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नेपाल के पीएम पद की दावेदार सुशीला कार्की ने PM मोदी के लिए क्या कहा?

नेपाल में केपी शर्मा ओली की सरकार गिरने के बाद से प्रधानमंत्री बनाए जाने के लिए जेन-जी की पहली पसंद सुशीला कार्की बनी हैं. वह नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं और अब दावेदारी देश की पहली महिला पीएम बनने की भी है.

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पीएम मोदी को लेकर 'कार्की की धारणा अच्छी है' (India Today)

नेपाल में जेन जी आंदोलन के बाद केपी शर्मा ओली की सरकार गिर गई. इसके बाद आंदोलनकारी युवाओं ने पूर्व मुख्य न्यायधीश सुशीला कार्की को देश की कमान सौंपने पर सहमति जताई. हालांकि अब दूसरे दावेदार भी सामने आने लगे हैं. 

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सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रही हैं और अब दावेदारी पहली महिला प्रधानमंत्री बनने के लिए भी है. पड़ोसी देश की सियासत में क्रांतिकारी उथल-पुथल पर भारत में भी चिंता का माहौल है, लेकिन सुशीला कार्की ने भारत को लेकर जो रुझान दिखाया है, उससे ये चिंता थोड़ी कम होती दिखती है. 

कार्की ने कहा है कि भारत और पीएम नरेंद्र मोदी का उन पर अच्छा प्रभाव है. उन्होंने भारत को ‘नेपाल का मददगार देश’ बताते हुए उसके प्रति ‘सम्मान और स्नेह’ जताया है. कार्की की यह ‘धारणा’ केपी शर्मा ओली से थोड़ी अलग है, जिनके सुर अक्सर भारत विरोधी होते थे. 

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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सीएनएन-न्यूज18 से बातचीत में सुशीला कार्की ने कहा,

मैं मोदीजी को नमस्कार करती हूं. मोदी जी के बारे में मेरी बहुत अच्छी धारणा है.

बता दें कि युवाओं के आंदोलन से नेपाल में ओली सरकार के गिरने के बाद कार्की को प्रधानमंत्री बनाने के लिए सबसे ज्यादा समर्थन मिला है. एक राष्ट्रव्यापी वर्चुअल मीटिंग में हजारों युवाओं ने कार्की को अंतरिम सरकार का मुखिया नामित करने के लिए अपनी सहमति जताई है. इस पर सुशीला कार्की ने कहा कि वह इस नई भूमिका के लिए तैयार हैं. अगर उन्हें सरकार का नेतृत्व करने का अवसर मिलता है तो वह सबसे पहले ‘जेन जी आंदोलन’ के दौरान जान गंवाने वाले लड़के-लड़कियों को श्रद्धांजलि देंगी. 

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बीती 8 और 9 सितंबर को नेपाल में सरकार विरोधी प्रदर्शन के दौरान कम से कम 30 लोग मारे गए थे और एक हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे. 

अंतरिम पीएम बनने के अपने फैसले की पुष्टि करते हुए कार्की ने कहा,

जेन जी आंदोलन के युवा सदस्यों ने नेतृत्व के लिए मेरे पक्ष में मतदान किया है. मैंने अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया है.

कार्की ने आगे कहा कि नेपाल में अतीत से समस्याएं रही हैं और अभी भी हालात काफी कठिन हैं. उन्हें नेपाल के विकास के लिए काम करना है और वह कोशिश करेंगी कि देश के लिए नई शुरुआत कर सकें. संभावित पीएम सुशीला कार्की से भारत से रिश्तों को लेकर पूछा गया तो उन्होंने ‘भारत के प्रति अपार स्नेह और सम्मान’ जताया और कहा,

मेरे मन में भारत के प्रति अपार सम्मान और स्नेह है. वह हमेशा से नेपाल के लिए बड़ी मदद करता रहा है.

कार्की का ये बयान इसलिए अभी महत्वपूर्ण है क्योंकि अपदस्थ प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली भारत को लेकर अक्सर प्रतिकूल बयान देते रहे हैं. 

बता दें कि प्रधानमंत्री रहते ओली ने लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी को नेपाल का हिस्सा बताते रहे हैं. इसके अलावा वह भगवान राम को भी भारतीय नहीं बल्कि नेपाली मानते हैं. उनका कहना है कि भगवान राम का जन्म नेपाल के बीरगंज वाली अयोध्या में हुआ था न कि भारत के उत्तर प्रदेश की अयोध्या में.

वीडियो: तारीख: कब-कब हिंसा ने नेपाल की गद्दी को रक्तरंजित किया?

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