ग़ाज़ियाबाद : फूल बेचने वाले की सरेआम पीट-पीटकर हत्या हो गई, लोग वीडियो बनाते रहे
यूपी पुलिस ने क्या एक्शन लिया, वो भी जानें.
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ग़ाज़ियाबाद के लोनी में हुई हत्या के वीडियो का स्क्रीनशॉट
ग़ाज़ियाबाद का लोनी. यहां पर 28 दिसंबर को भरी दोपहरी सड़क के बीचोंबीच एक शख़्स की दो लोगों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी. आसपास गुज़र रहे लोगों ने मोबाइल पर वीडियो बनाए. वीडियो वायरल हुआ. वीडियो में नहीं दिख रहा है कि कोई भी मार खाते शख़्स को बचाने आया. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ़्तार करके मामले की जांच शुरू कर दी है. ख़बरों के मुताबिक़, मृतक का नाम अजय कुमार है. उम्र 21 वर्ष. और आरोपियों के नाम गोविंद शर्मा (21) और अमित कुमार (22) हैं. ग़ाज़ियाबाद ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक इराज राजा के मुताबिक़, लोनी के महाकाली मंदिर के पास 10 साल से गोविंद की फूलों की दुकान है. लॉकडाउन के ठीक पहले अजय ने भी गोविंद की दुकान के ठीक सामने अपनी फूलों की दुकान खोल ली. इससे गोविंद के बिज़नेस पर असर पड़ने लगा. गोविंद ने इस बात पर नाराज़गी जतायी. गोविंद और अजय में इस बात को लेकर बहस और हाथापाई भी हो गयी. मामला पुलिस के पास गया. लेकिन ख़बर बताती है कि दोनों ने आधिकारिक तौर पर कोई केस दर्ज नहीं किया था, इसलिए मामले को समझाबुझाकर रफ़ादफ़ा कर दिया गया. 28 तारीख़ को अपनी दुकान बंद करके अजय ऑटो से अपने घर लौट रहा था. पुलिस के मुताबिक़, गोविंद और अमित ने अजय को ऑटो से बाहर खींच लिया और लोहे की रॉड से पीटने लगे. पुलिस ने बताया है कि गोविंद और अमित अजय को लगभग 3-4 मिनट तक पीटते रहे. आसपास गुज़र रहे लोगों ने घटना का वीडियो बनाया लेकिन अजय की मदद करने नहीं आए. सूचना मिलने के बाद पुलिस पहुंची और तुरंत अजय को अस्पताल लेकर पहुंची, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने दावा किया है कि घटना के तीन घंटे के भीतर दोनों आरोपियों की गिरफ़्तारी कर ली गई. दोनों पर धारा 302 (हत्या)और 120B (आपराधिक साज़िश) के तहत मुक़दमा दर्ज किया गया है. पुलिस ने ये भी दावा किया है कि हत्या में इस्तेमाल लोहे की रॉड भी बरामद कर ली गयी है. इसके अलावा मृतक अजय कुमार के भाई संजय कुमार का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें गोविंद संजय को चाक़ू मारते हुए दिख रहा है. घटना अप्रैल की बताई जा रही है. पुलिस ने कहा है कि वो इस वीडियो की भी जांच कर रहे हैं और साथ में इस बात की भी कि पुलिस ने उस वक़्त कार्रवाई क्यों नहीं की. साथ ही तत्कालीन चौकी प्रभारी शशिपाल भारद्वाज, अंकित कुमार व मुख्य आरक्षी धीरज चतुर्वेदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई प्रचलित करने के आदेश दिए गए हैं.
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