The Lallantop

Jodhpur Loksabha Results: राजस्थान में कांग्रेस ने किया सरप्राइज, जोधपुर में BJP का क्या हुआ?

मारवाड़ की राजधानी कहे जाने वाला जोधपुर राष्ट्रीय राजनीति में दो लोगों के चलते चर्चा में रहती है- गजेंद्र सिंह शेखावत और अशोक गहलोत.

post-main-image
गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजनीति जोधपुर की जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी से शुरू की. इस बार उनके सामने कांग्रेस के करण सिंह उचियारड़ा हैं. (फ़ोटो/आजतक)

जोधपुर लोकसभा सीट बीजेपी ने जीत ली है (Jodhpur Loksabha Seat Result). भाजपा के गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने कांग्रेस के करण सिंह उचियारड़ा (Karan Singh Uchiyarda) को एक लाख 15 हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया है. उन्हें 7 लाख 30 हजार से ज्यादा लोगों ने वोट किया है, जबकि करण सिंह को 6 लाख 14 हजार 379 वोट मिले.

मारवाड़ की राजधानी कहे जाने वाला जोधपुर राष्ट्रीय राजनीति में दो लोगों के चलते चर्चा में रहती है- 

1. अशोक गहलोत- वरिष्ठ कांग्रेस नेता और तीन बार के राजस्थान सीएम. इनका घर जोधपुर में ही है. यहीं के सरदारपुरा से वो विधायक हैं. पांच बार जोधपुर से लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं.

2. गजेंद्र सिंह शेखावत- जोधपुर से दो बार के भाजपा सांसद और मोदी कैबिनेट में जल शक्ति मंत्री.

आज जोधपुर भाजपा का गढ़ है. लेकिन हमेशा ऐसा नहीं था. अशोक गहलोत जब राजस्थान के सीएम की कुर्सी तक नहीं पहुंचे थे, तो जोधपुर से ही लोकसभा जाते थे. 1980 में जब इंदिरा गांधी लौटीं, तो अशोक गहलोत पहली बार जीते. 1984 में दूसरी बार जीते. लेकिन 1989 में जब वीपी सिंह की आंधी में राजीव गांधी की सरकार गिर गई, तब अशोक गहलोत भी हारे. उस साल भाजपा नेता जसवंत सिंह यहां से चुने गए थे.

1991 में अशोक गहलोत ने वापसी की. 1996 और 1998 का चुनाव भी जीते. लेकिन इसी साल दिसंबर में जब कांग्रेस राजस्थान का विधानसभा चुनाव जीती, तो गहलोत बन गए सरदारपुरा से विधायक और राजस्थान के मुख्यमंत्री.

तब से लेकर अब तक गहलोत की पार्टी जोधपुर को सिर्फ एक बार जीत पाई है. 1999 से 2009 तक भाजपा नेता जसवंत बिश्नोई यहां से सांसद रहे और 2014 से 2024 की दो लोकसभाओं में गजेंद्र सिंह शेखावत सांसद रहे. 2009 से 2014 तक जोधपुर की सांसद थीं चंद्रेश कुमारी कटोच. कांग्रेस नेता और महाराज हनवंत सिंह की बेटी. हनवंत सिंह मारवाड़ रियासत के अंतिम शासक थे. उनके दस्तखत से ही मारवाड़ का भारत संघ में विलय हुआ था.

कटोच के पास विरासत थी. जोधपुर में राजपूत समाज के मत भी अच्छी संख्या में हैं. लेकिन 2014 में मोदी लहर चली और नतीजे कुछ इस तरह रहे -

2014 जोधपुर लोकसभा के नतीजे

गजेंद्र सिंह शेखावत (भाजपा) - 7,13,515
चंद्रेश कुमारी कटोच (कांग्रेस) - 3,03,464

गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजनीति जोधपुर की जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी से शुरू की. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और भाजपा किसान मोर्चा में रहते हुए गजेंद्र सिंह भाजपा में ऊपर उठे. भाजपा ने जब वसुंधरा राजे का विकल्प तलाशना शुरू किया, तो गजेंद्र सिंह शेखावत को भी ग्रूम किया. 2014 का चुनाव वो मोदी लहर में जीते ज़रूर, लेकिन उन्होंने समय के साथ जोधपुर में राजपूत समाज से इतर भी अपनी पकड़ बनाई है. ये 2019 के लोकसभा चुनाव में देखने को भी मिला, जब उनके सामने अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को कांग्रेस टिकट मिला. नतीजे कुछ ऐसे रहे -

2019 जोधपुर लोकसभा चुनाव

गजेंद्र सिंह शेखावत (भाजपा) - 7,88,888
वैभव गहलोत (कांग्रेस) - 5,14,448

वैभव ढाई लाख से ज़्यादा मतों से हार गए. वो भी तब, उनके पिता अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री थे. शेखावत को इस प्रदर्शन का इनाम भी मिला. वो मोदी 1.0 कैबिनेट में राज्यमंत्री थे, मोदी 2.0 में फुल मिनिस्टर बन गए. अब उन्हें तीसरी बार टिकट मिला है. और कांग्रेस उनके सामने खड़ा किया है राजपूत समाज से ही आने वाले करण सिंह उचियारड़ा.

उचियारड़ा ने 26 अप्रैल को हुए मतदान के रोज़ फलोदी के बेंगटी कला गांव में हुई झड़प के खिलाफ प्रदर्शन किया था. आरोप लगाया था कि पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की थी. प्रदर्शन के दौरान उचियारड़ा बोले थे कि जो कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर उंगली उठाएगा, उसकी उंगली काट दी जाएगी. ये आक्रामता इस चुनाव में काम नहीं आई.

वीडियो: अशोक गहलोत के खिलाफ सरदारपुरा में गजेंद्र सिंह शेखावत को उतारेगी BJP? नेतानगरी में क्या पता चला?