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"भारत में रहना है तो राम-कृष्ण...", कृष्ण जन्माष्टमी पर किसे चेतावनी दे आए CM मोहन यादव?

मुख्यमंत्री ने यही बात ट्विटर पर पोस्ट भी की थी. मगर बाद में हटा दी. हालांकि, जहां वो बोल आए हैं, उसका वीडियो तो है ही.

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जन्माष्ठमी के मौक़े पर CM मोहन यादव. (फ़ोटो- PTI)

पूरे देश की तरह ही मध्य प्रदेश में भी कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है. पूरे राज्य में जगह-जगह कार्यक्रम किए जा रहे हैं. सूबे के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी ऐसे ही एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया. वहां जनता के बीच कह आए कि अगर भारत में रहना है, तो राम-कृष्ण का नाम लेना पड़ेगा. मुख्यमंत्री ने यही बात ट्विटर पर पोस्ट भी की थी. मगर बाद में हटा दी.

क्या बोले मुख्यमंत्री?

अशोकनगर ज़िले के चंदेरी इलाक़े में आयोजन था. मुख्यमंत्री ने भाषण दिया. उसी में कहा,

"...हमें समझदार लोग चाहिए. रहीम, रसखान — यहां की माटी से अपने आप को जोड़कर चले. तो आज सदियों से हम उनका स्मरण करते हैं. लेकिन सावधान, जो यहां का खाता है और कहीं और का बजाता है. ये नहीं चलेगा! भारत के अंदर रहना, तो राम-कृष्ण की जय कहना होगा. इनके बाहर कुछ नहीं हैं. 

हमारे देश के अंदर, हम सबका सम्मान करना चाहते हैं. किसी को अपमानित नहीं करना चाहते."

हालांकि, CM मोहन यादव ने बाद में ट्विटर से ये पोस्ट डिलीट कर दी.

आगे कहा,

"अब आप अवैध काम करोगे और क़ानून तोड़ोगे, तो मध्य प्रदेश सरकार बर्दाश्त करने वाली नहीं. जिस दिन शपथ लेते हैं, उस दिन ईश्वर को साक्षी रखकर शपथ लेते हैं. मैंने तो जुगलकिशोर को साक्षी रखकर शपथ ली थी कि जब भी आगे बढ़ेंगे भगवान राम और कृष्ण की जयकार करते हुए बढ़ेंगे. भगवान राम और कृष्ण ने असुरी शक्तियों से सदैव लड़ने की प्रेरणा दी है. यही पाठ उन्होंने हमकों सिखाया है. 

असुरी भावना को पहचानने की जरूरत है. मैं किसी भी धर्म का विरोध नहीं करता हूं, सबका सम्मान करता हूं. सबके लिए क़ानून बराबर होना चाहिए."

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इसके अलावा CM मोहन यादव ने एलान किया कि कृष्ण के जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर चर्चा के लिए राज्य सरकार शहरी क्षेत्रों में केंद्र खोलेगी. ये भी कहा कि राज्य के हर ब्लॉक में बरसाना की तर्ज़ पर एक गांव विकसित किया जाएगा.

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