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सुप्रीम कोर्ट में ऐसा भी क्या हुआ कि CJI के सामने पेशी के लिए लाई गईं शराब की दो बोतलें?

दो शराब कंपनियों के बीच का ये विवाद CJI DY Chandrachud की बेंच के सामने लाया गया. Supreme Court ने सवाल किया कि दुनियाभर में 42 शराब कंपनियां ऐसा ही कर रही हैं.

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CJI डी वाय चंद्रचूड़(बाएं) और विवादित शराब ब्रांड(बाएं) (फोटो: आजतक)

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में जज के सामने शराब की बोतलें पेश की गईं. वो भी चीफ जस्टिस डी वाय चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने. एक महीने में दूसरी बार शराब की बोतलें पेशी के लिए अदालत में लाई जा रही हैं. मामला दो बड़ी शराब कंपनियों के बीच नाम और बोतल के डिज़ाइन को लेकर चल रहे विवाद का है. 

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डिजाइन पर क्या फाइनल हुआ?

इंडिया टुडे से जुड़ी श्रृष्टी ओझा की रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश की इंदौर बेस्ड फर्म जे के ट्रेडिंग 'लंदन प्राइड' (London Pride) नाम की शराब बेचती है. इस शराब की बोतल की पैकेजिंग काफी हद तक पेरनोड रिकार्ड (Pernod Ricard) द्वारा बेची जाने वाली 'इंपीरियल ब्लू' (Imperial Blue) से मेल खाती है. मामले की सुनवाई के दौरान CJI डी वाय चंद्रचूड़ ने आरोपी पक्ष की तरफ से जिरह कर रहे वकील एस मुरलीधर से लंदन प्राइड शराब के बोतल की पैकेजिंग बदलने के लिए कहा.

इसके जवाब में मुरलीधर ने कहा वो अपने क्लाइंट से इस बारे में बात करेंगे. उन्हें इंपीरियल ब्लू की पैकेजिंग से अलग तरह की पैकेजिंग तैयार करने के लिए कहेंगे. इसके लिए उन्होंने एक हफ्ते का समय मांगा है. सुनवाई के दौरान बेंच ने निर्माता को अपनी बोतलों पर उकेरा हुआ शब्द 'सीग्राम' (Seagram) भी हटाने का आदेश दिया.

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नाम को लेकर क्या फैसला?

शराब के नाम को लेकर चल रहे विवाद पर शिकायतकर्ता पक्ष पेरनोड रिकार्ड की तरफ से सीनियर एडवोकेट ए एम सिंघवी और मुकुल रोहतगी (Mukul Rohatgi) जिरह कर रहे थे. ए एम सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि जे के इंटरप्राइजेज ने अपनी शराब 'लंदन प्राइड' में आने वाला शब्द 'प्राइड' उनकी शराब ‘ब्लेंडर्स प्राइड’ (Blenders Pride) से चुराया है. सुनवाई के दौरान CJI ने शिकायतकर्ता पक्ष से कहा,

‘आपने अपने ब्रांड में ब्लेंडर शब्द का इस्तेमाल किया है. उन्होंने लंदन. और दोनों शराब की बोतलें भी अलग हैं. उनका(आरोपी पक्ष)  कहना है कि 42 शराब निर्माता ऐसे हैं जो ‘ब्लेंडर ’और ‘लंदन’ शब्द का इस्तेमाल करते हैं. दोनों पूरी तरह अलग हैं.'

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इस पर सिंघवी ने कहा ‘क्योंकि उन्होंने नकल करने वाले 20 और लोगों पर मुकदमा नहीं किया, इसका मतलब ये नहीं है कि वह उन पर मुकदमा नहीं कर सकते.' 

रिपोर्ट के मुताबिक CJI का मानना है कि दोनों नामों में पूरी तरह से समानता नहीं है.

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