डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) बार-बार ये दावा कर रहे हैं कि अमेरिका ने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर (India Pakistan Ceasefire) करवाया. जबकि भारत सरकार ने इस दावे खारिज किया है और ये स्पष्ट किया है कि दोनों देशों के बीच सीधी बातचीत हुई थी. हालांकि, इस मुद्दे पर अब विवाद गहराता जा रहा है. क्योंकि कांग्रेस ये सवाल उठा रही है कि प्रधानमंत्री मोदी खुद इस बात को स्पष्ट क्यों नहीं करते.
'माय डियर फ्रेंड ने 10वीं बार कहा...',भारत-पाकिस्तान सीज़फायर पर ट्रंप के दावे, कांग्रेस ने PM मोदी के घेरा
Jairam Ramesh ने कहा है कि PM Modi को ये स्पष्ट करना चाहिए कि भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कैसे हुआ? क्योंकि Donald Trump बार-बार ये कह रहे हैं कि उन्होंने ही सीजफायर कराया है.

पार्टी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है. इसमें तंज करते हुए लिखा गया है,
'माय डियर फ्रेंड' (ट्रंप) ने 10वीं बार कहा, ‘मैंने भारत-पाकिस्तान युद्ध रुकवाया.’
कांग्रेस से राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने एक एक्स पोस्ट में लिखा,
21 दिनों में ये 11वीं बार है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अच्छे दोस्त और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने सीजफायर के बारे में दावा किया है. प्रधानमंत्री इस पर कब बोलेंगे?

एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा,
डॉनल्ड ट्रंप बार-बार एक ही कहानी दोहरा रहे हैं कि कैसे उन्होंने 4 दिन तक चले भारत-पाकिस्तान संघर्ष को रुकवाया. उनका कहना है कि व्यापार का दबाव देकर अमेरिका ने परमाणु तनाव को रोक दिया. ट्रंप जब ऐसा कहते हैं तो वो भारत और पाकिस्तान को बराबरी पर रख देते हैं. ट्रंप के कॉमर्स सेक्रेटरी ने भी पिछले दिनों एक ट्रेड कोर्ट में अपने बयान में यही दावा किया. लेकिन डॉनल्ड ट्रंप के दोस्त नरेंद्र मोदी उनकी बातों पर पूरी तरह चुप हैं, कोई जवाब नहीं दे रहे. प्रधानमंत्री कुछ बोलते क्यों नहीं? क्या राष्ट्रपति ट्रंप वही कर रहे हैं जो पीएम मोदी अक्सर करते हैं. यानी कि झूठ बोलना? या फिर वो बस आधा सच ही बता रहे हैं.

ट्रंप ने अपने हालिया बयान में 30 मई को वाइट हाउस में कहा,
हमने भारत और पाकिस्तान को लड़ने से रोका. मेरा मानना है कि ये परमाणु आपदा में बदल सकता था.
इससे पहले ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका के एक ट्रेड कोर्ट में भी ऐसा ही बयान दिया था. 2 अप्रैल को ट्रंप ने दुनिया के लगभग 100 देशों पर भारी टैरिफ लगाया था. उनके इसी फैसले को कोर्ट में चुनौती दी गई थी. कोर्ट में ट्रंप की ओर से कई दलीलें दी गईं. एक तर्क ये भी था कि उन्होंने ट्रेड डील के जरिए दबाव बनाकर भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराया है. और अगर ट्रंप के टैरिफ वाले फैसले पर रोक लगाई जाती है, तो ये सीजफायर खतरे में पड़ जाएगा.
हालांकि, ट्रंप की ये दलील ट्रेड कोर्ट में काम नहीं आई और ट्रंप के टैरिफ पर रोक लगा दी गई. लेकिन अगले रोज ट्रंप प्रशासन ने इस फैसले को एक अपील कोर्ट में चुनौती दी. वहां भी वही दलीलें दीं जो ट्रेड कोर्ट में दी थी. अपील कोर्ट ने ट्रंप के पक्ष में फैसला सुनाया और ट्रेड कोर्ट के फैसले पर अस्थायी रोक लगा दी.
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ट्रंप ने सबसे पहले सीजफायर की घोषणा की'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष की स्थिति बनी रही. भारत सरकार का कहना है कि पाकिस्तान की ओर से भारत को फोन किया गया. पाकिस्तान ने सीजफायर की बात की. लेकिन इससे पहले कि सीजफायर की घोषणा भारत या पाकिस्तान की ओर से होती, उससे पहले ही ट्रंप ने सोशल मीडिया पर इसका एलान कर दिया. और तभी से उन्होंने मध्यस्थता का क्रेडिट लेने के लिए ‘एड़ी चोटी एक’ कर दी.
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