पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के नोकुंदी इलाके मेम 1 दिसंबर की सुबह एक बड़ा हमला हुआ. यह हमला चगाई स्थित फ्रंटियर कोर (Frontier Corps - FC) हेडक्वार्टर के मेन गेट पर किया गया. कहा जा रहा है कि ये एक आत्मघाती हमला है. अब तक इस हमले में 6 लोग मारे जा चुके हैं. ये आत्मघाती हमला किसने किया या करवाया, ये तो अभी साफ नहीं है. लेकिन पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा इस हमले के लिए कथित तौर बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (BLF) की सादओ ऑपरेशनल बटालियन (SOB) को जिम्मेदार माना जा रहा है.
पाकिस्तान में फिर सुरक्षाबलों पर हमला, 6 FC जवानों की मौत, किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली
ये आत्मघाती हमला किसने किया या करवाया, ये तो अभी साफ नहीं है. लेकिन पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा इस हमले के लिए कथित तौर Balochistan Liberation Front की सादओ ऑपरेशनल बटालियन (SOB) को जिम्मेदार माना जा रहा है.


ये विस्फोट इतना जबरदस्त था कि मेन गेट पूरी तरह नष्ट हो गया. पास की दीवारों को भारी नुकसान पहुंचा. पाकिस्तानी अधिकारियों ने पुष्टि की है कि मुख्य द्वार पर SVBIED - Suicide Vehicle-Borne Improvised Explosive Device (वाहन पर लगे आत्मघाती विस्फोटक उपकरण) हमले के तुरंत बाद हथियारबंद हमलावर नोकुंडी स्थित FC हेडक्वार्टर के अंदर घुस गए. हेडक्वार्टर परिसर के भीतर अभी भी गोलीबारी और झड़पें जारी हैं. फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. हमले के मद्देनजर, सभी संबंधित अस्पतालों में आपातकाल घोषित कर दिया गया है. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक अभी कर किसी ग्रुप ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. लेकिन पहले के हमलों और बलूचिस्तान के इतिहास को देखते हुए बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट पर इसका शक है.
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस हमले में 3 हमलावर शामिल थे. इन तानों को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने मार गिराया है. घटनास्थल पर सहायता के लिए क्वेटा से दो हेलीकॉप्टर रवाना किए गए हैं. फिलहाल स्थानीय अधिकारी हताहतों के बारे में जानकारी जुटा कर विवरण जारी करने की तैयारी में हैं.
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हाल के दिनों में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने पाकिस्तानी सुरक्षा ठिकानों पर हमले तेज कर दिए हैं. इन घटनाओं की शुरुआत 11 मार्च को उस समय हुई, जब बलोच लड़ाकों ने करीब 440 यात्रियों को ले जा रही एक ट्रेन जाफर एक्सप्रेस पर बड़ा हमला किया थी. इसके बाद यह ट्रेन लगातार निशाने पर बनी रही. जून, अगस्त, सितंबर और अक्टूबर के महीनों में भी इस ट्रेन को टारगेट करते हुए कई धमाके और रॉकेट हमले किए गए थे.
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