बालासोर ट्रेन हादसे की जांच के लिए CBI रेलवे के कई अधिकारियों से पूछताछ कर रही है. इस बीच एक खबर आई कि बहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के सिग्नल जूनियर इंजीनियर आमिर खान ‘गायब’ हैं. इसके बाद ट्विटर पर कई लोग आमिर को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराने लगे. आमिर खान का नाम ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा. कई मीडिया संस्थानों के साथ दी लल्लनटॉप ने भी जूनियर इंजीनियर के परिवार सहित गायब होने की खबर चलाई थी, जिसमें दक्षिण-पूर्व रेलवे के बयान के बाद सुधार किया गया है.
रेलवे के जिस इंजीनियर आमिर खान को 'गायब' बताया गया, उसका सच कुछ और निकला
सोशल मीडिया पर कई लोग जूनियर इंजीनियर आमिर खान को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराने में लगे थे.
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दक्षिण पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (CPRO) आदित्य कुमार चौधरी ने इन रिपोर्ट्स को गलत बताया है. आदित्य चौधरी के मुताबिक,
"ऐसी कुछ मीडिया रिपोर्ट्स आ रही हैं कि बहानगा बाजार स्टेशन के स्टाफ फरार हैं और गायब हैं. ये जानकारी सही नहीं है. सारे स्टाफ यहां मौजूद हैं और जांच का हिस्सा हैं. जहां-जहां उन्हें CRS (कमीशन ऑफ रेलवे सेफ्टी) या CBI की टीम बुला रही है, वहां वे जा रहे हैं."
वहीं इंडियन एक्सप्रेस अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, CBI के अधिकारियों ने जूनियर इंजीनियर आमिर से 19 जून को पूछताछ की और उनके घर को सील कर दिया. 5 सदस्यों की टीम इंजीनियर के घर पहुंची थी. रेलवे के एक सीनियर अधिकारी ने बताया,
"CBI अधिकारियों ने सबूत जुटाने के लिए अलग-अलग जगहों पर तलाशी ली है. लेकिन ट्रेन दुर्घटना के बाद से हमारे कोई भी अधिकारी ड्यूटी से गैरहाजिर नहीं रहे. CBI ने जिसे भी पूछताछ के लिए बुलाया, वे जांच में शामिल हुए."
एक और अधिकारी ने एक्सप्रेस को बताया,
"CBI टीम इंजीनियर को आगे भी पूछताछ के लिए बुला सकती है इसलिए उनके घर को सील किया गया है. इसे इंजीनियर की मौजूदगी में ही खोला जाएगा."
CBI ने 6 जून को ट्रेन हादसे की जांच शुरू की थी. रेलवे के सूत्रों ने अखबार को बताया कि जांच एजेंसी ने इससे पहले बहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के रिले रूम, पैनल और दूसरे सामानों को भी सील किया था. बहानगा स्टेशन के स्टाफ सहित कई और रेलवे अधिकारियों से भी पूछताछ हुई थी. उनके मोबाइल फोन जब्त किए गए थे. रिकॉर्ड रूम से हादसे से पहले और बाद के डिजिटल लॉग्स को सीज किया गया था.
बालासोर के बहानगा बाजार स्टेशन के पास 2 जून को ये हादसा हुआ था. यहां कोरोमंडल एक्सप्रेस लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी. इसके बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर गए. इसी दौरान दूसरे ट्रैक से गुजर रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस कोरोमंडल के उन डिब्बों से टकरा गई. इस हादसे में 292 लोगों की मौत हुई और एक हजार से ज्यादा यात्री घायल हुए. इस हादसे की शुरुआती जांच CRS ने की थी जिसे बाद में CBI को सौंप दिया गया.
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