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मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ी, जेल से बाहर निकाला गया

कुछ दिन पहले मुख्तार अंसारी ने कोर्ट को बताया था कि जहरीले पदार्थ से मिले खाना खाने के कारण उनकी तबीयत बिगड़ी है.

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मुख्तार अंसारी को बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया. (फाइल फोटो)

माफिया और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari health) की बांदा जेल में एक बार फिर तबीयत बिगड़ गई. बताया जा रहा है कि जेल बैरक में अचानक बेहोश होने के कारण उनकी तबीयत बिगड़ गई. इसके बाद उन्हें एंबुलेंस से बांदा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि मुख्तार को हार्ट अटैक आया था, जिसके बाद उनकी तबीयत खराब हुई. दो दिन पहले के मुकाबले मुख्तार की तबीयत आज ज्यादा खराब है. अस्पताल में उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है. 26 मार्च को भी तबीयत बिगड़ने के बाद मुख्तार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

बांदा मेडिकल कॉलेज पहुंचे मुख्तार के वकील नसीम हैदर ने मीडिया को बताया कि अभी उनकी क्या स्थिति वो नहीं बता सकते. हैदर के मुताबिक, उन्हें अभी प्रशासन की तरफ से कुछ भी नहीं बताया गया है, मीडिया के जरिये ही जानकारी मिली है.

इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से बताया कि मुख्तार ने रोजा रखा था और रोजा खोलने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ी. जेल डॉक्टर के सामने भी उनकी स्थिति ठीक नहीं थी.

भाई ने गंभीर आरोप लगाया

इससे पहले जब 26 मार्च को मुख्तार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, तब मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ सुनील कौशल ने बताया था कि उन्हें पेट दर्द, पेशाब और मल त्यागने में समस्या थी. उस दिन उन्हें सुबह करीब पौने चार बजे भर्ती कराया गया था और शाम करीब 6 बजे डिस्चार्ज किया गया.

मुख्तार के भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया था कि उनके खाने में जहरीला पदार्थ मिलाया गया. अफजाल ने कहा था, 

“मुख्तार ने मुझे बताया कि करीब 40 दिन पहले भी उसे जहर दिया गया था और अभी हाल में शायद 19 या 22 मार्च को फिर दिया गया है, जिसके बाद से उसकी हालत खराब है.”

इससे पहले 21 मार्च को मुख्तार के वकील ने बाराबंकी कोर्ट को बताया था कि 19 मार्च की रात उनके खाने में जहरीला पदार्थ मिलाया गया, जिसके कारण उनकी तबीयत खराब हो गई. वकील के मुताबिक, इससे पहले अंसारी का स्वास्थ्य पूरी तरह ठीक था. उन्होंने कोर्ट से मुख्तार के इलाज के लिए डॉक्टरों की टीम बनाने का अनुरोध किया था.

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यूपी में मुख्तार अंसारी के खिलाफ 60 से ज्यादा केस दर्ज हैं. मऊ से पांच बार विधायक रहा अंसारी 16 साल से ज्यादा समय से जेल में है. साल 2022 में उन्हें पहली बार दो मामलों में दोषी ठहराया गया था. इस साल 12 मार्च को वाराणसी की एक विशेष MP/MLA अदालत ने उन्हें एक 34 साल पुराने केस में उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

मुख़्तार के खिलाफ पिछले कुछ सालों में सक्रिय तरीके से कार्रवाई हुई है. 2017 से लेकर अबतक न सिर्फ मुख़्तार अंसारी से जुड़े मामलों में कानूनी सक्रियता बढ़ाई गई बल्कि मुख़्तार को आर्थिक चोट भी लगी. सैकड़ों करोड़ रुपये की संपत्ति या तो ज़ब्त हुई या ध्वस्त कर दी गई.

वीडियो: मुख्तार अंसारी, जो सिस्टम से 'खेलते-खेलते' खत्म हो गया!