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भारत में बने इंजीनियर, हर घर किया रोशन... कौन हैं कुलमान घीसिंग जिन्हें नेपाली Gen Z पीएम बनाने पर अड़े?

Kulman Ghising की साफ-सुथरी छवि और समस्या को सुलझाने की क्षमता ने उन्हें नेपाल के Gen Z युवाओं की पसंद बना दिया है. Gen Z के जिस समूह ने उनके नाम को आगे बढ़ाया है, उनका कहना है कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश Sushila Karki ‘अक्षम’ और 70 साल से अधिक आयु की हैं

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कुलमन घीसिंग ने झारखंड के जमशेदपुर से पढ़ाई की है. (फाइल फोटो: एजेंसी/फाइल फोटो)

नेपाल, राजनीतिक उथल-पुथल और हिंसा (Nepal Violence) का सामना कर रहा है. Gen Z की अगुवाई में हुए विरोध प्रदर्शन के बाद, अब वहां अंतरिम सरकार बनाने की तैयारी चल रही है. अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए कई लोगों के नाम सामने आए हैं. नेपाल की चीफ जस्टिस रहीं सुशीला कार्की (Sushila Karki) की सबसे अधिक चर्चा है. लेकिन इस बीच कुलमान घीसिंग का नाम भी सामने आया है. वो कोई राजनेता नहीं हैं, बल्कि एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने लोगों के घरों में ‘रोशनी’ फैलाई है, लिटरली.

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दरअसल, एक वर्चुअल मीटिंग में Gen Z के प्रतिनिधियों ने सुशीला कार्की के नाम पर मुहर लगा दी. लेकिन 11 सितंबर को Gen Z के एक अन्य समूह ने कुलमान घीसिंग का नाम आगे बढ़ाया, जो नेपाल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (NEA) के पूर्व कार्यकारी प्रमुख रह चुके हैं. Gen Z के समूह ने उनको एक देशभक्त व्यक्ति बताया है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध से शुरू हुए विरोध प्रदर्शन ने, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ एक बड़े आंदोलन का रूप ले लिया. ऐसे में सवाल है कि आखिर कुलमान घीसिंग Gen Z के एक समूह की पसंद कैसे बन गए.

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18 घंटे के ब्लैकआउट का अंत

एक ऐसा दौर था जब नेपाल में रोजाना 17 से 18 घंटे तक बिजली गुल रहती थी. सितंबर 2016 में घीसिंग NEA के प्रबंध निदेशक बनें. इसके कुछ ही महीनों बाद, हालात बदलने लगे. उन्होंने बिजली वितरण को और बेहतर किया. जहां बिजली की सबसे अधिक जरूरत थी, उसको प्राथमिकता दी गई. घीसिंग के नेतृत्व में, मौजूदा संसाधनों का अधिकतम उपयोग करके, देश भर में लोड-शेडिंग को समाप्त कर दिया गया.

उन्होंने NEA में बहुत सारे सुधार किए. इसके कारण उनको खूब सम्मान मिला. नेपाल में उनकी पहचान एक ऐसे नौकरशाह की बनी, जो व्यवस्था को प्रभावी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाना चाहते हैं.

इसी साल मार्च महीने में कुलमान का कार्यकाल समाप्त हुआ. उससे कुछ महीने पहले ही उन्हें हटाने की कोशिश की गई. इसके बाद हजारों लोग विरोध प्रदर्शन करते हुए सड़क पर उतर गए. 

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कुलमान घीसिंग का भारत से संबंध

घीसिंग का भारत से भी गहरा नाता है. नेपाल के रामेछाप जिले में, 1970 में जन्मे कुलमान घीसिंग ने झारखंड के जमशेदपुर स्थित ‘रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’ से पूर्ण छात्रवृत्ति पर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. बाद में उन्होंने नेपाल से पावर सिस्टम इंजीनियरिंग में मास्टर की डिग्री ली और पोखरा यूनिवर्सिटी से MBA की पढ़ाई की.

कुलमान घीसिंग का मानना है कि ऊर्जा के मामले में नेपाल के भविष्य में भारत की महत्वपूर्ण साझेदारी है. 2024 में हिमालयन टाइम्स को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा,

भारत की सहायता अमूल्य रही है. खासकर सीमा पार से बिजली और रियल टाइम डेटा के लेन-देन में.

घीसिंग की साफ-सुथरी छवि और समस्या को सुलझाने की क्षमता ने उन्हें नेपाल के Gen Z युवाओं की पसंद बना दिया है. Gen Z के जिस समूह ने उनके नाम को आगे बढ़ाया है, उनका कहना है कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की ‘अक्षम’ और 70 साल से अधिक आयु की हैं, जबकि काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह ने सरकार में रुचि लेने से इनकार कर दिया.

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