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डोनल्ड ट्रंप की बीवी के साथ इस अखबार ने की शर्मनाक हरकत

एक अमेरिकी अखबार ने लगाईं डोनल्ड ट्रंप की पत्नी मिलेनिया की न्यूड तस्वीरें. पर क्यों?

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फोटो - thelallantop
डॉनल्ड ट्रम्प. एंजलीना जोली को बदसूरत कहने वाले. ऐन हैथवे को ये कहने वाले कि उसने केवल पैसों के लिए शादी की थी. हिलेरी क्लिंटन के लिए ये कहने वाला कि वो अपने पति को संतुष्ट नहीं कर पातीं तो अमेरिका को कैसे करेंगी. एक महिला वकील ने अपने बच्चे को दूध पिलाने के लिए कोर्ट में ब्रेक लिया, तो उसे 'डिस्गस्टिंग' कहा. महिला पत्रकारों को बेवकूफ और बदसूरत कहा.
यहां सिर्फ कुछ मौकों का जिक्र है, जब डॉनल्ड ट्रम्प ने अपने सेक्सिस्ट विचार बेशर्मी से रखे. रेसिस्ट बयान भी उन्होंने कम नहीं दिए. पूरी दुनिया में बहुत सारे लोगों के पास उनसे नफरत करने की जायज वजहें हैं. लोग डरते हैं कि कहीं वो अमेरिका के राष्ट्रपति न बन जाएं. लेकिन दो दिन पहले एक अखबार ने ऐसी शर्मनाक हरकत की, कि उनके विरोधियों को भी उनकी पत्नी मिलेनिया के सपोर्ट में उतरना पड़ा. वजह, ट्रम्प की पत्नी मिलेनिया के साथ की गई एक सेक्सिस्ट हरकत. मिलेनिया मॉडल रही हैं, पास्ट में उन्होंने कई न्यूड तस्वीरें खिंचवाई हैं. अमेरिकी टेबलॉयड 'न्यूयॉर्क पोस्ट' (NYP) ने दो दिनों तक मिलेनिया की न्यूड तस्वीरें अपने कवर पर छापीं.
इसमें एक तस्वीर दूसरी मॉडल के साथ है. यानी एक न्यूड लेस्बियन फोटो. जिसके साथ टेबलॉइड ने लिखा है: 'फर्स्ट लेडी, और उनके साथ एक सेकंड लेडी'. अगले दिन के कवर पेज पर अकेली मिलेनिया न्यूड खड़ी हैं. साथ में लिखा है 'द ऑगल ऑफिस' यानी 'घूरे जाना वाला पद'.
m trump 1दोनों तस्वीरों से बवाल कटा हुआ है. पहला बवाल तो तस्वीरों के आने भर से कट गया. टेबलॉइड ने इन्हें ऐसे प्रेजेंट किया, मानो ट्रम्प के जीवन का कोई छिपा हुआ राज बाहर आ गया हो. 'रिवील्ड' जैसे शब्द लिखकर. जैसे ये तस्वीरें किसी सीक्रेट फोल्डर में छिपी हुई हों. और लीक हो गई हों. तस्वीरों को छापने के पीछे एक पॉर्नोग्राफिक मकसद है. कि लोग देखें कि 'फर्स्ट लेडी' की दौड़ में शामिल एक औरत का शरीर कैसा दिखता है. दूसरा बवाल अखबार की नैतिकता और पत्रकारिता के एथिक्स को लेकर है. कि क्या पत्रकारिता की समझ यही कहती है कि सेक्सिस्ट पोस्ट की जाएं. मिलेनिया ट्रम्प जब मॉडल थीं, तब ये तस्वीरें खींची गई थीं. मिलेनिया ने 16 साल की उम्र में मॉडलिंग शुरू की थी. और टेबलॉइड में छपने वाली ये तस्वीरें ट्रम्प से शादी करने के 7 साल पहले की हैं. लेकिन अगर वो आज या कल खींची गई तस्वीर भी होती, तो किसी भी औरत के अपनी मरजी से दिए गए न्यूड पोज में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए. वो अगर मॉडल न होतीं, तो भी न्यूड तस्वीर खिंचवाना उनकी चॉइस का मसला होता. The Happy Hearts Fund 2008 Ball "A Masquerade In Venice" - Arrivals लेकिन ये टेबलॉइड तो दो काम एक साथ कर रहा है. मिलेनिया का शरीर भुनाकर चल भी रहा है. और छिपे हुए तरीके से ये भी कह रहा है कि ये औरत तो नंगे पोज देती है. ये आपकी फर्स्ट लेडी कैसे हो सकती है. मतलब आम के आम, गुठलियों के दाम.
जो बात एक औरत के तौर पर अखरती है, वो ये कि बार-बार, हर बार एक औरत को उसके जिस्म और खूबसूरती से ही क्यों आंका जाता है. जैसे वो जीवन में और कुछ हो ही न. और मिलेनिया की 21 साल पुरानी तस्वीर, इलेक्शन के पहले लगाना बेहूदी हरकत है. खासकर जब अमेरिका के पास चुनाव से पहले हिंसा, आतंकवाद, इकॉनमी और धार्मिक पहचान जैसे मसले डिस्कस करने के लिए हैं.
कई दिन पहले फेसबुक पर एक 'मीम' चला था. जिसमें मिलेनिया की एक छोटी सी ड्रेस में तस्वीर थी. और उसके साथ लिखा था. 'ये देखिए अपनी फर्स्ट लेडी को... या फिर अगले मंगलवार को जाकर टेड क्रूज का समर्थन करिए.' सिर्फ अमेरिका इस बीमारी का मारा नहीं है. अपने यहां भी ऐसा खूब होता है. कुछ समय पहले असम से BJP सांसद अंगूरलता डेका की पूल में पार्टी करते हुए फर्जी तस्वीरें लगाई गई थीं. और यूं लिखा गया था कि ये BJP की 'शॉकिंग सच्चाई' है. मानो BJP सांसदों का फ़र्ज़ हो कि अपनी पर्सनल लाइफ में न पार्टी करें, न छोटे कपड़े पहनें. शर्मनाक है.

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