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विधायकों का सेक्स वीडियो बनाकर एमपी में सरकार गिराना चाहती थीं ये लड़कियां!

दो विधायक फंस गए थे, तीसरे को फंसाने से पहले धर ली गईं.

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इंदौर पुलिस ने पांच महिलाओं समेत कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनपर सेक्स वीडियो के एवज में ब्लैकमेलिंग करने का आरोप है.
मध्य प्रदेश में सेक्स वीडियो बनाकर नेताओं और अधिकारियों को ब्लैकमेल करने वाले मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. अखबार पत्रिका के मुताबिक सेक्स वीडियो बनाकर नेताओं को ब्लैकमेल करने वाले गिरोह के निशाने पर कांग्रेस के सात विधायक थे. लड़कियों का गिरोह इन सातों विधायकों का सेक्स वीडियो बनाने की फिराक में था, जिसके बाद ब्लैकमेलिंग के तौर पर इन्हें कांग्रेस की बजाय बीजेपी का समर्थन करना था. इस गिरोह के चंगुल में दो विधायक फंस भी गए थे. तीसरे विधायक को फांसने से पहले ही इस गिरोह का भंडाफोड़ हो गया. अगर ये गिरोह अपने मकसद में कामयाब हो जाता, तो हो सकता है कि मध्यप्रदेश में सरकार तक गिर जाती.
साइबर सेल को करनी थी जांच, लेकिन उसके अधिकारी का भी वीडियो सामने आ गया
इस गिरोह का भंडाफोड़ इंदौर नगर निगम के एक इंजीनियर की शिकायत पर हुआ था, जिससे इस गिरोह ने तीन करोड़ रुपये मांगे थे. ये पूरी खबर आप यहां
क्लिक करके पढ़ सकते हैं. जब पुलिस ने गिरोह की पांच लड़कियों को गिरफ्तार कर लिया, तो मामले की जांच साइबर सेल को सौंपी जानी थी. अभी जांच साइबर सेल को दी जाती, उससे पहले ही साइबर सेल के एक अधिकारी का भी सेक्स वीडियो सामने आ गया. इसके बाद जांच का जिम्मा साइबर सेल को न देकर एटीएस को दिया गया. इन लड़कियों ने दो विधायकों के सेक्स वीडियो बना लिए थे, वो तीसरा वीडियो बनाने ही वाली थीं कि उससे पहले एटीएस ने उन्हें पकड़ लिया. पत्रिका अखबार के मुताबिक बीजेपी के एक पूर्व मंत्री के इशारे पर इस गिरोह ने कांग्रेस के विधायकों को निशाना बनाया था.
बीजेपी सरकार थी तो उसके नेताओं से संबंध थे, कांग्रेस आई तो गिरोह ने तैयार कर ली नई टीम
सेक्स वीडियो बनाकर नेताओं, अफसरों और बड़े कारोबारियों को ब्लैकमेल करने वाले इस गिरोह की लड़कियों के बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के नेताओं से अच्छे संबंध थे. एटीएस के मुताबिक गैंग में शामिल श्वेता विजय जैन 2012 से बीजेपी में सक्रिय थी. 2013 में विधानसभा चुनाव के दौरान उसने टिकट की दावेदारी भी की थी, लेकिन एक वीडियो आया और उसकी दावेदारी खत्म हो गई. साल 2018 में जब सत्ता बदली और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आ गई, तो श्वेता ने टीम बी तैयार की. और इस टीम का मुखिया बनाया बरखा भटनागर सोनी को, जो कांग्रेस में सक्रिय थी. बरखा का पति अमित सोनी कांग्रेस के आईटी सेल में था. श्वेता विजय जैन ने बरखा के साथ ही आरती को भी टीम में शामिल कर लिया और कांग्रेस नेताओं को अपने निशाने पर ले लिया. लेकिन श्वेता के बीजेपी सरकार में मंत्री रह चुके तीन नेताओं, चार विधायकों, दो आईएएस और तीन आईपीएस से संबंध बने हुए थे. पत्रिका अखबार के मुताबिक इनमें से एक बीजेपी नेता तो वो थे, जो बार-बार कमलनाथ सरकार गिराने का बयान देकर सुर्खियों में रह चुके हैं.
इस रैकेट को आरती दयाल ने शुरू किया था. बाद में और भी लड़कियां इसमें शामिल हो गई थीं.
इस रैकेट में शामिल लड़कियों ने दिल्ली के डॉक्टरों को भी निशाना बनाया था.

निशाने पर थे कुल 100 लोग, 40 हो चुके हैं ब्लैकमेल
पुलिस ने इस गैंग की जिन पांच महिलाओं आरती दयाल, श्वेता स्वप्निल जैन, श्वेता विजय जैन, बरखा भटनागर सोनी और मोनिका को गिरफ्तार किया है, उनके पास से वीडियो क्लिप्स भी बरामद हुई हैं. पत्रिका अखबार के मुताबिक वीडियो क्लिप्स की जांच और गिरफ्तार लड़कियों से पूछताछ के बाद ये सामने आया है कि इस गिरोह के निशाने पर कुल 100 बड़े नेता, अधिकारी और कारोबारी थे. 40 लोगों को तो वो ब्लैकमेल कर भी चुकी थीं, जिसमें प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्री, 2 मंत्री, 3 पूर्व मंत्री, 1 पूर्व सांसद, 15 आईएएस अधिकारी, 8 आईपीएस अधिकारी और कुछ बड़े कारोबारी शामिल हैं. मध्यप्रदेश के नेताओं-अफसरों के अलावा इस गिरोह ने दिल्ली के तीन बड़े डॉक्टरों का भी सेक्स वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल किया है और पैसे ऐंठे हैं. एटीएस को कॉल डिटेल्स के जरिए 50 से ज्यादा महिलाओं-लड़कियों के नंबर मिले हैं, जिनका इस्तेमाल सेक्स वीडियोज बनाने के लिए किया जाता था.
इस पूरे गिरोह में कौन-कौन शामिल हैं, इसकी तफ्तीश जारी है. और जारी है इस मुद्दे पर सियासत. कांग्रेस आरोप लगा रही है कि इस गैंग में बीजेपी के नेता शामिल हैं, बीजेपी आरोप लगा रही है कि इस गैंग में कांग्रेस के लोगों का हाथ है. और जांच में जो बात सामने आई है, वो ये है कि न तो कांग्रेस के नेता दूध के धुले हैं और न ही बीजेपी के. दोनों ही पार्टियों के नेताओं का नाम इस गिरोह से जुड़ता जा रहा है. और जैसे-जैसे बड़े-बड़े रसूखदारों के नाम इस गिरोह के साथ जुड़ते जा रहे हैं, मध्यप्रदेश का राजनीतिक पारा और ज्यादा चढ़ता जा रहा है.

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