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महाराष्ट्र वाले गेम में तो सुप्रीम कोर्ट ने गज्जब का काम कर दिया

अमित शाह ने भी ये नहीं सोचा होगा

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महाराष्ट्र के चुनावी बवाल के बाद मौजूदा विपक्षी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट. और सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला.
महाराष्ट्र का बवाल. कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना मिलकर "खिचड़ी" सरकार बनाने की तैयारी कर रहे थे कि भोरे-भोरे हुआ काम. राष्ट्रपति शासन हटा गच्च से. और देवेन्द्र फडनवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. बवाल हुआ. कहा गया कि मामला संविधान को तोड़ने वाला है.
बिफरे-बौखलाए विपक्षी पहुंच गए सुप्रीम कोर्ट. याचिका दायर की. दखल देने को कहा. और कल यानी 25 नवम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित कर लिया. और अब आज आ गया है फैसला.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

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पांच पॉइंट में जानिए.

1). कोर्ट ने 27 नवंबर को शाम 5 के पहले फ्लोर टेस्ट करने का आदेश दिया है. 2). तत्काल प्रभाव से प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाए. 3). प्रोटेम स्पीकर की देखरेख में ही पूरा फ्लोर टेस्ट होगा. 4). फ्लोर टेस्ट के लिए सीक्रेट बैलेट का इस्तेमाल नहीं होगा. कोई गुप्त मतदान नहीं. 5). और पूरे फ्लोर टेस्ट का होगा लाइव टेलीकास्ट.

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क्यों हुआ बवाल?

शपथ ग्रहण की जल्दबाजी पर. शनिवार यानी 23 नवंबर की सुबह-सुबह देवेन्द्र फडनवीस और एनसीपी के नेता अजित पवार ने एनसीपी के बागी विधायकों और भाजपा विधायकों के साथ शपथ ले ली. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बाक़ायदा प्रेस कांफ्रेंस की. और कुछ बुनियादी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि जैसी रवायत है, राज्यपाल के इस शपथ ग्रहण में और किसी विपक्षी को नहीं बुलाया गया. ये भी कहा कि रवायत के मुताबिक़, बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को भी इस शपथ ग्रहण के लिए नहीं बुलाया गया.


देवेन्द्र फडनवीस ने गुपचुप ली शपथ, और हुआ था जमकर बवाल देवेन्द्र फडनवीस ने गुपचुप ली शपथ, और हुआ था जमकर बवाल

विधायकों के जिन हस्ताक्षरों को लेकर देवेन्द्र फडनवीस राज्यपाल के पास पहुंचे थे, उसके बारे में एनसीपी की ओर से कहा गया कि वो उपस्थिति के लिए किये गए हस्ताक्षर थे, जिसको भाजपा ने सरकार बनाने के लिए इस्तेमाल किया.

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जोड़तोड़ और बवाल

महाराष्ट्र में ये सब भी हुआ और बहुत हुआ. कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना ने अपने विधायकों को दांत से रस्सी की तरह पकड़ लिया. सब होटल में खटका लगाके बंद. जो बागी हुए थे, उनको भी खींचखांचकर इधर बिठा लिया गया. और कल यानी 25 नवम्बर को होटल ग्रैंड हयात में "We Are 162" नाम से सम्मेलन हुआ. ये तीनों पार्टियां थीं. ऐलान ये कि बहुमत तो हमारे पास. 162. देवेन्द्र मुख्यमंत्री कैसे.


ग्रैंड हयात होटल में मीटिंग के बाद शिवसेना के उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे. ग्रैंड हयात होटल में मीटिंग के बाद शिवसेना के उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे.

इससे पहले कब ऐसा हुआ?

2018. कर्नाटक में. चुनाव हुए. भाजपा के पास बहुमत तो नहीं, फिर भी राज्यपाल ने भाजपा के बीएस येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्यौता दे दिया. शपथ ग्रहण डन. अब थी बारी फ्लोर टेस्टिंग की. सुप्रीम कोर्ट ने दखल दिया. कहा कि फ्लोर टेस्टिंग हो, और कैमरे और मीडिया के सामने हो. जोड़तोड़ में गड़बड़. फ्लोर टेस्टिंग के पहले ही येदियुरप्पा ने लंबा भाषण दिया और दे दिया इस्तीफा. जिसके बाद सरकार बनी एचडी कुमारास्वामी की.



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