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मुख्तार अंसारी पर हमला करने के केस में डॉन बृजेश सिंह को मिली जमानत, 12 साल से बंद था!

15 जुलाई 2001 को मुख्तार अंसारी और बृजेश सिंह गैंग के बीच गैंगवार हुआ था. उसमें मुख्तार अंसारी के एक गनर की मौत हुई थी.

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माफिया डॉन बृजेश सिंह (फोटो- आजतक)

वाराणसी (Varanasi) की जेल में बंद माफिया डॉन और पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह (Brijesh Singh) को जमानत मिल गई है. बृजेश गाजीपुर (Ghazipur) के उसरी चट्टी कांड में शामिल होने के आरोप में जेल गया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में जस्टिस अरविंद कुमार मिश्र की सिंगल बेंच ने जमानत सशर्त मंजूर की. बता दें बृजेश सिंह 2009 से - पिछले 12 साल से - जेल में बंद है. बृजेश पर साथियों के साथ मिलकर मुख्तार अंसारी के काफिले पर हमला करने का आरोप लगा था.

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मुख्तार अंसारी के साथ हुआ था गैंगवार

दरअसल गाजीपुर में 15 जुलाई 2001 को मुख्तार अंसारी और बृजेश सिंह गैंग के बीच गैंगवार हुआ था. उस वक्त मऊ के तत्कालीन विधायक मुख्तार अंसारी अपने निर्वाचन क्षेत्र जा रहे थे. दोपहर लगभग साढ़े 12 बजे मोहम्मदाबाद कोतवाली के उसरी चट्टी पर उनके काफिले पर हमलावरों ने फायरिंग की थी. इसमें मुख्तार अंसारी के एक गनर और एक हमलावर की मौत हो गई थी.

सालों तक अंडरग्राउंड रहा बृजेश सिंह 

हमले में बृजेश सिंह भी घायल हुआ था और तभी यह चर्चा हुई कि बृजेश सिंह क्रॉस फायरिंग में मारा गया. सालों तक बृजेश सिंह अंडरग्राउंड रहा और उसने अपना कारोबार छिपकर संचालित किया. बृजेश सिंह पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने 5 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था. लेकिन कुछ ही दिनों बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उसे भुवनेश्वर से बड़े नाटकीय ढंग से गिरफ्तार किया. दिल्ली स्पेशल सेल के द्वारा की गई इस गिरफ्तारी के बाद बृजेश सिंह यूपी आ गया और 12 साल से वाराणसी की जेल में बंद है.

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जमानत के समर्थन में याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि बृजेश सिंह इस मामले में 2009 से जेल में बंद हैं. हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद गाजीपुर के इस मामले में अब तक ट्रायल शुरू नहीं हो सका है, सिर्फ एक गवाही पूरी हो पाई है.

बता दें इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में बृजेश सिंह की जमानत को पहले खारिज करते हुए सुनवाई करने वाली निचली अदालत को एक साल में ट्रायल पूरा करने का निर्देश दिया था, लेकिन एक साल का वक्त गुजर जाने के बाद भी ट्रायल पूरा नहीं हो पाया, जिसके बाद बृजेश सिंह की ओर से हाईकोर्ट में जमानत पर दोबारा अर्जी डाली गई थी.

बता दें कि बृजेश सिंह पर 41 आपराधिक मामले दर्ज थे. इनमें से 15 में उसे बरी किया जा चुका है. सिर्फ तीन मुकदमों में सुनवाई चल रही है, इनमें से दो मुकदमों में वह जमानत पर है. सिर्फ इस एक मामले में उसे जमानत नहीं मिली थी. अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बृजेश सिंह को गाजीपुर के उसरी चट्टी कांड में भी जमानत दे दी है.

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