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स्कूल में छोटी बच्चियां टॉयलेट साफ करती दिखीं, वीडियो आते ही ये बात होने लगी!

जिला शिक्षा अधिकारी ने वायरल वीडियो को लेकर क्या बात कही?

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तस्वीरें- ट्विटर

मध्य प्रदेश के गुना जिले में एक सरकारी स्कूल की छात्राओं से टॉयलेट साफ करवाने का वीडियो बहस का मुद्दा बन गया है. वायरल वीडियो और तस्वीरों में स्कूल की छात्राएं वहां के टॉयलेट में झाड़ू लगाती और उसे पानी से धोती दिख रही हैं. बीती 20 सितंबर को सामने आई इन तस्वीरों और वीडियो को लेकर विपक्ष ने प्रदेश की शिवराज सरकार पर हमला बोला था. साथ ही ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान पर तंज भी कसा था. अब जिला प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. हालांकि अधिकारी अलग-अलग बयान दे रहे हैं.

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छात्राओं से साफ करवाए गए स्कूल के टॉयलेट?

वीडियो गुना जिले के चकदेवपुर गांव में बने एक स्कूल का है. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसमें दिख रही छात्राएं 5वीं और 6वीं क्लास में पढ़ती हैं. उनमें से एक स्कूल के हैंडपंप से पानी भरकर लाती दिख रही है. बाकी छात्राएं स्कूल की रसोई, बाथरूम वगैरह साफ कर रही हैं.

वीडियो वायरल होने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया कोऑर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा ने शिवराज सरकार पर हमला बोल दिया. एक ट्वीट में उन्होंने कहा,

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"ये तस्वीरें बेहद आपत्तिजनक हैं… मामाजी (शिवराज चौहान) की सरकार में स्कूल में भांजियों से शौचालय साफ करवाया जा रहा है... तस्वीरें गुना जिले के बमोरी के चकदेवपुर के प्राथमिक-माध्यमिक स्कूल की हैं. “बेटी पढ़ाओ “ अभियान की हकीकत."

वीडियो वायरल होने के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया. मामले की जांच के आदेश दे दिए गए. लेकिन गुना के कलेक्टर फ्रैंक नोबल अलग बात बोल रहे हैं और शिक्षा अधिकारी सोनम जैन कुछ और दावा कर रही हैं. अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक कलेक्टर फ्रैंक नोबल ने कहा है,

"बच्चियों से टॉयलेट साफ करवाने वालों के खिलाफ सख्त ऐक्शन लिया जाएगा. मामले की जांच की जा रही है. छात्राओं के प्रति इस तरह का रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा."

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वहीं पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, जिले की शिक्षा अधिकारी सोनम जैन ने कहा कि स्कूल के टॉइलेट साफ करने के लिए बच्चियों से जबरदस्ती नहीं की गई थी. न्यूज एजेंसी से बातचीत में उन्होंने कहा,

"जांच के दौरान छात्राओं ने साफ किया कि उन्होंने टॉयलेट साफ नहीं किए थे. शौचालय में हाथ-मुंह धोने की जगह बारिश की वजह से गंदी हो गई थी. उन्होंने केवल स्कूल के एक हैंडपंप से पानी भरकर वहां डाला था."

सोनम जैन का दावा है कि उन्होंने खुद बच्चियों, उनके परिजनों और स्कूल के स्टाफ के बयान दर्ज किए हैं. सभी ने इससे इनकार किया है कि बच्चियों को टॉइलेट साफ करने को कहा गया था. वहीं राज्य के शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर चंद्रशेखर सिसोदिया ने कहा कि सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया है. जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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