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'मणिपुर में लुटे हथियार इनके हाथ लगे तो मुश्किल हो जाएगी'- असम रायफल्स के DG ने जताया डर

असम राइफल्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल पी. सी. नायर ने मणिपुर हिंसा में लूटे गए हथियारों को लेकर बड़ा बयान दिया है. मणिपुर सरकार हिंसा के दौरान लूटे हुए 5,600 हथियारों में से केवल एक चौथाई ही बरामद कर पाई है.

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इस साल मई से मणिपुर में हिंसा शुरू हुई थी. (फोटो क्रेडिट -X)

इस साल मई से पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर(Manipur Violence) रह-रहकर जलते हुए देखा गया. हत्याएं हुईं, महिलाओं के साथ रेप किया गया, उनका यौन शोषण किया गया, हिंसा हुई, दंगे हुए. और इतना ही नहीं,  बड़ी संख्या में सरकारी हथियार लूटे गए. अब असम राइफल्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल पी. सी. नायर ने हथियारों के लूटे जाने पर चिंता जताई. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लेफ्टिनेंट जनरल नायर ने इन हथियारों के गलत हाथों में पहुंचने की संभावना को देखते हुए चिंता व्यक्त की.

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लेफ्टिनेंट जनरल नायर ने कहा कि 

मणिपुर में हालात धीरे-धीरे सामान्य होने की तरफ लौट रहे हैं. लेकिन मैतेई और कुकी समुदाय के कुछ लोगों में अभी भी एक-दूसरे के लिए हिंसात्मक भावनाएं हैं. और छोटे से उकसावे पर हिंसा भड़क जाती है. या किसी पुराने वीडियो के लीक होने से भी हिंसा को बढ़ावा मिलता है.

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इंडियन एक्सप्रेस की ही एक और रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर सरकार पुलिस शस्त्रागारों से लूटेे हुए 5,600 हथियारों में से केवल एक चौथाई ही बरामद कर पाई है. ये मई 2023 में भड़की हिंसा के बाद से लूटे गए थे. वहीं, इस दौरान करीब 6.5 लाख गोली-बारूद भी गायब हुए. इसमें से 5 फीसदी से भी कम बरामद किए जा सके हैं.

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'सामान्य हो रहे हालात'

लेफ्टिनेंट जनरल नायर ने ज़ोर देकर ये कहा कि लूटे हुए हथियार विद्रोहियों के हाथों में भी जा सकते है, जो कि बड़ा खतरा पैदा कर सकता है. उन्होंने कहा-

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अगर ये हथियार वापस नहीं आए तो इनके गलत हाथों में जाने का खतरा है. हथियार विद्रोहियों के पास भी जा सकते हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि स्थानीय लोग उग्रवाद को समर्थन नहीं देंगे क्योंकि पिछले कुछ सालों में मणिपुर के लोगों ने आर्थिक विकास और शांति देखी है.

लेफ्टिनेंट जनरल नायर ने ये भी बताया कि मई में शुरू हुई हिंसा के बाद भारत-म्यांमार सीमा पर गश्त और निगरानी बढ़ाई गई. लेकिन ये एक ओपन बॉर्डर है. सेना हर जगह मौजूद नहीं रह सकती. लेकिन जरूरी बात ये है कि हर विद्रोह के लिए जनता के समर्थन की जरूरत होती है. 

असम राइफल्स के महानिदेशक ने ये भी बताया कि पिछले 2 हफ्तों में तेज गोलीबारी की कोई भी घटना रिपोर्ट नहीं हुई है. उन्होंने कहा मुझे लगता है मणिपुर में हालात वापस सामान्य हो रहे हैं.

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वीडियो: मणिपुर में एक्टिविस्ट लोइटोंगबाम के घर तोड़फोड़ के मामले में UN ह्यूमन राइट्स ने सरकार से क्या कहा?

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