महाकुंभ (Mahakumbh). दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आजोयनों में से एक. प्रयागराज में ये महाकुंभ मेला 13 जनवरी से शुरू हुआ. देश के अलग-अलग इलाक़ों से श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं, ताकि संगम (गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का) में स्नान कर सकें. एक अनुमान केे मुताबिक़, अब तक लगभग 1.5 करोड़ से ज़्यादा लोगों ने यहां डुबकी लगा ली है. लगभग 50 लाख तीर्थयात्री और साधु पूरे आयोजन की अवधि के लिए शिविरों में रहने वाले हैं. कार्यक्रम इतना बड़ा है कि विदेश मीडिया तक इसे कवर कर रही है.
मानवता का सबसे बड़ा समागम, महाकुंभ पर विदेशी मीडिया की कवरेज प्राउड फील करा देगी
Foreign media on maha kumbh Mela: रॉयटर्स ने लिखा है, ' महाकुंभ इतना विशाल है कि सुरक्षा मुहैया कराने और भीड़ को संभालने के लिए लगभग 40,000 पुलिस अधिकारी तैनात हैं. जबकि आर्टिफ़िशियल इंडेलिटेंस (AI) क्षमताओं से लैस निगरानी कैमरे निरंतर निगरानी सुनिश्चित करेंगे.'

ऐसे में जानेंगे कि विदेशी मीडिया ने महाकुंभ के मेले को कैसे कवर किया है. ब्रिटिश मीडिया संस्थान BBC ने महाकुंभ पर ख़बर की. इसकी हेडिंग है- Millions start bathing in holy rivers at India's biggest Hindu festival. यानी, भारत के सबसे बड़े हिंदू त्योहार पर लाखों लोगों ने पवित्र नदियों में स्नान किया. ख़बर में लिखा कि कुंभ को मानवता का सबसे बड़ा समागम कहा जाता है. आगे लिखा गया,
45 दिनों तक चलने वाले इस भव्य आयोजन में लगभग 400 मिलियन (40 करोड़) तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है. ये इतना बड़ा है कि इसे अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है. इसमें राख से लिपटे नग्न जटाधारी हिंदू साधु (जिन्हें नागा साधु के रूप में जाना जाता है) भोर में डुबकी लगाते हुए दिखते हैं.
वहीं, बीबीसी ने संतों और अन्य श्रद्धालुओं के शिविरों में पानी की व्यवस्था और बिजली की आपूर्ति की कमी को भी रिपोर्ट किया है. बताया गया कि हज़ारों टॉयलेट्स अभी भी स्थापित किए जाने थे और जो स्थापित हो चुके थे, उनमें से कई पानी के कनेक्शन न होने के कारण खाली पड़े थे.

इंटरनेशनल न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स ने लिखा,
हर 12 साल पर आयोजित होने वाला कुंभ मेला इस बार उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर में आयोजित है. ये इतना विशाल है कि सुरक्षा मुहैया कराने और भीड़ को संभालने के लिए लगभग 40,000 पुलिस अधिकारी तैनात हैं. जबकि आर्टिफ़िशियल इंडेलिटेंस (AI) क्षमताओं से लैस निगरानी कैमरे निरंतर निगरानी सुनिश्चित करेंगे.
रॉयटर्स ने कुंभ की उत्पत्ति की कहानी को भी एक्सप्लेन किया है. साथ ही ये भी लिखा है कि ये आयोजन भारत में धर्म, अध्यात्म और पर्यटन का अद्वितीय मिश्रण प्रस्तुत करने वाला है. ऐसे में दुनिया के सबसे अधिक जनसंख्या वाले भारत के अधिकारियों के लिए भीड़ प्रबंधन भी बड़ी परीक्षा है. जिसके लिए तैयारियां की गई हैं.
वहीं, अमेरिकी मीडिया संस्थान CNN ने लिखा कि दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक चल रहा है. इसमें शामिल होने वालों की संख्या चौंका देने वाली है. आगे लिखा गया,
अधिकारी इस आयोजन को धार्मिक सभा के रूप में प्रचारित करने के साथ-साथ एक सांस्कृतिक प्रदर्शन बता रहे हैं. जिसमें अतीत में बॉलीवुड और हॉलीवुड दोनों सितारे शामिल हुए हैं. उत्तर प्रदेश के भगवाधारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ -जो मुसलमानों के ख़िलाफ़ भड़काऊ बयानबाजी के लिए जाने जाते हैं- ने कहा कि लाखों लोग पहले ही "संगम के पवित्र जल में डुबकी लगा चुके हैं.

अलजज़ीरा न्यूज़ एजेंसी ने लिखा कि सार्वजनिक चेतावनियों के बीच श्रद्धालु, संगम पर सूर्योदय की प्रतीक्षा के लिए स्नान स्थलों की ओर बढ़े. अलजज़ीरा ने ख़बर में आगे लिखा,
सर्दियों की सुबह के कोहरे में पानी के किनारे की ओर बढ़ते हुए, उन्होंने स्तुति की और "हर हर महादेव" और "जय गंगा मैया" जैसे नारे लगाए. हिंदू साधु-संतों ने अपने-अपने संप्रदायों के विशाल झंडे ले रखे थे.
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जर्मन मीडिया संस्थान डॉयचे वेले (DW) ने भी महाकुंभ को कवर किया है. DW की ख़बर में लिखा गया,
भारत के उत्तरी शहर उत्तर प्रदेश में लगभग 40 करोड़ लोगों के आने की संभावना है. साल के सबसे ठंडे महीने में कम लोगों के आने की संभावनाएं भी जताई जा रही हैं. जैसे-जैसे त्योहार में भीड़ बढ़ी, लोगों के लिए आवास की कमी हुई. कई लोगों के पास खुले आसमान के नीचे रात बिताने के अलावा, कोई विकल्प नहीं बचा. महाकुंभ उत्सव के लिए लाखों श्रद्धालु गंगा तट पर इकट्ठे हुए और उन्होंने नदी में फूल और दीप फेंककर प्रार्थना किया. ऐसे में सफाईकर्मियों की भी बड़ी टीम तैनात की गई है.
बताते चलें, संगम तट पर 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा के दिन महाकुंभ का आगाज हुआ और ये आयोजन 26 फरवरी तक चलेगा.
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