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क्या शिवसेना पूरी तरह टूट गई? आधे से ज्यादा विधायक एकनाथ शिंदे के साथ गुवाहाटी पहुंचे!

40 विधायक एकनाथ शिंदे के साथ गुवाहाटी पहुंचे

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गुवाहाटी में बस से उतरते हुए एकनाथ शिंदे (बाएं) | फोटो: ANI/आजतक

महाराष्ट्र (Maharashtra) से गुजरात के सूरत में डेरा डालने वाले एकनाथ शिंदे अब बागी विधायकों के साथ गुवाहाटी पहुंच गए हैं. एकनाथ शिंदे ने गुवाहाटी पहुंचने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनके पास कुल 40 विधायक हैं. इनमें से 33 शिवसेना के और 7 निर्दलीय हैं.

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'हम शिवसेना नहीं छोड़ रहे'

एकनाथ शिंदे ने गुवाहाटी में एयरपोर्ट के बाहर मीडिया से बातचीत में कहा,

'हम बालासाहेब के हिंदुत्व का अनुसरण कर रहे हैं और इसे आगे भी ले जाएंगे. हम लोगों ने बाला साहेब की शिवसेना नहीं छोड़ी है. और न ही कभी छोड़ेंगे.'

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इससे पहले एकनाथ शिंदे ने आजतक से बातचीत में ये भी कहा,

'हमने कहीं जाने के बारे में नहीं सोचा है. हम किसी पार्टी में शामिल नहीं होने जा रहे हैं. हम शिवसेना में रहेंगे, हम बालासाहेब ठाकरे के शिव सैनिक हैं. हम बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे साहेब की विचारधारा को आगे बढ़ाएंगे. जय महाराष्ट्र. गर्व से कहो हम हिंदू हैं. बालासाहेब ठाकरे ने हमें सिखाया है, हिंदुत्व की बात पर हम कभी समझौता नहीं करेंगे, सत्ता के लिए भी नहीं. हम शिवसेना को नहीं छोड़ेंगे.'

आधे से ज्यादा विधायक शिंदे के साथ

मंगलवार, 21 जून उद्धव सरकार के दो और मंत्री बच्चू कडू और राजेंद्र पाटिल भी सूरत पहुंच गए थे. महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के कुल 55 विधायक हैं. ऐसे में अगर एकनाथ शिंदे ने 33 विधायकों को अपनी तरफ कर लिया है तो यह उद्धव ठाकरे के लिए करारा झटका है. क्योंकि आधे से ज्यादा MLA शिंदे के साथ हैं. शिंदे का 33 विधायकों के समर्थन का दावा काफी हद तक सही भी लगता है क्योंकि मंगलवार को उद्धव ठाकरे ने पार्टी विधायकों की एक मीटिंग बुलाई थी. आजतक के मुताबिक इसमें शिवसेना के महज 22 विधायक ही पहुंचे थे.

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मंत्री बोले- NCP और कांग्रेस से दूर रहना मकसद

एकनाथ शिंदे के साथ गुवाहाटी पहुंचे महाविकास अघाडी सरकार में राज्यमंत्री बच्चू कडू ने आजतक के धनंजय साबले से फोन पर हुई बातचीत में कहा,

‘उद्धव ठाकरे जी से से कोई नाराजगी नहीं है. शिवसेना विधायक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस के साथ नहीं जाना चाहते. अब सत्ता परिवर्तन के बाद ही सभी मुंबई वापस लौटेंगे. शिव सैनिकों और निर्दलीय विधायकों को सत्ता में बदलाव चाहिए था, इसलिए ये सब एकनाथ शिंदे के साथ गोवाहाटी आए हैं.’

बच्चू कडू ने दावा किया कि किसी भी विधायक को को जबरन लेकर नहीं लाया गया है.

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