कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर केस (Kolkata Rape Murder Case) को लेकर ममता और केंद्र सरकार आमने सामने हैं. कुछ दिन पहले 22 अगस्त को रेप और मर्डर केस से निपटने के लिए कड़े केंद्रीय कानून की जरूरत को लेकर CM ममता बनर्जी ने मोदी सरकार को लेटर लिखा था (Mamata Banerjee Letter Rape Reply). केंद्र से जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने एक और लेटर लिखा. दूसरे लेटर के कुछ घंटों बाद महिला और बाल विकास मंत्रालय की तरफ से जवाब आया. इसमें कहा गया कि ममता बनर्जी ने जो आंकड़ें दिए हैं वो गलत है. आरोप लगाए गए कि राज्य सरकार अपनी तरफ से हुई देरी को छिपाने की कोशिश कर रही है.
रेप केस पर ममता ने मोदी सरकार को एक और लेटर लिखा, जवाब में केंद्रीय मंत्री ने क्या कहते हुए सुनाया?
CM Banerjee vs Modi Govt: केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि पश्चिम बंगाल में रेप और POCSO एक्ट के निपटारे के लिए 88 फास्ट ट्रैक कोर्ट FTC स्थापित किए गए हैं लेकिन ये केंद्र सरकार की योजना के तहत रेकमेंड किए गए कोर्ट जैसे नहीं हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 30 अगस्त को ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार को दूसरे लेटर में लिखा,
बलात्कार की घटनाओं पर कड़े केंद्रीय कानूनों की आवश्यकता और अपराधियों को अनुकरणीय सजा देने की जरूरत के संबंध में आप 22 अगस्त के मेरे लेटर को देख सकते हैं. इतने संवेदनशील मुद्दे पर आपकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला. महिला एवं बाल विकास मंत्री की तरफ से जवाब मिला जो कि मेरे लेटर में उठाए गए मुद्दे की गंभीरता पर ध्यान नहीं देता है.
लिखा,
मेरा विचार है कि इस सामान्य जवाब को भेजते समय विषय की गंभीरता और समाज के लिए इसकी प्रासंगिकता का ध्यान नहीं रखा गया है. राज्य की पहलों को भी अनदेखा किया गया है.
कुछ घंटों बाद लेटर का जवाब देते हुए केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि पश्चिम बंगाल में रेप और POCSO एक्ट के निपटारे के लिए 88 फास्ट ट्रैक कोर्ट FTC स्थापित किए गए हैं लेकिन ये केंद्र सरकार की योजना के तहत रेकमेंड किए गए कोर्ट जैसे नहीं हैं. उन्होंने दावा किया कि राज्य में FTC विशेष रूप से रेप और POCSO मामलों के लिए समर्पित होने के बजाय नागरिक विवादों जैसे मामलों को संभालते हैं. अन्नपूर्णा देवी ने ममता बनर्जी से बंगाल में रेप और POCSO एक्ट के तहत मामलों से निपटने के लिए समर्पित फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट की स्थापना और संचालन में तेजी लाने का आह्वान किया.
अन्नपूर्णा देवी ने जवाब में राज्य की न्याय प्रणाली में बैकलॉग पर भी जोर दिया. कहा कि 30 जून, 2024 तक FTC में 81,000 से ज्यादा मामले लंबित थे. उन्होंने चिंता जताई कि राज्य ने 48,600 रेप और POCSO केस के बैकलॉग के बावजूद बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अभी तक अतिरिक्त 11 FTC का संचालन नहीं किया है.
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