तलाक के इस मामले में सेटलमेंट के तौर पर पैसे, गाड़ी, घर या जमीन की मांग नहीं की गई है. बल्कि मांग की गई है, किडनी की. पत्नी बीमार थीं. उनकी दोनों किडनी खराब हो गई थी. पति ने अपनी एक किडनी पत्नी को डोनेट कर दी. पत्नी की जान बच गई. लेकिन फिर एक रोज मामला तलाक तक पहुंचा. पत्नी ने पति से तलाक मांगा तो पति ने सेटलमेंट के तौर पर अपनी डोनेट की हुई किडनी वापस मांग ली. किडनी वापस नहीं देने की सूरत में पति ने 1.2 मिलियन पाउंड यानी लगभग 12 करोड़ रुपए मांग लिए. मामले में अब कोर्ट का फैसला आ गया है.
पति ने तलाक के लिए पत्नी से मांग ली किडनी, कोर्ट का फैसला आ गया...
इस पूरे मामले पर मेडिकल एक्सपर्ट्स ने जो कहा उसकी जानकारी सबको होनी चाहिए.


डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ रिचर्ड बतिस्ता नाम के एक शख्स ने 1990 में डॉनेल नाम की एक महिला से शादी की थी. दोनों के तीन बच्चे हुए. फिर 2001 में रिचर्ड ने पत्नी की बीमारी के कारण उन्हें एक किडनी डोनेट करने का फैसला किया. रिचर्ड ने कहा कि उस वक्त उनकी प्राथमिकता अपनी पत्नी की जान बचाना था. इसके 4 साल बाद उनकी पत्नी ने तलाक मांग लिया. रिचर्ड बतिस्ता ने अपनी पत्नी पर अफेयर का आरोप लगाया. साथ ही तलाक के लिए किडनी वापस करने की शर्त रख दी.
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रिपोर्ट के मुताबिक, मेडिकल एक्सपर्ट्स ने इससे साफ इनकार कर दिया. कहा कि किडनी वापस करना संभव नहीं है. इससे महिला की जान जा सकती है. साथ ही एक्सपर्ट्स ने ये भी कहा कि किडनी डोनेट करने के बाद अब वो महिला के शरीर में है. इसलिए अब वो किडनी डॉनेल की है ना कि रिचर्ड की.
कोर्ट ने फटकार दियापति की इस अजीब मांग पर नासाउ काउंटी सुप्रीम कोर्ट ने सख्त फैसला सुनाया. उनकी कोई भी मांग नहीं मानी गई. कोर्ट ने दस पन्नों के फैसले में कहा कि पति की मांग कानून के अनुसार किए जाने वाले समाधान के विपरीत है. ये भी कहा गया कि इस बात की भी संभावना है कि ऐसी मांगों के कारण पति किसी आपराधिक मुकदमे में फंस जाए.
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