पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व पीएम और क्रिकेटर रहे इमरान खान (Imran Khan) पर हाल में गोल्ड मेडल बेचने का आरोप लगा था. ये आरोप पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ (Khawaja Muhammad Asif) ने लगाया था. आसिफ ने दावा किया था कि इमरान खान ने भारत से मिले एक गोल्ड मेडल को बेच दिया था, जो कि उन्हें क्रिकेटर रहने के दौरान मिला था. फिर क्या था, इमरान के गोल्ड मेडल बिकने की खबर सुर्खियों में छा गई. बात उस मेडल की हो रही थी, जो इमरान खान को 1987 में क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया की ओर से दिया गया था. इस बीच वो शख्स सामने आया, जिसने इमरान खान का मेडल खरीदा था. इस शख्स का नाम है शकील अहमद.
क्या इमरान खान ने भारत से मिला मेडल बेच दिया था? खरीदने वाले ने सच बताया
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने दावा किया था कि इमरान खान ने भारत से मिला गोल्ड मेडल बेच डाला था.

शकील अहमद पाकिस्तान के कसूर जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें सिक्के और मेडल्स जमा करने का शौक है. वो काफी लंबे समय से ये चीजें जमा कर रहे हैं. शकील अहमद के मुताबिक उन्होंने इमरान खान के उस गोल्ड मेडल को 2014 में खरीदा था. हालांकि, तब उन्हें और मेडल बेचने वाले को इसकी जानकारी नहीं थी कि मेडल इमरान खान का है.
इंडिया टुडे से जुड़े सुबोध कुमार से हुई बातचीत में शकील अहमद ने बताया,
कितने में खरीदा था इमरान खान का गोल्ड मेडल?इमरान खान का ये मेडल साल 2014 में मेरे पास आया था. मैंने कोई 8-10 मेडल खरीदे थे. ये बिल्कुल नहीं पता था कि ये इमरान खान का मेडल है क्योंकि 8-10 मेडल में इमरान खान वाला मेडल बड़ी रफ कंडीशन में था. बिल्कुल भी विजिबल नहीं था कि उस पर क्या लिखा हुआ है. वो मेडल एक साल मेरे पास इसी तरह पड़ा रहा, उसके बाद जब मैंने उसको साफ कराया, तब पता चला कि वो मेडल क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया ने 1987 में इमरान खान को दिया था. मेडल पर इमरान खान साहब का नाम लिखा हुआ था और क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया लिखा हुआ था.
शकील अहमद ने बताया कि उन्होंने वो मेडल बहुत सस्ते में खरीदा था क्योंकि मेडल बेचने वाले को भी नहीं पता था कि मेडल इमरान खान का है. शकील के मुताबिक उस समय उन्होंने मेडल 3-4 हजार में खरीदा होगा. यहां शकील अहमद ने ये भी साफ किया कि उन्होंने इमरान खान से वो मेडल नहीं खरीदा था. उन्होंने बताया कि उन्हें नहीं पता कि इमरान खान का वो मेडल उस दौरान मेडल्स बेचने वाले तक कैसे पहुंचा और ये बात इमरान खान ही साफ कर सकते हैं कि मेडल कैसे मिसप्लेस हुआ.
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक शकील अहमद ने पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर के साथ बातचीत में बताया कि उन्होंने 2 साल तक इमरान को मेडल वापस करने की कोशिश की. लेकिन जब ऐसा नहीं हो सका, तो उन्होंने मेडल पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) को सौंप दिया. मेडल को बाद में PCB की गैलरी में रख दिया गया.
वीडियो- “इन तीन लोगों ने मिलकर इमरान खान को गोली मरवाई!”