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जापानियों ने कौन सा गाना बना दिया कि इंडियंस फायर हो रखे हैं?

गाना लगभग पूरी तरह से हिंदी में है.

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5 मई से लेकर अब तक ये गाना लगभग 28 लाख बार देखा जा चुका है. (फोटो: यूट्यूब स्क्रीनशॉट)
जाना था जापान , पहुंच गए यूट्यूब. समझ गए न?
बोले तो यूट्यूब पर इस वक़्त एक जापानी चैनल ने भारत वालों को गुस्से में डाल दिया है. चुटकियों में सैकड़ों के हिसाब से कमेन्ट हो रहे हैं, धड़ाधड़ क्लास लगाई जा रही है. लेकिन ऐसा हुआ क्या है?
एक जापानी यूट्यूब चैनल है कैंडी फॉक्स. ये अपने-आप को जापानी केयोस (बर्बादी/तबाही) कंपनी कहते हैं. गाने वगैरह बनाते हैं. शूट करके अपलोड करते हैं. इनका एक वीडियो रिलीज हुआ है, जिसका नाम है "नमस्ते करी पुलिस". वीडियो देख लीजिए पहले:

वीडियो में भारत में करी के दो दीवानों को दिखाया गया है. जिनका सपना है कि वो दुनिया के हर देश में जाकर करी बनाएं. दोनों नाव में बैठकर जापान के लिए निकलते हैं. 20 साल बाद जापान पहुंचते हैं. वहां जाकर करी का रेस्टोरेंट खोलते है. जिसके बाहर ग्राहकों की लंबी लाइन लगी रहती है और वो करी वाली डिश खाने के लिए रात भर इंतजार करते हैं. वीडियो में ग्राहकों को जापानी डिश में करी डालकर खाते हुए दिखाया गया है.
चैनल खालिस ट्रोली है. वो अंग्रेजी में एक शब्द होता है न. Irreverent. माने किसी तरह की रेस्पेक्ट न दिखाने वाला. किसी भी चीज़ को लेकर. लेकिन जिन स्टीरियोटाइप्स को बढ़ावा दिया है इन्होंने, उसमें प्रॉब्लम है. कल्चर की बात करें तो भी भारत का रिप्रेजेंटेशन बहुत एकतरफा है. तकनीकी तौर पर. वीडियो में राजस्थान/आस-पास के इलाके के दो लोग दिखाए गए हैं. ये भी बार-बार दिखाया गया है कि कैसे भारत के लोग दूसरों के कल्चर और खान-पान को नीची नज़रों से देखते हैं. किसी भी तरह की विविधता इनको बर्दाश्त नहीं है.
Curry Police 1 भारत से जुड़े कई स्टीरियोटाइप दिखाए गए हैं इस वीडियो में. (फोटो: यूट्यूब स्क्रीनशॉट)


इस वीडियो को लेकर कमेन्ट सेक्शन में रिएक्शंस की बाढ़ आ गई है. कमेंट करने वाले अधिकतर ये कह रहे हैं कि भई ऐसे स्टीरियोटाइप को क्यों बढ़ावा दे रहे हो. इसका कोई सेन्स नहीं बनता. जापानी लोगों से ये उम्मीद नहीं थी. वगैरह वगैरह.
Curry Police Comm 1 कमेंट्स की एक बानगी देखिए. ऐसे कई कमेन्ट हैं जहां वीडियो बनाने वालों के माफ़ी मांगने को कहा गया है. नमस्ते शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई गई है. (सोर्स: यूट्यूब स्क्रीनशॉट)


मामला यहीं तक नहीं है. इस पूरे विवाद में दो नाम और उलझ गए हैं. एक हैं मायो जापान (Mayo Japan). और एक हैं कोहे (Kohei). मायो जापान एक जापानी लड़की का यूट्यूब चैनल है जिनका नाम है मायो. मायो हिंदी में बात करती हैं. भारत से जुड़े वीडियो बनाती हैं. इस विवादित वीडियो में एक जगह हिंदी बोलती जापानी लड़की की आवाज़ आती है तो लोगों ने ये मान लिया कि ये आवाज़ मायो की है और उनको भी मैसेज और कमेन्ट भेजे जाने लगे. मायो ने इस बात को क्लैरिफाई करते हुए अपने चैनल पर वीडियो डाला और बताया कि इस वीडियो से उनका कोई लेना देना नहीं है, और जापानी लोगों की तरफ से माफ़ी भी मांगी.

वहीं कोहे एक जापानी वायलिन आर्टिस्ट हैं जो हिंदी गानों पर वायलिन की धुन बजाते हैं. इस वीडियो में वो भी दिखाई दिए हैं, तो लोग उन पर सवाल उठा रहे हैं. हालांकि अभी तक उनकी तरफ से कोई क्लेरिफिकेशन नहीं आया है इस बात का.
ये तो हो गई खबर की.अब करते हैं ज़रा बात वीडियो की. स्टीरियोटाइप की. भारत की. इस चैनल की. और ये करी नाम के कलाबत्तू की.
भारत, पाकिस्तान, नेपाल , श्रीलंका जैसे देशों में बनने वाली डिशेज़ में जो अलग अलग तरह की तरी/ग्रेवी होती है, उसके लिए खास तौर पर ये शब्द इस्तेमाल होता है. उसमें भले ही कुछ भी डाल लीजिए. पनीर. सोयाबीन. आलू. कोई और सब्जी. उसे कहा जाएगा करी ही. हम तो छोटे थे तब करी शब्द का इस्तेमाल दो ही जगह सुना था. एक, अंडाकरी. दूसरा करी पत्ता. अब ज्यादा सुनने में आने लगा है. खैर.
Curry Police 7 नान, जिसे अंग्रेजीदां लोग नान ब्रेड भी कहते हैं, वो भी इस वीडियो में लपेट लिया गया है.  (फोटो: यूट्यूब स्क्रीनशॉट)


भारतीयों को करी के पीछे पागल दिखाने वाला ये वीडियो कैंडी फॉक्स नाम के जिस यूट्यूब चैनल ने बनाया है, उसने और भी वीडियो डाले हैं. अपने देश को भी ट्रोल किया है. जैसे जापान में सुशी बहुत मशहूर डिश है. उसके नाम पर सुशी याकूज़ा नाम का वीडियो डाला है इन्होंने. इसमें सुशी खाने को लेकर क्रेजी डॉन टाइप लोग तबाही मचा रहे होते हैं. याकूज़ा जापान में डॉन/माफिया टाइप के लोगों के लिए इस्तेमाल होने वाला शब्द है. एक और वीडियो है जिसमें बुद्ध डिस्को बीट पर नाचते हुए दिखे हैं. और 'योग मोंक' के नाम से अपलोड किए गए इस वीडियो में योग करने वाले लोग संस्कृत में चक्रों के नाम जपते हुए दिखाए गए हैं.

कुछ गिने-चुने लोगों ने वीडियो बनाया तो बनाया. अब कमेन्ट सेक्शन में जो लोग अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं, वो चार कदम और आगे निकल गए हैं. जापान के लोगों को लेकर रेसिस्ट बातें लिख रहे हैं. उनकी आंखों पर टिप्पणियां कर रहे हैं. कुल मिलकर बेहद ही गलीज बातें लिखने वालों की भी कमी नहीं है. अब उनको कौन समझाए कि गलत बात का जवाब, गलत बात से ही नहीं दिया जाता है.