62 साल के एक कमीने ने एक गे क्लब में ऐसा काम किया, कि इसे नरक में भी जगह न मिले. सेक्स में जिस लूब्रिकेंट का इस्तेमाल किया जाता है, उसकी मशीन में तेज़ाब मिला दिया. इस क्लब का नाम है एरोस. बात है ऑस्ट्रेलिया की. शुक्र है कि डिस्पेंसर में अलार्म लगा था, जो छेड़-छाड़ करने पे बज गया. वरना जाने कितने लोग लुब्रिकेंट निकालने के लिए डिस्पेंसर ऑन करते और जल जाते. सिक्योरिटी गार्ड्स ने बुढ़ऊ को पकड़ लिया. और लोगों को चोट और नुकसान पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. फ़िलहाल वो कंडीशनल बेल पर है. और 20 सितंबर को होने वाली सुनवाई की तैयारी कर रहा होगा. पुलिस का कहना है कि अटैक करने की वजह साफ़ नहीं है. लेकिन अटैक की वजह का अंदाजा लगाना किसी के लिए भी मुश्किल नहीं है. आखिर कोई लुब्रिकेंट में एसिड क्यों मिलाएगा. ताकि सेक्स करने वाले सभी गे लोग जल जाएं. ये तो नफरत है, समलैंगिकों के प्रति. क्योंकि ये क्लब कहता है, 'हम लोगों को सेफ सेक्स की सुविधा देते हैं, और जेंडर के नाम पर भेदभाव नहीं करते. तेजाब कोई खेलने की चीज नहीं. न ही लोगों की जिंदगियां.
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62 साल के कमीने बुड्ढे ने लोगों को सेक्स से रोकने के लिए की ये भद्दी हरकत
इतना गलीज, घिनौना आदमी, कि इसे नर्क में भी जगह न मिले.
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