मणिपुर में सोमवार, 9 सितंबर को एक रिटायर्ड सैनिक का शव मिला है. दो दिनों की गहन तलाशी के बाद. मिली जानकारी के मुताबिक़, कुछ संदिग्ध उग्रवादियों ने उन्हें अगवा कर लिया था. सैनिक का नाम लिमलाल माटे है. वो एक सेवानिवृत्त सैनिक थे. पुलिस सूत्रों के हवाले से ये भी छपा है कि शव इंफाल पश्चिम और कांगपोकपी के बीच मिला है.
मणिपुर में पुलिस जिस पूर्व सैनिक को तलाश रही थी, उसका शव मिला है
FIR के मुताबिक़, मृतक लिमलाल माटे पिछले वीकेंड शांतिपुर में कुछ घरेलू सामान ख़रीदने निकले थे, तब कुछ संदिग्ध उग्रवादियों ने उन्हें अगवा कर लिया था.

NDTV की एक रिपोर्ट में छपा है कि मृतक के बेटे थांगमिनलुन माटे ने कांगपोकपी ज़िले के गमनोम सपरमेना पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई थी. इसके मुताबिक़, पिछले वीकेंड वो शांतिपुर में कुछ घरेलू सामान ख़रीदने निकले थे, तब कुछ संदिग्ध उग्रवादियों ने उन्हें अगवा कर लिया था.
थांगमिनलुन माटे ने अपनी FIR में लिखवाया है कि सोशल मीडिया के ज़रिए उसे पता चला है कि उसके पिता की बेरहमी से हत्या कर दी गई है. उसने अपराधियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
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बीते एक साल से मणिपुर के हालात सामान्य हो नहीं पाए हैं. आरक्षण के एक फ़ैसले से ट्रिगर हुई हिंसा ने मैतेई और कुकी समुदाय के बीच तनाव बढ़ा दिया. तब से राज्य सुलग ही रहा है.
शनिवार, 7 सितंबर को मणिपुर के जिरीबाम ज़िले में हिंसा भड़क गई थी, जो राज्य में साल भर से चल रही हिंसा से काफ़ी हद तक अछूता रहा. ख़बर आई कि इस हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई. पुलिस के मुताबिक़, एक व्यक्ति की सोते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई. वहीं, दो विरोधी समुदायों के हथियारबंद लोगों के बीच हुई गोलीबारी में चार अन्य लोग मारे गए.
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आज, 9 सितंबर की सुबह हज़ारों छात्रों ने मणिपुर सचिवालय और राजभवन के सामने विरोध प्रदर्शन किया. हाल ही में ड्रोन और मिसाइल से हुए हमलों के पीछे के लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की.
एक रोज़ पहले राज्य सरकार ने राज्यपाल के साथ एक बैठक के दौरान ये भी मांग की थी कि राज्य सरकार को गृह मंत्रालय के एकीकृत कमान को सौंप दिया जाए. एकीकृत कमान, राज्य में सुरक्षा देखरेख करती है और इसमें अलग-अलग सुरक्षा एजेंसियां शामिल हैं.
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