, आसिम मुनीर ने पाकिस्तानी मीडिया में कहा है,
"पाकिस्तान के पास रेयर अर्थ का खजाना है; इस खजाने से पाकिस्तान का कर्ज भी कम हो जाएगा और पाकिस्तान जल्द ही सबसे समृद्ध देशों में गिना जाएगा."
यह साफ नहीं है कि पाकिस्तान की जमीन के अंदर कितना खजाना मौजूद हैं. लेकिन अपने बयान से आसिम मुनीर इसे कर्ज से बाहर निकलने का तरीका जरूर मान रहे हैं.
REE को लेकर अमेरिका और पाकिस्तान की पार्टनरशिप पर बात करें तो एक निजी अमेरिकी कंपनी यूएस स्ट्रेटेजिक मेटल्स (USSM) ने पाकिस्तान के फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गेनाइजेशन (FWO) के साथ 500 मिलियन डॉलर (करीब 4433 करोड़ रुपये) का निवेश समझौता किया. FWO पाकिस्तान मिलिट्री से जुड़ी इंजीनियरिंग और माइनिंग की संस्था है. हालांकि, पाकिस्तानी सरकार का सीधे अमेरिकी सरकार के साथ ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ है.
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